मुंबई : मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल (एमआरयूसी) के इंडियन रीडरशिप सर्वे (आईआरएस) 2014 के जारी आंकड़े के मुताबिक इस बार विभिन्न श्रेणियों के प्रकाशनों का क्रम जस का तस रहा है। सर्वे में पूरा सैम्पल 2.38 लाख पाठकों का रहा है। शीर्ष हिंदी समाचारपत्रों के रूप में दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और दैनिक भास्कर की श्रेष्ठता बरकरार रही है। सभी श्रेणियों में मीडिया की खपत बढ़ने का दावा किया गया है। अपने-अपने प्रसार क्षेत्र में दैनिक जागरण (हिंदी), टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेज़ी) और मलयालम मनोरमा (क्षेत्रीय भाषाओं) पहले नंबर पर रहे। हरिभूमि अखबार सातवें नंबर से खिसक कर नौवें नंबर पर पहुंच गया है। शीर्ष की पत्रिकाओं में इंडिया टुडे (हिंदी) चौथे स्थान पर पहुंच गई है। सर्वे पीरिएड में प्रिंट मीडिया की खपत 197.4 लाख बढ़कर 3015.7 लाख पर और टेलिविज़न सेक्टर की खपत 185 लाख बढ़कर 6211.2 लाख पर पहुंच गई है।
सर्वे के पिछले संस्करण में आंकड़े जुटाने की पद्धति में बदलाव की वजह से कुछ बड़ी उठापटक हुई थी। यह तथ्य आईआरएस के फील्डवर्क के दौरान चल रहे आम चुनावों के प्रचार अभियानों के प्रभाव को दर्शाता है। एमआरयूसी के मुताबिक उसके आंकड़ों की पुष्टि अंदरूनी स्तर के साथ-साथ बाहर के ऑडिट से भी कराई गई है।
मीडिया खपत आईआरएस 2013 की तुलना में 2014 के आंकड़ों के मुताबिक ‘कोई मीडिया’ खपत 211.8 लाख बढ़कर 6774.3 लाख पर पहुंच गई। इसमें प्रिंट मीडिया की खपत 197.4 लाख बढ़कर 3015.7 लाख पर पहुंच गई, जबकि टेलिविज़न सेक्टर की खपत 185 लाख बढ़कर 6211.2 लाख पर चली गई। वहीं इस दौरान रेडियो की खपत 152.9 लाख बढ़कर 989.7 लाख, डिजिटल 78.5 लाख बढ़कर 585.2 लाख और फिल्मों की खपत 15.4 लाख बढ़कर 779.4 लाख हो गई। शीर्ष पर दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और दैनिक भास्कर हिंदी के तीन शीर्ष दैनिक अखबारों के रूप में उभरे हैं। शीर्ष के दस के क्रम में एकमात्र बदलाव यह आया है कि हरिभूमि सातवें स्थान से खिसककर नौवें स्थान पर पहुंच गया। बाकी अन्य सभी हिंदी दैनिक अखबारों की प्रति अंक पाठ संख्या (एआईआर) में वृद्धि दर्ज की गई है।
शीर्ष अंग्रेजी अखबारों में केवल डेक्कन हेराल्ड के पाठकों में मामूली गिरावट आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स और हिंदू शीर्ष के तीन स्थानों पर बने हुए हैं। इस दौरान उनके एआईआर में इजाफा हुआ है।
शीर्ष के क्षेत्रीय दैनिक अखबार क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों में भी यही स्थिति पाई गई है। संदेश (गुजराती) और मातृभूमि (मलयालम) को छोड़कर ज्यादातर अखबारों की प्रति अंक पाठकों की संख्या (एआईआर) में वृद्धि हुई है। थोड़ी गिरावट के बावजूद मातृभूमि, तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रीय दैनिक बना रहा, जबकि संदेश पिछले आईआरएस के आठवें स्थान से खिसककर इस बार नौवें स्थान पर पहुंच गया।
शीर्ष की पत्रिकाओं में ऊपर-नीचे के क्रम में थोड़ी फेरबदल हुई है। हालांकि मनोरमा थोज़िल वीधि (मलयालम) इकलौती पत्रिका है जिसके एआईआर में ज्यादा कमी आई है। मसलन, इंडिया टुडे (अंग्रेज़ी) और सरस सलिल (हिंदी) के एआईआर में थोड़ा इजाफा हुआ है लेकिन दोनों ही एक स्थान नीचे खिसक गई हैं। प्रतियोगिता दर्पण (हिंदी) अब दूसरे स्थान और इंडिया टुडे (हिंदी) चौथे स्थान पर पहुंच गई हैं।
एमआरयूसी की ओर से बताया गया है कि 2013 की तरह ही आईआरएस 2014 एक बार ही जारी होगा। सर्वे के लिए तेलंगाना को अलग राज्य के रूप में जोड़ दिया गया है और अखिल भारतीय स्तर के सर्वे में पूरा सैम्पल 2.38 लाख पाठकों का रहा है। उसने यह भी कहा कि ताज़ा रिपोर्ट निकालने के लिए एमएटी (मूविंग सालाना योगफल) पद्धति का इस्तेमाल किया गया। सर्वे में 1.62 लाख प्रतिभागी शहरी भारत के थे, जबकि 76,000 घर ग्रामीण भारत के रहे। साथ ही आईआरएस 2014 के अनुमानों को 2011 की जनगणना को आधार बनाकर आबादी में वृद्धि दर के हिसाब के व्यापक स्वरूप दिया गया।