दिल्ली पुलिस का हाल इन दिनों बेहद बुरा है. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकस्सी का पूरा फायदा दिल्ली पुलिस उठा रही है. इस कारण चोर-उचक्कों और लुटेरों की बन आई है. आए दिन सभ्य लोग पुलिस या पुलिस संरक्षित गुंडों-चोरों-उचक्कों के जरिए परेशान प्रताड़ित किए जा रहे हैं. यहां दो घटनाओं का उल्लेख जरूरी है. हरिभूमि डाट काम के पत्रकार राहुल पांडेय के दिल्ली स्थित घर को चोरों ने साफ कर दिया. राहुल पांडेय पत्रकार के साथ साथ साहित्यकार, रंगकर्मी, चित्रकार और फिल्मकार भी हैं.
चोरी की घटना के बाद पूरे मामले में पुलिस का रोल और रवैया बेहद शर्मनाक रहा है. उधर, एक ब्लागर इंदु यादव ने अपने साथ हुए पुलिसिया दुर्व्यवहार का जिक्र फेसबुक पर किया है. किस तरह पुलिस के संरक्षण में उन्हें परेशान और मजबूर किया गया. अंतत: उन्होंने कुछ पैसे देकर अपनी जान छुड़ाई. सबसे पहले पत्रकार राहुल पांडेय को वो पत्र जो उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को लिखा है. इस पत्र से राहुल पांडेय के घर हुई चोरी और पुलिसिया रवैये की पूरी जानकारी मिलती है.
सेवा में,
श्रीमान पुलिस कमिश्नर
पुलिस मुख्यालय, आईटीओ, नई दिल्ली
विषय: पत्रकार के घर में हुई चोरी के संदर्भ में चार दिन बीते, कोई कार्रवाई नहीं!
महोदय
दिनांक 14 सितंबर 2015 को तड़के 00:00 से 03:00 बजे के बीच मेरे घर पर चोरी हो गई थी। मेरा घर चौथी मंजिल पर है और उसकी बनावट कुछ ऐसी है कि वेंटिलेशन के लिए खिड़की या दरवाजा खोलना पड़ता है। दरवाजे व खिड़की में ग्रिल नहीं लगी थी, जो 16 सितंबर को दरवाजे पर लगा दी गई है। 14 सितंबर की रात 00:00 पर मैं सोया था और तीन बजे मेरी पालतू बिल्ली की आवाज से मेरी नींद खुल गई तो मुझे वारदात की जानकारी हुई। चोर मेरा एप्पल का आईपैड और मोटो जी 2 का मोबाइल फोन, जूम एच 6 का वॉइस रिकॉर्डर, सोनी का कैमरा और एचसीएल का लैपटॉप उठा ले गए। मैनें उसी वक्त 100 नंबर पर फोन करके मामले की सूचना पुलिस को दी।
मुझे मेरे घर से थाना केशवपुरम ले जाया गया जहां मैनें वारदात की लिखित जानकारी दी। इसमें आईपैड और मोबाइल का जिक्र था। यह मोबाइल देश के हिंदी समाचार समूह हरिभूमि का ऑफिशियल व्हाट्सएप नंबर था जो तकरीबन रोजाना 27 लाख से भी ज्यादा कॉपियों में पब्लिश होता है। सुबह बाकी सामान की जांच करने पर पता चला कि लैपटॉप, वॉइस रिकॉर्डर और कैमरा भी गायब थे। इसलिए सुबह दोबारा मैं थाने पहुंचा और एक और तहरीर दी। इसके बारे में मैनें इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर अशोक जी और प्रकाश वीर जी, दोनों को फोन से जानकारी दी। इन्होंने मुझे कहा कि आपकी दी गई दोनों तहरीरों को मिलाकर एफआईआर दर्ज की जाएगी। मुझसे एफआईआर की कॉपी शाम को लेने के लिए कहा गया, शाम को पहुंचने पर वह नहीं मिली और अगले दिन आने को कहा गया। 16 तारीख की शाम मुझे एफआईआर की कॉपी दी गई जिसमें सिर्फ आईपैड और मोबाइल का ही जिक्र है। इस संबंध में मैनें इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर अशोक जी से बात की तो उनका जवाब था कि सबकुछ उनकी केस डायरी में दर्ज है। मैनें उनसे निवेदन किया कि मुझे एफआईआर की रिवाइज्ड कॉपी उपलब्ध करा दें, जिससे उन्होंने इन्कार कर दिया। महोदय, इस बीच मेरे केस में कहीं कोई प्रगति हुई हो, इसके बारे में आईओ ने मुझे अवगत नहीं कराया है। मुझे मेरे अधूरे एफआईआर की कॉपी दे दी गई है। आपसे आग्रह है कि स्थानीय थानाध्यक्ष को इस मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दें तथा चोरी गए सामान की बरामदगी सुनिश्चित कराएं।
प्रार्थी
राहुल पाण्डेय
वेबहेड (हरिभूमि डॉट कॉम)
म.न. 217, रुमाल वाली गली,
रामपुरा, नई दिल्ली
मोबाइल नंबर- 9810801905
प्रतिलिपि-
उपराज्यपाल महोदय
केंद्रीय गृहमंत्री
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Shashi Bhooshan
September 18, 2015 at 9:52 am
मैं शर्त लगाकर कह सकता हूं कि ये काम नीलाभ अश्क ने कराया हो सकता है।
कल्बे कबीर
September 18, 2015 at 11:49 am
विश्वाास नहीं होता… इतने बुरे दिन आ गए उनके 😮 😮 शायद तभी फरार हैं। फरारी कब कटेगी नीलाभ जी
Om Thanvi
September 18, 2015 at 11:50 am
बहुत दुखद घटना। अज्ञेयजी होते तो इसे बर्दाश्त न करते। थाने की ईंट से ईंट बजा देते।
Pankaj Singh
September 18, 2015 at 11:51 am
मुझे मिल जाए तो ओम मैं जूता मार मार कर उसका मुंह लाल कर दूं। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के हर कोने कमरे बार में उसकी इज्जत उतारुं
Amitabh Bachchan
September 18, 2015 at 11:53 am
दुखद। हाल ही में मैनें इनकी एक फिल्म साइन की है… क्या वो डूब जाएगी यशवंत जी?
Arvind Kejriwal
September 18, 2015 at 11:54 am
ये सब मिले हुए हैं। ये ओम नीलाभ बस्सी एलजी अमिताभ… सब मिले हैं। राहुल जी.. राहुल जी आप चिंता न करें। आम आदमी पार्टी अब अपनी पुलिस बनाएगी। हम जंतर मंतर पर पुलिस भर्ती अभियान चलाएंगे।