प्रभाकर कुमार मिश्रा-
प्रधानमंत्री जी ने सभी संपादकों की मेहनत पर पानी फेर दिया!लोकसभा में आज बोलते हुए प्रधानमंत्री ने बोल दिया – ‘मोदी पर भरोसा टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ, मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से नहीं हुआ! जनता को मोदी पर भरोसा इसके काम के चलते हुआ!’

यशवंत सिंह-
गौतम अड़ानी को साढ़े चार बिलियन और चाहिए। तब वे दो पायदान ऊपर चढ़ कर पंद्रहवें स्थान पर पहुँचेंगे। फ़ोर्ब्स की वेबसाइट अब रोज़ एक बार चेक कर लेता हूँ। रीयल टाइम बिलनेयर की ताजा पोजीशन जानने के लिए।

माँ क़सम राष्ट्र का सवाल है। राष्ट्र पर हमला है। लेकिन अपने मोदी जी ने अपने मित्र के इस मुश्किल वक्त पर, राष्ट्र के शिखर उद्योग पुरुष पर हमले को लेकर एक लाइन भी संसद में कुछ नहीं कहा।
ऐसे थोड़े न होता है। दोस्ती खुल कर की जाती है तो खुल कर निभाई भी जाती है।
भजपैये सब चरित्र से दोहरे होते हैं। जो होते हैं वो कहते नहीं, जो कहते हैं वह सदा संदिग्ध होता है!
मोदी जी का आज पूरा भाषण सुन गया। इंतज़ार करता रह गया कि अड़ानी जी पर हुए हमले पर अब बोले तब बोले… लेकिन वो तो बेचारे पप्पू को ही ढीशुम ढीशुम कर अपनी भड़ास निकालते रहे।
राहुल ख़ुद को अपग्रेड कर रहे लेकिन मोदी जी ख़ुद को डीग्रेड कर रहे हैं दिनोंदिन!
ज्ञानेश तिवारी-
कल संसद में राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी के कपड़े उतारे। पहले धीरे-धीरे एक-एक करके कपड़े खोले, फिर एक झटके से चड्ढी खींचकर उतार दी और नरेन्द्र मोदी पूरे नंगे हो गए। देश ने कल देखा कि कैसे देश का प्रधानमंत्री एक व्यापारी के लिए दुनिया भर में घूम-घूम कर दलाली करता है। अगर आपने कल का भाषण नहीं सुना तो ढूँढ कर सुन लीजिए। आने वाले सालों में पढ़ाया जाएगा ये भाषण।
पुण्य प्रसून वाजपेयी का विश्लेषण- अड़ानी पर बोलने से क्यों डर रहे हैं मोदी जी…
One comment on “मोदी जी का भाषण : अड़ानी का नाम तक न लिए, संपादकों की मेहनत पर पानी ज़रूर फेर दिया!”
चकित हू यशवंत जी आपका राष्ट्रप्रेम देख कर ! मोदीजी ने आपके अपेक्षा नुसार अपने मित्र के लिए कुछ नही कहा. शायद पीएम ने सोचा होगा एक व्यापारी से बढकर देश होता है. उसके खातिर देश की गरिमा पर आंच नहीं आधी चाहिये…