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उत्तर प्रदेश

फिर वहीं पर जीमेंगे जागेन्‍द्र सिंह की तेरहवीं का भोज

देख्‍यौ भइया, तेवरिया ऐण्‍ड कम्‍पनी वालों ने तो शाहजहांपुर में जिन्‍दा फूंक डाले गये जागेन्‍द्र सिंह वाला मामिला को 20 लाख रूपया में डन ( नक्‍की-पक्‍का ) कराया था। सरकार और अफसरों के सामने डींगें खूब मारी थी कि,” यह बड़ा मुश्किल काम है। आजकल पत्रकार खुद को बहुत ईमानदार बनते हैं। ऐसे में इन पत्रकारों को सेट करना बड़ा मुश्किल होता है। खुद की छवि की भी बलि देनी पड़ती है।”

<p>देख्‍यौ भइया, तेवरिया ऐण्‍ड कम्‍पनी वालों ने तो शाहजहांपुर में जिन्‍दा फूंक डाले गये जागेन्‍द्र सिंह वाला मामिला को 20 लाख रूपया में डन ( नक्‍की-पक्‍का ) कराया था। सरकार और अफसरों के सामने डींगें खूब मारी थी कि," यह बड़ा मुश्किल काम है। आजकल पत्रकार खुद को बहुत ईमानदार बनते हैं। ऐसे में इन पत्रकारों को सेट करना बड़ा मुश्किल होता है। खुद की छवि की भी बलि देनी पड़ती है।"</p>

देख्‍यौ भइया, तेवरिया ऐण्‍ड कम्‍पनी वालों ने तो शाहजहांपुर में जिन्‍दा फूंक डाले गये जागेन्‍द्र सिंह वाला मामिला को 20 लाख रूपया में डन ( नक्‍की-पक्‍का ) कराया था। सरकार और अफसरों के सामने डींगें खूब मारी थी कि,” यह बड़ा मुश्किल काम है। आजकल पत्रकार खुद को बहुत ईमानदार बनते हैं। ऐसे में इन पत्रकारों को सेट करना बड़ा मुश्किल होता है। खुद की छवि की भी बलि देनी पड़ती है।”

यही दलीलें देकर इस कम्पनिवालों ने भारी दलाली का काफी परसेंट चार्ज वसूला, बाकी किश्‍तों में वसूलने का आश्‍वासन जेब में रक्‍खा और काम-तमाम हुआ समझ कर यह कम्‍पनी और उसके कारकून लोग भुवनेश्‍वर निकल गये थे। बोले थे, “मामिला डन हो चुका है।”

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लेकिन वह तो सोशल-साइट वाले तो बिलकुल्‍लै नासपीटे निकले। इन मुए फेसबुकियों ने ई मामिला में इत्‍ता हल्‍ला-दंगा कराय दिया, कि उसे सुलटाने में बाकी अफसरों को सरकार के टेंट से 10 पेटी एडीशनल चार्ज का पेमेण्‍ट करना पड़ा। वैट टाइप टैक्‍स उप्‍पर से।एक नहीं, दो-दो नौकरी भी देनी पड़ी, साथ में पांच एकड़ जमीन घाते में। इसे कहते हैं सरचार्ज। नतीजा, दलाली का हिस्‍सा फंस गया और जो धेला भर की इज्‍जत बची-खुची थी, वह भी दो-कौड़ी की साबित हो गयी। गले में स्‍पाण्डिलाइटिस वाला पट्टा अलग फंस गया।

फेसबुक पर यह मामला बिलकुल इसी तरह देखा, समझा, और छीछालेदर-टाइप फेंका जा रहा है। कई-कई दिनों से भीगे जूतों की बारिश इन दलालों पर हो रही है। अब आप भी थोड़ा मुजायका लीजिए ना:-

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Sheetal P Singh ने जमकर धरचुक्‍क दिया। बोले:- “दस पेटी बढवा दिये ? बीस में तेवारी डन किये रहें ? “Shashi Kant Singh तो बे-हिसाब हमला कर बैठे। पूरी की पूरी भले न सही, लेकिन इस बिरादरी के एक हिस्‍से पर तो उन्‍होंने खंखार कर थूक ही दिया है। लिखा है:- “अब अखबारों और न्‍यूज चैनलों से ही नहीं; पत्रकारों से भी पूछा जा सकता है कि तुम किस पार्टी की रखैल हो।”

Aflatoon Afloo भी बहुत कड़े शब्‍दों में सवाल उठाते हैं:- “उच्चतम न्यायालय की नोटिस का क्या जवाब देती है बेहया अखिलेश सरकार देखा जाए ।”

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अफलातून ने जब यह लिखा तो Shashank Shukla ने चेंप दिया:-” खीस निपोर देगी…।” Sanjay Mishra Patrakar कहते हैं कि :- “सौवीर सर, अब चाहे जो हो जाय,,,लेकिन आप ने ओखली में सर डाल कर सच्चाई दुनिया के सामने ला दी,,,सदियों तक पत्रकार जगत आप को गर्व के साथ याद करेगा…..।” कुछ ऐसा ही भय नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी जी को भी सता रहा है, लेकिन पूरे गर्व के साथ। वे लिखते हैं कि:- “गर्व ही नही, सौवीर जी की रक्षा भी करनी है.कहीं यह माफिया पुलिस गठजोड़ उनको परेशान न करें. “Drsk Gautam तारीफ करते हैं कि:-” Aap nahi bikey,aapka zameer nahi bikaa,aapka “

दिव्य रंजन पाठक इस घटना को भाजपा-सपा की मोहब्‍बत का दैवीय दृश्‍य देखते हैं। बोले:- “देखा, इसे कहते हैं योग (जोड़), वीजेपी वाले क्या करेंगे योग, आखिर योगीश्वर कृष्ण यदुवंशी थे….Khuli ladai ke liye aaka ।”

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Prabhat Tripathi भी खूब चुटकी काटते हैं। बोले:- “जाने वाला तो चला गया, परिवार वालों ने कीमत भी ले ली। मुख्यमंत्री ने कौन सा अपनी जेब से देना है। लेकिन आपके डटे रहने को सलाम।” OM Prakash Mishra तो सत्‍ताधारियों को चुनाव की चुनौती दे रहे हैं।

Rajesh Mishra के पास सरकार को देने के लिए बेहिसाब:- “लानत है। ” Preet Times का सवाल है कि ” KYA EK DABANG AUR DILER PATRAKAR KE MAUT KI KEEMAT NAUKARI AUR 30 LAKH RUPAYA HI HAI”

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तो अब चलो दोस्‍तों। हम भी अब चलते हैं हसीन किसी समन्‍दर के किनारे। फिर वहीं पर जीमेंगे जागेन्‍द्र सिंह की तेरहवीं का भोज।

कुमार सौवीर के एफबी वाल से

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