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ज़ी से न्यूज नेशन पहुंचे आनन्दवर्धन

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय आनन्दवर्धन प्रियवत्सलम ने न्यूज नेशन ज्वाइन कर लिया है। इसके पहले वे ज़ी मीडिया थे। हालांकि यहां वे अधिक समय तक नहीं रहे। ज़ी से पहले वे सहारा समय में बिहार झारखंड के आउटपुट हेड थे। सैलरी संकट के कारण उन्होंने सहारा को छोड़ा। 1996 में आकाशवाणी और दूरदर्शन पटना से अपना करियर शुरू करनेवाले आनन्दवर्धन को जमीन से जुड़ा पत्रकार माना जाता है।

<p>दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय आनन्दवर्धन प्रियवत्सलम ने न्यूज नेशन ज्वाइन कर लिया है। इसके पहले वे ज़ी मीडिया थे। हालांकि यहां वे अधिक समय तक नहीं रहे। ज़ी से पहले वे सहारा समय में बिहार झारखंड के आउटपुट हेड थे। सैलरी संकट के कारण उन्होंने सहारा को छोड़ा। 1996 में आकाशवाणी और दूरदर्शन पटना से अपना करियर शुरू करनेवाले आनन्दवर्धन को जमीन से जुड़ा पत्रकार माना जाता है।</p>

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय आनन्दवर्धन प्रियवत्सलम ने न्यूज नेशन ज्वाइन कर लिया है। इसके पहले वे ज़ी मीडिया थे। हालांकि यहां वे अधिक समय तक नहीं रहे। ज़ी से पहले वे सहारा समय में बिहार झारखंड के आउटपुट हेड थे। सैलरी संकट के कारण उन्होंने सहारा को छोड़ा। 1996 में आकाशवाणी और दूरदर्शन पटना से अपना करियर शुरू करनेवाले आनन्दवर्धन को जमीन से जुड़ा पत्रकार माना जाता है।

आकाशवाणी पटना के लोकप्रिय चौपाल में उनकी रमेशर भाई की भूमिका को लोग आज भी याद करते हैं। वर्ष 2000 में  पटना में हिन्दुस्तान अखबार ज्वाइऩ कर वहां कई बड़ी खबरों को ब्रेक भी किया। वहां गिरीश मिश्र, नवीन जोशी, श्याम वेताल, देशपाल सिंह पवांर जैसे संपादकों के साथ उन्होंने जमकर काम किया। हिन्दुस्तान में लगभग 6 साल काम करने के बाद वे पटना से दिल्ली आकर सहारा टीवी से जुड़ गए थे।

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