रजनी मोरवाल ने दूसरे का कंटेंट चोरी कर ‘हंस’ में अपने नाम से कहानी छपवा ली

Sushobhit Saktawat : बहुत खेद के साथ यह कह रहा हूं। कोई रजनी मोरवाल हैं। “हंस” में उनकी कहानी “महुआ” छपी है, जिसकी इधर बहुत प्रशंसा हो रही है। जान पड़ता है, यह पूरी कहानी उन्होंने सुशोभित की वॉल से रचनाएं चुरा-चुराकर बना डाली हैं। पूरे पूरे पैरेग्राफ़ उन्होंने उड़ा लिए हैं। रजनी की तो पुस्तकें तक छपी हैं, और एक अज्ञातकुलशील यह लेखक है, दिल्ली दरबार से दूर होने के कारण जिसका कुछ नहीं छपा। उल्टे उसकी लिखी चीज़ें चुरा ली जाती हैं। छी:, कितनी भद्दी बात!

खबरिया चैनल ‘आज तक’ ने चुराया मेरा व्यंग्य कंटेंट

देश के तथाकथित सबसे तेज़ चैनल ‘आज तक’ की साहित्यिक चोरी पकड़ी गयी है. मेरा व्यंग्य लेख ‘लाल बत्ती का हैंगओवर’ रोरहिंदी डॉट कॉम पर 27 अप्रैल को पब्लिश हुआ. इसे मैंने उसी दिन अपने फेसबुक वाल पर भी लगाया. उसके ठीक चार दिन बाद यानि 1 मई को रात 9 बजे ‘आज तक’ चैनल के खबरदार कार्यक्रम में उसी व्यंग्य को उनकी एंकर श्वेता सिंह ने इसी शीर्षक से बनाए गए लाल बत्ती पर दिखाए गए कार्यक्रम में हुबहू पढ़ा.

नेशनल दुनिया के चेयरमैन की केबिन में चोरी का ड्रामा कर छह माह का बकाया वेतन नहीं बांटा

नोएडा । नेशनल दुनिया के चेयरमैन शैलेंद्र भदौरिया के नोएडा कार्यालय ​​​स्थित केबिन में रखे कम्प्यूटर सिस्टम और टीवी चोरी हो गये। सुबह जब कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो भदौरिया का केबिन खुला हुआ था और केबिन में रखे एक कंप्यूटर सिस्टम व टीवी सेट गायब थे। इस मामले की रिपोर्ट थाना में दर्ज करा दी गयी है। रिपोर्ट मेरठ संसकरण के सम्पादक सुभाष सिंह ने दर्ज करायी है।

दैनिक जागरण वाले चोर ही नहीं, बहुत बड़े झुट्ठे भी हैं… देखिए इनका ये थूक कर चाटना

दैनिक जागरण के मालिक किसिम किसिम की चोरियां करते हैं. कभी कर्मचारियों का पैसा मार लेते हैं तो कभी कानूनन जो देय होता है, उसे न देकर फर्जी लिखवा लेते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक नियमानुसार दिया लिया जा रहा है. ऐसे भांति भांति के फर्जीवाड़ों और चोरियों का मास्टर दैनिक जागरण समूह अब तो बहुत बड़ा झुट्ठा भी घोषित हो गया है. यही नहीं, जब इसका झूठ पकड़ा गया तो इसे थूक कर चाटने को मजबूर किया गया और इसे ऐसा करना भी पड़ा.

दिल्ली में हरिभूमि डाट काम के पत्रकार राहुल पांडेय के घर भीषण चोरी, पुलिस बेपरवाह

दिल्ली पुलिस का हाल इन दिनों बेहद बुरा है. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकस्सी का पूरा फायदा दिल्ली पुलिस उठा रही है. इस कारण चोर-उचक्कों और लुटेरों की बन आई है. आए दिन सभ्य लोग पुलिस या पुलिस संरक्षित गुंडों-चोरों-उचक्कों के जरिए परेशान प्रताड़ित किए जा रहे हैं. यहां दो घटनाओं का उल्लेख जरूरी है. हरिभूमि डाट काम के पत्रकार राहुल पांडेय के दिल्ली स्थित घर को चोरों ने साफ कर दिया. राहुल पांडेय पत्रकार के साथ साथ साहित्यकार, रंगकर्मी, चित्रकार और फिल्मकार भी हैं.

कानपुर से संचालित ‘के. न्यूज’ चैनल तो पीएफ चोर निकला!

महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि ”के. न्यूज चैनल 24×7” में कार्यरत किसी कर्मचारी को पीएफ नहीं दिया जा रहा है. दो वर्ष से फर्म चल रही है जिसमें पीफ के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. सबसे दुखद ये है कि ये लोग पीएफ के नाम पर हर महीने 12% सेलरी काट ले रहे हैं लेकिन इसे जमा नहीं कर रहे हैं. इस कारण किसी इंप्लाई को उसका पीएफ नम्बर तक नहीं दिया गया.

लखनऊ का कथित सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा कंटेंट चोर है!

: ‘यूपी के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के पास खाने और दिखाने के दाँत अलग अलग’ संबंधी आरोपों का जवाब : मैंने एक सज्जन संजय शर्मा द्वारा लिखा “यूपी के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के पास खाने और दिखाने के दाँत अलग-अलग” शीर्षक लेख पढ़ा जिसमे सब-टाइटल है-“पारदर्शिता की बात करने बालों को ही पारदर्शिता से परहेज”.

‘फरिश्‍ता’ के लेखक ने फिल्‍म ‘पीके’ पर किया साहित्‍य चोरी का मुकदमा

‘‘मैंने 1 जनवरी, 2015 को पीके फिल्‍म देखी तो मैं हैरान हो गया। पीके फिल्‍म मेरे उपन्‍यास फरिश्‍ता की कट /कॉपी /पेस्‍ट है।’’ –कपिल ईसापुरी

अपने इन शब्‍दों में लेखक कपिल ईसापुरी काफी मर्माहत दिखते हैं। प्रेस कॉन्‍फेरेंस कर अपना दर्द बयान करते हैं। लेकिन मीडिया में एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है- लिखता कोई है, दिखता कोई और है, बिकता कोई और है। इस कहावत का व्‍यावहारिक रूप प्रसिद्ध लेखक निर्देशक बी आर इसारा विविध भारती को दिए एक साक्षात्‍कार में इस प्रकार समझाते हैं- ‘‘कम चर्चित साहित्‍यकारों के साहित्‍य की चोरी फिल्‍मी दुनिया में खूब होती है। जब मैं फिल्‍मी दुनिया में आया था। मुझसे कम चर्चित उर्दू साहित्‍यकारों का साहित्‍य पढ़वाया जाता और उसको तोड-मरोड़ कर इस्‍तेमाल कर कर लिया जाता।’’

नूतन ठाकुर के धरने की सूचना मिलते ही लखनऊ पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही शुरू की

हमारे घर हुई चोरी में भारी पुलिस निष्क्रियता के विरुद्ध मेरे द्वारा डीजीपी कार्यालय के धरने की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग यकायक तेजी में आ गया. 15 अक्टूबर की रात हुई इस चोरी के बाद किसी पुलिस वाले ने मामले की सुध नहीं ली थी. घटना के दिन से ही मामले के विवेचक छुट्टी पर चले गए थे. पांच लाख से ऊपर की चोरी होने के बावजूद मामले में एसआर केस दर्ज नहीं किया गया था और एसएसपी लखनऊ सहित किसी भी वरिष्ठ पुलिस अफसर ने नियमानुसार घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया था.

यूपी में जंगलराज, यूपी में ‘चोरों’ की सरकार : अब आईपीएस भी सुरक्षित नहीं, अमिताभ ठाकुर के घर भीषण चोरी

उत्तर प्रदेश में जंगलराज का आलम ये हो गया है कि अब जनता तो जनता, अफसर तक सुरक्षित नहीं हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर आज सुबह जब गाजियाबाद से लखनऊ लौटे तो पता चला कि उनके घर में भीषण चोरी हो चुकी है. गोमती नगर स्थित उनके घर में चोरी की ये घटना कोई सामान्य नहीं है. जहां पर अमिताभ ठाकुर का घर है, वहां ढेर सारे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घर है. मतलब वीआईपी इलाका है. इस इलाके में घुसने और चोरी करने की हिम्मत कोई सामान्य चोर कर ही नहीं सकता.

IPS officer Amitabh Thakur

मोरक्‍को की पत्रकार ने चुराया बहरीन के मंत्री का फोन

मोरक्को की एक महिला पत्रकार ने बहरीन की संस्कृति मंत्री का एक सेल फोन चुरा लिया। यह ख़बर संयुक्त अरब अमीरात के ऑनलाइन समाचारपत्र Emirates247 ने प्रकाशित की है। बहरीन की संस्कृति मंत्री, शेख माई बिन्त मोहम्मद अल-ख़लीफ़ा मोरक्को के टंगेर शहर की यात्रा कर रही थीं। जब वह एक पत्रकार सम्मेलन में बोल रही थीं तो उन्होंने पाया कि उनका सेल फोन ग़ायब हो गया है। उन्होंने तुरंत पुलिस को बुला लिया।