नैतिकता और नीतियों की दुहाई दे देकर खुद का घर भरने वाले अखबारों के मालिकों की चमड़ी इतनी मोटी हो गई है कि इन्हें अब किसी से भय नहीं लगता. राजनीति, नौकरशाही और न्यायपालिका को अपनी मुट्ठी में कर चुके ये लोग अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं. पर इनकी अकूत ताकत से हार न मानते हुए कुछ ऐसे वीर सामने आ जाते हैं जो इन्हें खुली चुनौती दे डालते हैं. ऐसे ही एक वीर का नाम सुमित कुमार शर्मा (मोबाइल- 07568886000) है.
सुमित राजस्थान पत्रिका के बीकानेर एडिशन में सरकुलेशन इंचार्ज हुआ करते थे. इन्होंने इस्तीफा दिया तो इनका हिसाब पुराने तरीके से किया गया जबकि इन्हें कायदे से मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से पेमेंट मिलना चाहिए था. इसको लेकर उन्होंने राजस्थान पत्रिका के मालिकों को एक खुला पत्र लिखा है. पत्र यहां दिया जा रहा है.
Comments on “राजस्थान पत्रिका के इंप्लाई रहे सुमित ने मालिकों-संपादकों को पत्र लिखकर मजीठिया वेजबोर्ड के हिसाब से भुगतान मांगा”
Dear Yashwant Ji,
Thanks for publish my letter. Kindly call me if you feel free.
Regards,
Sumit Sharma
Sumit ji aggar apko majithia wage board k hisab se paise mil jayene to mukhe v inform kr dena ya bhadas par mention kr dena. Main Dainik bhaskar walo se apne paise le lunga apka example dekar..
Rajasthan patrika ke kya kahne.
Patrika main apni Jawani gujarne wale Patrkaro ki aakasmik death par bhi 2 line ki khabar nhi chap rahi .
ye sab मजीठिया वेज बोर्ड ka hi asar hai.
sharm sharm karo bade bade lekh likhkar duniya ko rasta dikhane wale Gharano………..
achha kar rhe ho vandna shah