कानून और नियम को ठेंगे पर रखता है दैनिक जागरण प्रबन्धक… गया के श्रम अधीक्षक के साथ दैनिक जागरण प्रबंधक ने की गुंडागर्दी… नहीं करने दिया प्रेस की जांच… पंकज कुमार दैनिक जागरण गया के वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं. इन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड मांगा तो प्रबंधन ने इन्हें परेशान करना शुरू कर दिया… पंकज ने बिहार के श्रम आयुक्त गोपाल मीणा के यहां एक आवेदन दिनांक 26.07.2017 को दिया था.. इसमें पंकज कुमार ने आरोप लगाया था कि गया सहित दैनिक जागरण बिहार के सभी चार प्रकाशन केंद्र में श्रम कानून के तहत मीडियाकर्मियों और गैर मीडियाकर्मियों को लाभ नहीं दिया जा रहा है. 90 प्रतिशत से अधिक पत्रकारों एवं गैर-पत्रकारों का प्राविडेंट फंड, स्वास्थ्य बीमा, सर्विस बुक समेत कई सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है. साथ ही माननीय सर्वोच्च्य न्यायालय द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड के तहत ग्रेड की घोषणा भी नहीं की गई है.
श्रम आयुक्त गोपाल मीणा ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए अपने ज्ञापांक 3/डी-96/2015 श्र० स० 4142 दिनांक 04-08-17 के माध्यम से दैनिक जागरण की नियमानुकूल आवश्यक जांच करने का आदेश निर्गत किया था तथा कृत कारवाई से संबंधित प्रतिवेदन विभाग को तुरंत उपलब्ध कराने का आदेश मगध प्रमंडल के उप श्रमायुक्त को दिया था. श्रम आयुक्त गोपाल मीणा के उक्त आदेश के अनुपालन हेतु कल दिनांक 19 सितम्बर को श्रम अधीक्षक, गया जुबेर अहमद दैनिक जागरण प्रेस की जांच करने के लिए गए थे. परन्तु उन्हें प्रेस के मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश करने की ईजाजत दैनिक जागरण के प्रबन्धक द्वारा नहीं दी गई.
यह घटना प्रबन्धक की गुंडागर्दी और कानून की अवहेलना को दर्शाता है. पंकज कुमार ने इसके पूर्व माननीय उच्चतम न्यायालय में अवमानना वाद दायर किया था. अपने गया से जम्मू तबादले को स्टे करने तथा मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के आलोक में वेतन सहित अन्य सुविधा की मांग की थी. माननीय उच्चतम न्यायालय ने सभी आवेदकों को श्रम आयुक्त के पास इंडस्ट्रियल डिस्पुट एक्ट के तहत आवेदन दायर करने का आदेश दिया है. पंकज कुमार द्वारा दायर अवमानना वाद की खबर भड़ास ने प्रमुखता से एक मई को प्रकाशित किया था.
बिहार से एडवोकेट मदन तिवारी की रिपोर्ट. संपर्क : [email protected]