Chandan Srivastava : मुलायम सिंह यादव ने आईएफडब्लूजे द्वारा आयोजित एक सेमीनार में बोलते हुए कहा कि ”मीडिया ने उनके खिलाफ खबरें छापी पर उन्होंने इसे अपनी सहज आलोचना के रूप में ही लिया.” अब एक वाक्या सुनिये, 2007 के विधानसभा चुनावों का प्रचार चरम पर था. इसी दौरान मुलायम सिंह की एक सभा फैजाबाद के क्षत्रिय बोर्डिंग में आयोजित हुई. मुलायम सिंह की मंच के सामने बनी डी और सभा में मौजूद लोगों के बीच तैयार की गई एक गैलरी में तमाम चैनलों के मीडियाकर्मी मुलायम के भाषण को कवर कर रहे थे. यह वो समय था जब अमिताभ बच्चन द्वारा किए गए विज्ञापन ‘यूपी में है दम, जुर्म यहां है कम’ की जमकर आलोचना हो रही थी. उत्तर प्रदेश अपराधों से कराह रहा था और सरकार जुर्म के कम होने का दावा कर रही थी.
बहरहाल मुलायम अपने भाषण के दौरान मीडिया पर हमलावर हो गए. कहने लगे पिछड़े और गरीबों का प्रतिनिधित्व करने के कारण मीडिया उनके पार्टी की सरकार को निशाने पर लिए रहता है, आदि आदि. मुलायम के इस भाषण में इतना दम था कि वहां मौजूद लोग/सपा कार्यकर्ताओं ने चिल्ला-चिल्ला कर मीडिया को गाली देना शुरू कर दिया. हालांकि कुछ सपा के ही लोग उन्हें शांत भी कराने का प्रयास कर रहे थे. इधर हमारा डर के मारे बुरा हाल था, लोग भड़क चुके थे, पीछे से गंदी गालियां भी आ रही थीं. हम ये सोच रहे थे कि मुलायम के जाने के बाद अगर किसी एक ने भी हम पर हमला किया तो भीड़ हमारा क्या हश्र करेगी? खैर मुलायम का भाषण खत्म होने के बाद कुछ सपा के लोगों ने ही हमें वहां से निकाला इससे पहले की भीड़ पर भाषण का और सुरूर चढता. मुलायम अपनी आलोचना को कितना सहज लेते हैं, अब आप तय कर लें.
लखनऊ के युवा और तेजतर्रार पत्रकार चंदन श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.
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