दिनभर अदालत में कस्टडी में रहना पड़ा राजदीप, आशुतोष और अन्य को… गाजियाबाद के पूर्व सीएमओ एवं वर्तमान में नोएडा में सीएमएस के पद पर तैनात डॉक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन करने एवं उसे समाचार चैनल पर चलाकर अजय अग्रवाल की छवि धूमिल करने एवं मानहानि का चल रहा है मुकदमा…
गाजियाबाद के तत्कालीन सीएमओ और इन दिनों नोएडा जिला अस्पताल में सीएमएस के रूप में कार्यरत डॉ. अजय अग्रवाल की अन्याय के खिलाफ जंग में एक बड़ा मोड़ तब आया जब आरोपी पत्रकारों राजदीप सरदेसाई, आशुतोष और अरुणोदय मुखर्जी को गाजियाबाद की एसीजेएम-3 की कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा. इन सभी पर फर्जी स्टिंग प्रसारित कर डाक्टर अजय अग्रवाल की मानहानि और छवि धूमिल करने का आरोप है.
फर्जी स्टिंग के आरोप में घिरे वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, आशुतोष आदि को शुक्रवार को दिन भर गाजियाबाद की जिला अदालत में रहना पड़ा. देर शाम इन्हें जमानत मिल गई लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के कारण इन्हें कस्टडी में ही रखा गया था. राजदीप सरदेसाई सहित 9 लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 10 वर्ष पूर्व गाजियाबाद के पूर्व सीएमओ एवं वर्तमान में नोएडा के सीएमएस के पद पर तैनात डॉ अजय अग्रवाल का फर्जी स्टिंग किया था एवं इस स्टिंग को समाचार चैनल आईबीएन7 पर चलाया.
इस प्रकरण के बाबत भड़ास पर डाक्टर अजय अग्रवाल का एक विस्तृत वीडियो इंटरव्यू प्रकाशित प्रसारित किया जा चुका है. इस इंटरव्यू को आप इस खबर के बिलकुल लास्ट में दिए वीडियो पर क्लिक करके सुन सकते हैं.
पत्रकार से आम आदमी पार्टी नेता बने आशुतोष, पत्रकार राजदीप सरदेसाई और अरुणोदय मुखर्जी ने गाजियाबाद की अदालत में सरेंडर करने के साथ ही जमानत अर्जी पेश की. इस पर सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों की जमानत मंजूर करने का निर्णय लिया.
अभियोजन अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि तत्कालीन सीएमओ गाजियाबाद अजय अग्रवाल नोएडा के सरकारी अस्पताल में ऑर्थो सर्जन थे. उस वक्त उन पर गाजियाबाद में भी चार्ज था. इस दौरान उनके खिलाफ एक फर्जी स्टिंग प्लांट कर तत्कालीन आईबीएन7 और सीएनएन-आईबीएन चैनलों पर प्रसारित किया गया. आईबीएन7 चैनल का नाम बदलकर अब न्यूज18इंडिया किया जा चुका है. उस वक्त इन चैनलों में राजदीप सरदेसाई, आशुतोष आदि संपादक के रूप में काम किया करते थे.
गाजियाबाद की अदालत के सामने सरेंडर करने आए राजदीप सरदेसाई, आशुतोष और अन्य.
डाक्टर अजय अग्रवाल ने मीडिया के इस फर्जीवाड़े से आहत होकर अदालत में मानहानि का वाद दायर किया. इस वाद में चैनल के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों व पत्रकारों राजदीप सरदेसाई, अरुणोदय मुखर्जी, आशुतोष आदि समेत नौ लोगों को नामजद कराया. ये सभी आरोपी हाई कोर्ट से अपने पक्ष में राहत ले आए तो इसके विरोध में डॉ. अजय अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट गए.
सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टर अजय अग्रवाल की याचिका पर निचली अदालत में मुकदमा चलाए जाने के आदेश दिए. इस मामले में अदालत ने आरोपियों के खिलाफ कई बार वारंट जारी किया. पेश न होने पर गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. कल शुक्रवार के दिन तीनों आरोपियों ने अदालत में सरेंडर किया और बाद में उन्हें जमानत मिली गई.
इसी मामले में आरोपी राघव बहल, संजय राय चौधरी व हर्ष चावला ने दो दिन पहले अदालत में सरेंडर किया था. इस मामले में कुल 9 आरोपियों से अब तक पांच आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. सुनवाई की अगली तारीख आठ अगस्त है.
A false Sting operation was relayed from CNN-IBN and IBN7 channels from 29 July 06 to 3 august 06. Dr Ajai Agarwal file a case under section 500 in ghaziabad court (case no. 3955/2008) again to Rajdeep sardesi and others ( total 9 persons).
Supreme Court in his judgement dated 11Jan 18 ( case no. SLP (CRL) no. 353/ 2015 ) instructed to frame the charges on all member. On date 29 june 18 nonbailable warrent issued against all. Yesterday Raghav Bahl, Sanjay Rai Chaudhary and Harsh Chawala took the bail. Next date of hearing 8 august 18.
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Comments on “फर्जी स्टिंग कराने वाले राजदीप सरदेसाई, आशुतोष और अरुणोदय ने कोर्ट में किया सरेंडर, देखें मौके की तस्वीर”
राजदीप सरदेसाई,आशुतोष जैसे लोग न्यूज मीडिया पर एक कलंक हैं।इनके द्वारा फेक स्टिंग करना कोई।नई बात नहीं है।इनके लिए पैसा ही सबकुछ है,ये अति महत्वाकांक्षी हैं अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए फेक न्यूज बनकर अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने जैसे अनैतिक कार्य से भी कोई परहेज नहीं करते हैं।
डॉ साहब के साथ है हम दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए
Rajdeep is nothing but a fraud.
His acts are like a gangster !
Don’t know why our judiciary don’t take stern steps. Why For Yakub Menon and congress party india’s supreme can open special court in the night, why no justice is being done to this poor doctor?
Even after 70 years of independence we are still Ghulam of our system.
Doshiyo ko jald se jald saja milni chahiye……..