राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को उदयपुर के राजस्थान विद्यापीठ सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान बंटे पर्चों ने कोठारी की हवा हवाई बातों की कलई खोल कर रख दी। गौरतलब है कि कोठारी पर पत्रकारों के लिए बने मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को अपने अख़बार में लागू नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा कसने से बौखलाकर उन्होंने करीब चार दर्जन कर्मचारियों को गैर कानूनी रूप से ट्रान्सफर और टर्मिनेट कर दिया है।
विद्यापीठ सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही लोग कोठारी की कथनी और करनी में फर्क की बात करते हुए वहाँ मौजूद स्थानीय संपादक एवं शाखा प्रबंधक से सवाल करने लगे। अख़बार मालिक के सामने अपनी इज्जत ख़राब होते देख अधिकारियों ने क्राइम रिपोर्टर को तत्काल पुलिस फ़ोर्स लेकर मौके पर आने को कहा। बाद में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर पर्चे बाँट रहे कर्मचारियों को पुलिस ने धमकाया और केस करने की चेतावनी दी। इस बीच सर्क्युलशन और मार्केटिंग की टीम को लेकर पहुचे मैनेजर मनोज नायर और अरुण शाह भी पुलिस की भाषा बोलते हुए धमकाने लगे।
हंगामा इतना बढ़ गया के गाली-गलौज व हाथापाई की नौबत आ गयी। यहाँ विद्यापीठ के कुछ कर्मचारियों के बीच बचाव से मामला शांत हुआ। इधर, बदहवास हुए मैनेजमेंट ने कार्यक्रम में मौजूद मजीठिया का केस करने की वजह से टर्मिनेट किये गए एक पत्रकार के आगे पुलिस अधिकारी को खड़ा कर दिया। आगे-पीछे की सभी सीटो पे मैनेजमेंट के गुर्गे बिठा दिए। इन्हें डर था कि कोई अनहोनी न हो जाए।
फोटोग्राफर ने उस कर्मचारी के 100 से ज्यादा फ़ोटो लिए। यही नहीं कार्यक्रम में पर्चे आते ही मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। जयपुर में भी बिरला सभागार में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और वकीलो के सामने पर्चे बाँटे थे। तब जज और वकीलो ने इस मुद्दे पर गुलाब कोठारी की काफी फजीहत की थी।
जावेद अख्तर
June 25, 2015 at 7:46 pm
मजीठिया को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया है इसके बावजूद बड़े और नामी गिरामी अखबार के मालिकों ने इसे लागू नहीं किया है, सोचिए ऐसे अखबार समाज को क्या सच दिखाएंगे। जो सुप्रीम कोर्। के आदेश की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहें है वो सरकार, शासन, प्रशासन को क्या समझेंगे। जबकि बड़े बड़े आयोजन किए जाते हैं और अखबार मालिकों को पुरस्कृत किया जाता है । अखबार कौन से पायदान पर पहुंच चुका है इसी से अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है।
ramsingh
June 26, 2015 at 6:18 am
ऐसे चोर गद्दार भृष्ट अखवार मालिको को तो बीच चौराहों पर पकड़ कर जूते लगाने चाहिए
ये हरामजादे साले मम्मान लेने तो बड़ी जल्दी दौड़ कर चले जाते कुत्ते पर वेज बोर्ड देने मैं इन गांडूओ को मौत आते
फिर साले गुलाब कोठार करे तो िाहरम्जदे ने अपने केसरगर मैं retired लोगो कोई अनुभन्ध पर रख कर चोरी के लेखो को अपने अनुसार लिखवाकर अपने नाम से छपता है हरमज्दा अपने आप को बहुत बड़ा लेखक बनता साला अय्याश दरवाज रांडवज दुनिया को उपदेश देता फिरता हैं इसके पुरे संस्थान मैं सारे काम दो नम्बर मैं होते हैं
फिर उदयपुर के बात करू तो हमारी सभक मनायें है उन साथियो को जिन लोगों ने इस गद्दार गुलाब कोठारी के खिलाफ आवाज उठाई शाबास जवानो लगे रही हम आपके साथ
ramsingh
June 28, 2015 at 12:54 pm
गुलाब कोठारी हरामजादे गद्दार गांडू मादरचोद अभी भी समझ मैं नहीं आरही है बूढे सुधर जा बहुत अति कर रखी है साथ मैं अपने एच आर बाले कुत्तो को पी के गुप्ता , जे पी शर्मा , मनोज ठाकुर को भी थोड़ा समझा बरना इन कुत्तो की भी अब खैर नहीं है सालो बहुत उलटी सीढ़ी चाले चल रहे हो सुधर जाओ बरना तुम्हारी औलादे सड़ाक पर भीक मांगेगी हरामजादो ये कुत्ते मालिक कभी किसी के सगे नहीं होते नालायको बरना तुम्हारे भी मौत अब पक्की हैं
इतना इसरा काफी है