नोएडा डीएम से मिलकर शिकायत करने के बाद
एडीसीपी, क्राइम से लिखित शिकायत करने के बाद
लेबर कोर्ट में केस करने के बाद
सेक्टर 20 थाने में लिखित शिकायत के बाद
भड़ास पर खबर छपने के बाद
नवतेज टीवी के ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन के बाद
सोशल मीडिया (ट्विटर) पर एक मुहिम चलाने के बाद….
नवतेज टीवी के CEO अनुराग पांडेय ने 24 जून 2020 को हम सभी पीड़ित पत्रकारों से बात की थी।
हमें सोमवार तक सबकी 2 महीने 10 दिन की सैलरी (जो अभी तक हमें नहीं दी गई थी) देने का वादा किया गया।
लेकिन हमारे साथ एक बार फिर धोखा हुआ। हमें गुरुवार तक की गोली दे दी गई। गुरुवार को भी कुछ नहीं हुआ।
भड़ास से विनती है कि हम लोग जल्द ही कई ऑडियो भेजने वाले हैं। उसे अपलोड करने की कृपा करें। इन आडियोज से नवतेज टीवी के CEO अनुराग पांडेय के चरित्र का खुलासा होगा।
हम लोग थके नहीं है न टूटे हैं न हारे हैं। हम नई रणनीति बनाने में जुटे हैं। हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। हम लोग सड़क पर हैं। इसलिए हम लोग उन्हें छोड़ेंगे नहीं जो भगोड़े हैं और झूठे हैं।
कोरोना और लॉकडाउन का बहाना बनाकर नवतेज टीवी मैनेजमेंट (तिवारी तिवारी, अनुराग पांडेय और राम) ने कर्मचारियों के साथ साथ सोशल मीडिया पर बयान छापवाकर सबको पागल बना दिया है. क्वारंटाइन की आड़ में बड़ी ही चालाकी से राम ने चैनल को 14 दिन तक बंद करने का फैसला लिया और कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि सभी को सैलरी मिलेगी.
समय बीतता गया लेकिन मैनेजमेंट के वादे खोखले निकला. सब कुछ सोशल मीडिया तक ही समिति रहा.
जब पानी सिर से ऊपर निकल गया तो कर्मचारियों ने सैलरी के लिए एकजुट होकर नवतेज टीवी मैनेजमेंट के खिलाफ हल्लाबोल दिया. थक हारकर मैनेजमेंट ने सभी कर्मचारियों को आश्वासन दिया और कहा कि सैलरी 29 जून को आ जाएगी लेकिन ये भी वादा रोहित तिवारी एंड कंपनी का खोखला साबित हुआ.
मैनेजमेंट हर बार सैलरी नहीं देने के पैंतरे अजमा रहा है. इसका खामियाजा कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा. अगर मैनेजमेंट को सैलरी देने हैं तो वो साफ करे. नहीं तो कर्मचारी कानूनी लड़ाई भी लड़ाने के तैयारी है. ये भी कहा जा रहा है रोहित तिवारी एंड कंपनी जयपुर में भी ऐसा कांड कर चुकी है एक बार.
नवतेज टीवी के पीड़ित पत्रकारों द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
पूरे प्रकरण को समझने के लिए इन्हें भी पढ़ें-