रायपुर. दैनिक भास्कर छत्तीसगढ़ के रायपुर संस्करण के अधीन महासमुंद पुलआउट के ब्यूरो चीफ नीरज गजेंद्र के बारे में खबर आ रही है कि उनका स्थानांतरण कर दिया गया है. चर्चा है कि तबादले के बाद नीरज ने इस्तीफा दे दिया है. उधर, कुछ लोगों का कहना है कि भास्कर प्रबंधन ने स्थानांतरण के नाम पर नीरज को अखबार से हटाने की साजिश रची. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के परिवारिक सदस्यों के नाम पर शासकीय पट्टे की जमीन खरीदी मामले को तेजतर्रार पत्रकार नीरज ने प्रमुखता से उठाया था.
ऐसी दमदार खबरें दैनिक भास्कर समूह के मालिक अग्रवाल बंधुओं को रास न आई और ये खासे नाराज हो गए. इसके बाद नीरज गजेंद्र का तबादला रायपुर कर दिया गया. उनकी जगह दुर्ग से अतुल अग्रवाल को महासमुंद भास्कर का ब्यूरो चीफ बनाया गया. महासमुंद ब्यूरो चीफ नीरज का रायपुर स्थानांतरण किए जाने के बाद जितने मुंह उतनी चर्चाएं शुरू हो गईं. खबर है कि नीरज गजेंद्र ने भास्कर से त्यागपत्र दे दिया है. वहीं कुछ अन्य लोगों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस पर विज्ञापन टारगेट में सहयोग न करने के कारण मार्केटिंग के रीजनल हेड सौरभ साहू ने ब्यूरो चीफ की हाई लेवल पर शिकायत की थी.
उधर, नीरज गजेंद्र के करीबी लोगों का कहना है कि नीरज का स्थानांतरण संस्थान ने रायपुर यूनिट की जरुरत को ध्यान में रखकर किया था. दैनिक भास्कर में नीरज को पदोन्नत कर समाचार संपादक बनाया गया. महासमुंद में इतना बड़ा पद नहीं है. महासमुंद में ब्यूरो चीफ को पदस्थ किया जाना है. संस्थान में नीरज समेत दूसरे साथियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया मंत्री के रिश्तेदारों की जमीन से जुड़े मामले की खबरें छपने से माहभर पहले शुरू हो गई थी.
नीरज के इस्तीफे के प्रस्ताव पर नेशनल एडिटर (सेटेलाइट) शिवकुमार विवेक और स्थानीय संपादक शिव दुबे के साथ दैनिक भास्कर के लगभग सभी शीर्ष पत्रकारों ने पुनर्विचार करने का सुझाव देते हुए संस्थान में बने रहने कहा. पर नीरज ने निजी और पारिवारिक कारणोंं से इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है. इसलिए यह कहना गलत है कि संस्थान ने नीरज से त्याग पत्र लिया है. नीरज ने दैनिक भास्कर समूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. नीरज की पारिवारिक स्थिति जब महासमुंद से बाहर रहने की बन पाएगी तो नीरज की पहली प्राथमिकता दैनिक भास्कर अखबार ही होगी जिसका वादा संस्थान ने उनसे रिलीविंग फार्म के जरिए लिया है.