वाशिंगटन पोस्ट की इंडिया ब्यूरो चीफ Annie Gowen ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी कि पिछले कुछ सप्ताह में दो बार उनसे प्राइवेट पीआर कंपनियों ने सरकारी अफसरों के प्रतिनिधि के बतौर संपर्क करने की कोशिश की. जनता के धन का क्या खूब इस्तेमाल हो रहा है. इस ट्वीट में उन्होंने पीएमओ इंडिया को टैग भी किया है. ((Annie Gowen- “We have been contacted twice in recent weeks by private PR companies representing Indian govt. officials. Good use of govt funds? @PMOIndia))
वाशिंगटन पोस्ट की भारत ब्यूरो चीफ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया और दिल्ली दरबार में बवाल मच गया. लोगों ने इस ट्वीट का आशय निकाला कि मोदी सरकार इमेज ने मेकिंग के लिए प्राइवेट पीआर कंपनियों को विदेशी मीडिया को पटाने के लिए लगा दिया है. इस काम पर भारी भरकम पैसा खर्च किया गया है. लोगों का कहना है कि मोदी सरकार जनता के धन का इस्तेमाल अपनी छवि निर्माण के लिए कर रही है जो सरासर गलत है. वाशिंगटन पोस्ट की पत्रकार के इस खुलासे के बाद ट्विटर पर #ModiMediaGate नाम से यह पूरा प्रकरण वायरल हो गया.
बाद में वाशिंगटन पोस्ट की पत्रकार Anne Gowen ने एक और ट्वीट किया कि मोदी सरकार महंगी पीआर कंपनियों को हायर करने की जगह अपने अधिकारियों को टाइमली अवेलेबल रहने को कह दें, बस इतना ही काफी है. ((“Point being Modi govt doesn’t need to hire fancy PR firms-they just need to make officials available in timely way @PMOIndia”))
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया मामलों के जानकार शीतल पी. सिंह कहते हैं: ”Annie भारत में Washington Post की ब्यूरो चीफ़ हैं। उनका कहना है कि सरकार के प्रचार में तैनात प्राइवेट पी आर कंपनियाँ उन्हे लगातार संपर्क कर रही हैं जबकि सरकारी अधिकारी समय पर उपलब्ध ही नहीं होते! ग़ौरतलब है कि तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक मोदी अमरीका / यूरोप की प्रेस में “सुधीर चौधरी” विकसित करने में असफल रहे हैं!”