बालाघाट जिले के बैहर में खरीदी गई जमीन के सौदे में की गई दलाली और बाद में जमीन में भागीदारी बनाये जाने की चाहत के कारण ही संदीप कोठारी एवं कथित आरोपियों के बीच हुई अनबन के चलते उसकी हत्या कर दी गई। इस घटनाक्रम का मास्टर माइंड राकेश नर्सवानी अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसे पुलिस द्वारा 8-9 जुलाई की मध्य रात्रि बोनकटा के समीप परसवाडा घाट से घेराबंदी कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वह परिवारजनों से मिलने कटंगी पहुंचने की फिराक में था।
इस जघन्य हत्याकांड के संबंध में पत्रकार वार्ता में बालाघाट मंडला जोन के पुलिस महानिरीक्षक डी.सी. सागर ने बताया कि इसका मास्टर माइंड राकेश नर्सवानी ही है। उसी ने ही इस हत्याकांड की रूपरेखा बनाकर अन्य आरोपियों के सहयोग से इस घटना को अंजाम दिया। इस मामले से जुडे अन्य 6 आरोपियों को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि आरोपियों और मृतक के बीच अत्यंत घनिष्ठ संबंध रहे हैं लेकिन उनमें आपसी रंजिश भी इतनी बढ़ गई कि वे आपस में एक दूसरे की जान लेने के लिये अमादा हो गए।
राकेश की गिरफ्तारी करने के लिये पुलिस इसके बैंक खाते सीज करवाये तथा इसके छिपने के ठिकानों पर पुलिस पार्टियां तैनात कर दी गईं। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर उसकी लोकेशन प्राप्त कर उसे गिरफ्तार करने के लिये पुलिस पार्टियां हैदराबाद, शिरडी, अहमदनगर, कटनी, जबलपुर, रायपुर, दुर्ग, संबलपुर, ईलाहाबाद, गोवा और नागपुर भेजी गई थीं लेकिन शातिर अपराधी राकेश बार बार भागने में सफल होता रहा। चूंकि उसका बैंक खाता सीज कर दिये जाने के बाद उसे पैसों की जरूरत पड़ी, उसने घर वालों से संपर्क किया। पैसे लेने के लिये कटंगी पहुंचने के पहले ही उसे पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।
उसने अपने परिजनों से दूसरों के मोबाईल से संपर्क भी किया था। घटनाक्रम के 18 दिनों के दौरान उसने 6 मोबाईल बदले और 10 अलग अलग सिमों के माध्यम से वह अपने लोगों से संपर्क करता रहा लेकिन सायबर सेल और प्रकरण के अनुसंधान हेतु गठित एसआईटी की टीम ने उसे अपने शिकंजे में जकड़ ही लिया।
राकेश के विरुद्ध बालाघाट जिले के कटंगी, तिरोडी, वारासिवनी तथा सिवनी थाने में विभिन्न आपराधिक मामलों के 8 प्रकरण सन 2012 से 15 के मध्य पंजीबद्ध किये गये हैं। इसी तरह इस पर सन 2009 से 2015 की दरम्यानी 18 मामलों में उसके विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कटंगी और तिरोडी थानों में की जा चुकी है। सागर के अनुसार इसे न्यायालय में प्रस्तुत कर उसका पुलिस रिमांड लिया जायेगा और उससे घटनाक्रम के संबंध में पूछताछ की जायेगी। विवेचना में किसी अन्य अपराधियों के शामिल होने का पता लगाया जायेगा। विवेचना जारी रहेगी।