15. न्यायालय के उपरोक्त आदेशों के आधार पर, विभिन्न राज्यों के श्रम आयुक्तों ने मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड के कार्यान्वयन के संबंध में स्थिति को दर्शाती कई रिपोर्टें पेश की हैं। उक्त रिपोर्टों से पता चलता है कि कुछ राज्यों में कुछ प्रतिष्ठानों ने पूर्ण रूप से अवार्ड लागू कर दिया है, जबकि अन्य ने इसे आंशिक रूप से लागू किया है। कुछ मामलों में किर्यान्वयन के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। अवार्ड के कार्यान्वयन न करने और आंशिक कार्यान्वयन, जैसा कि हो सकता है, के कारणों की गवाही श्रम आयुक्तों की रिपोर्टें दे रही हैं, को चार तहों में पहचाना जा सकता है, जिन्हें नीचे इंगित किया गया है।
(1) श्रम आयुक्तों द्वारा दी गई रिपोर्टों के अनुसार कुछ प्रतिष्ठानों में मजीठिया अवार्ड के क्लॉज/खंड 20(जे) के तहत कई कर्मचारी केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत और अधिसूचित मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों से पूर्व मौजूद वेतन/मजदूरी के ढांचे के तहत शासित होने/कार्य करने को सहमत हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों की प्रमाणिकता और स्वैच्छिकता का मुद्दा कथित तौर पर कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत किया गया है, भी श्रम आयुक्तों की रिपोर्टों में दर्शाया गया है कि कुछ मामले अधिनियम की धारा 17(ऊपर उद्धृत) के प्रावधानों के तहत न्यायिक प्रक्रिया के अधीन किए जा रहे हैं।
(2) मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड की शर्तों को समाचारपत्र प्रतिष्ठानों द्वारा केवल नियमित कर्मचारियों के लिए कार्यान्वित करने की आवश्यकता होती है, न कि संविदात्मक/ठेका कर्मचारियों के लिए।
(3) मजीठिया वेजबोर्ड द्वारा अनुशंसित और केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत वेरिएवल पे/परवर्ती वेतन का तत्व महंगाई भत्ते जैसे अन्य भत्तों की गणना के उद्देश्य के लिए ध्यान में रखा जाना आवश्यक नहीं है।
(4) इस न्यायालय में श्रम आयुक्तों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों के अनुसार बड़ी संख्या में समाचारपत्र प्रतिष्ठानों ने गंभीर वित्तीय बाधाओं का हवाला देते हुए बकाया भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त की है।
…जारी…
द्वारा :
रविंद्र अग्रवाल
धर्मशाला
संपर्क: 9816103265
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