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फर्जी बिल लगाने पर हिंदुस्‍तान ने अनिल के. अंकुर को फोर्स लीव पर भेजा

हिंदुस्‍तान, लखनऊ में कार्यरत एक पत्रकार को गलत तरीके से फर्जी बिल-बाउचर लगा‍कर प्रबंधन से पैसा ऐंठने की कोशिश महंगी पड़ गई. प्रबंधन ने शक होने पर पूरे मामले की जांच अपने स्‍तर से कराई और लगभग साठ हजार का घपला सामने आने के बाद उक्‍त पत्रकार को फोर्स लीव पर भेज दिया गया है. यह पत्रकार लंबे समय से हिंदुस्‍तान से जुड़ा हुआ था. यह भी खबर आ रही है कि प्रबंधन ने उससे इस्‍तीफा भी मांग लिया है. 

<p>हिंदुस्‍तान, लखनऊ में कार्यरत एक पत्रकार को गलत तरीके से फर्जी बिल-बाउचर लगा‍कर प्रबंधन से पैसा ऐंठने की कोशिश महंगी पड़ गई. प्रबंधन ने शक होने पर पूरे मामले की जांच अपने स्‍तर से कराई और लगभग साठ हजार का घपला सामने आने के बाद उक्‍त पत्रकार को फोर्स लीव पर भेज दिया गया है. यह पत्रकार लंबे समय से हिंदुस्‍तान से जुड़ा हुआ था. यह भी खबर आ रही है कि प्रबंधन ने उससे इस्‍तीफा भी मांग लिया है. </p>

हिंदुस्‍तान, लखनऊ में कार्यरत एक पत्रकार को गलत तरीके से फर्जी बिल-बाउचर लगा‍कर प्रबंधन से पैसा ऐंठने की कोशिश महंगी पड़ गई. प्रबंधन ने शक होने पर पूरे मामले की जांच अपने स्‍तर से कराई और लगभग साठ हजार का घपला सामने आने के बाद उक्‍त पत्रकार को फोर्स लीव पर भेज दिया गया है. यह पत्रकार लंबे समय से हिंदुस्‍तान से जुड़ा हुआ था. यह भी खबर आ रही है कि प्रबंधन ने उससे इस्‍तीफा भी मांग लिया है. 

जानकारी के अनुसार हिंदुस्‍तान में विशेष संवाददाता के पद पर कार्यरत अनिल के. अंकुर को प्रबंधन ने लोकसभा चुनाव के दौरान रिपोर्टिंग करने के लिए कई प्रदेशों में भेजा था. अनिल ने रिपोर्टिंग भी की. उनके साथ कुछ अन्‍य रिपोर्टरों को भी इसी तरह रिपोर्टिंग के लिए प्रबंधन ने भेजा था. बताया जा रहा है कि सभी रिपोर्टरों ने इस दौरान हुए खर्च के बिल-बाउचर जमा किए, लेकिन अनिल के. अंकुर का बिल बाउचर सबसे ज्‍यादा था. पर्सनल और फाइनेंस विभाग को बिल-बाउचर के फर्जी होने का संदेह हुआ. 

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बताया जा रहा है कि इसके बाद प्रबंधन ने इस पूरे बिल-बाउचर की अपने स्‍तर से जांच कराई, जिसमें सामने आया कि लगभग पचास से साठ हजार रुपए का गलत बिल-बाउचर अंकुर ने लगाया था. इस कारण प्रबंधन ने उन्‍हें फोर्स लीव पर भेज दिया. प्रबंधन को इसके पहले भी अंकुर की कई शिकायतें मिल चुकी थीं, लेकिन पकड़ होने के चलते उन्‍हें अभयदान मिलता रहा, लेकिन इस बार मामला वरिष्‍ठ अधिकारियों तक पहुंच जाने के चलते उनके बचने की गुंजाइश खत्‍म हो गई. 

खबर यह भी आ रही है कि प्रबंधन ने अब अनिल के अंकुर से इस्‍तीफा देने को कह दिया है. देर सबेर उनसे इस्‍तीफा देना पड़ सकता है. गौरतलब है कि अनिल के अंकुर अपने किसी परिजन के नाम से अखबार भी निकालते हैं. हिंदुस्‍तान में काम करने की हनक के नाम पर उन्‍होंने अपने अखबार के लिए भी काफी विज्ञापन बटोरे. इस संदर्भ में अनिल के अंकुर से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. 

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