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जासूसी कांड : टेलीग्राफ का कवरेज सब पर भारी, आपके अख़बार का क्या हाल है?

शीतल पी सिंह-

जिन अख़बारों ने जासूसी कांड की खबर पहले पेज पर प्रकाशित नहीं की, उनका बहिष्कार करें!

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अपने नागरिक धर्म का पालन कीजिए। यदि पिछले दो दिनों में आपके घर आने वाले अखबार ने Pegasus प्रकरण से संबंधित खबर पहले पेज पर नहीं दी है तो भारतीय नागरिक होने के नाते उस अखबार को आपको सूचित करने की जिम्मेदारी से जानबूझकर विमुख रखने के कारण आपको तुरंत कल से घर में आने से रोक देना चाहिए।

यह खबर सभ्य और लोकतांत्रिक दुनिया के सभी अखबारों की बीते दो दिनों की सबसे प्रमुख खबर है।

सिर्फ़ एक अखबार, वह भी कलकत्ते से इस दौर में अपनी पेशागत भूमिका निबाह रहा है जिसकी भाषा अंग्रेजी है इसलिए वह बहुत ही सीमित समाज तक पहुंचता है।

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ज़ाहिर है सर्वशक्तिमान को चींटी के काटने से क्या फ़र्क पड़ता है?

इस पोस्ट को लाइक या कमेंट तक सीमित न रखिए बल्कि सभी लोग अपनी अपनी वाल पर शेयर कीजिए क्योंकि फेसबुक भी सेंसरशिप में मददगार है और रीच कम कर देता है।


डंका तो खैर ऐसा बज रहा है जैसा किसी का नहीं बजा और दुनिया भर में बज रहा है बस दैनिक जारगन अमर अंधेरा और उनके लोकल बिरादरों को छोड़कर…


यूरोप के इकलौते देश हंगरी का भी Pegasus स्पाईवेयर के ज़रिए नागरिकों की जासूसी कराने में नाम आया है ।

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विपक्ष ने इसे हंगरी का वाटरगेट बताया है और प्रेसिडेंट ओरबान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी के सामने जाँच किये जाने का आह्वान किया है । लोगों से सड़क पर उतर कर विरोध जताने का आह्वान किया गया है । वहाँ के अख़बार इस स्कैंडल की खबरों से अटे पड़े हैं।


WhatsApp के विश्व प्रमुख ने Pegasus जासूसी प्रकरण पर एमनेस्टी और मीडिया संगठनों के इनवेस्टीगेशन को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि हम तो पहले ही इस बात को कह रहे थे कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार के विरुद्ध अपराध NSO नाम की कंपनी के ज़रिए हो रहा है ।

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जबकि भारत सरकार ने अपने बयान में कहा था कि व्हाट्सएप ने रिपोर्ट को नकार दिया था

“Reports [of Pegasus hacking] had no factual basis and were categorically denied by all parties, including WhatsApp.”

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ग़ौरतलब है कि 2019 में व्हाट्सएप ने ही अमेरिका में सबसे पहले इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी कि कोई स्पाईवेयर उनके सिस्टम में अनधिकृत ढंग से प्रवेश कर कुछ देशों में टारगेटेड फ़ोन्स की गुप्तचरी करवा रहा है ।

2 Comments

2 Comments

  1. Apatriot Ghabrayahuwa

    July 20, 2021 at 9:51 pm

    … and our people are least concerned about the affairs as if nothing has happened in India.
    We need to have an independent, unbiased , unpaid mind and above all we are accountable to the next generations.
    #RIP #democracy

  2. RAHUL JOSHI

    July 21, 2021 at 12:13 am

    पिछले काफी दिनों से आपकी ज्यादातर खबर को देख रहा हूँ, में किसी भी राजनेता या राजनैतिक पार्टी का समर्थक नही हूँ, लेकिन आपकी ज्यादातर खबर मोदी विरोधी होती है, राहुल सोनिया या कांग्रेस के विरोध में कुछ नही लिखते, इसका क्या अर्थ निकाला जाए।

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