दिनभर अदालत में कस्टडी में रहना पड़ा राजदीप, आशुतोष और अन्य को… गाजियाबाद के पूर्व सीएमओ एवं वर्तमान में नोएडा में सीएमएस के पद पर तैनात डॉक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन करने एवं उसे समाचार चैनल पर चलाकर अजय अग्रवाल की छवि धूमिल करने एवं मानहानि का चल रहा है मुकदमा…
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राजदीप और आशुतोष की आत्मा जिंदा होती तो इस डाक्टर से माफी मांग चुके होते, देखें वीडियो
डाक्टर अजय अग्रवाल नोएडा के जिला अस्पताल के सीएमएस हैं. घुटना प्रत्यारोपण के फील्ड में देश के जाने माने डाक्टर हैं. हम बताएंगे कि इनकी जिंदगी किस तरह एक न्यूज चैनल ने तबाह कर दी….
राजदीप सरदेसाई, आशुतोष, राघव बहल समेत नौ लोगों पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ
एक बड़ी खबर आ रही है. जिन दिनों आईबीएन सेवेन और आईबीएन-सीएनएन नाम से न्यूज चैनलों का संचालन हुआ करता था और इसकी कमान राघव बहल, राजदीप सरदेसाई, आशुतोष आदि के हाथों में हुआ करती थी, उन्हीं दिनों एक स्टिंग दिखाया गया, ‘शैतान डाक्टर’ नाम से. यह स्टिंग डाक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ था. स्टिंग को पूरी तरह गलत बताते हुए डाक्टर अजय ने गाजियाबाद की अदालत में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया.
राजदीप चाहते तो प्रणब मुखर्जी से माफी मांगने वाला हिस्सा इंटरव्यू की एडिटिंग के दौरान हटवा सकते थे!
Nitin Thakur : प्रभु चावला का एक प्रोग्राम ‘सीधी बात’ आजतक पर आता था। एक दिन प्रभु चावला ने अपने कोंचनेवाले अंदाज़ में एक नेता को छेड़ दिया। नेताजी ने गरम होकर ऑनएयर ऐसा बहुत कुछ कह डाला जो आगे ख़बर भी बना। अगले दिन एक लड़का दूसरे को कह रहा था- ‘कल तो उस नेता ने प्रभु चावला को चुप ही करा दिया। ऐसी-ऐसी सुनाई कि प्रभु चावला मुंह देखता रह गया..कुछ बोल भी नहीं सका। इन पत्रकारों को तो ऐसे ही सुनानी चाहिए’ दूसरा लड़का चुप खड़ा था। पहले वाला और भी बहुत कुछ बोला।
राजदीप सरदेसाई को अपमानित कर मुकेश अंबानी ने पूरे चौथे खंभे की औकात बता दी (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : देश के सबसे धनी आदमी मुकेश अंबानी का देश के सबसे वरिष्ठ पत्रकारों में से एक राजदीप सरदेसाई ने इंटरव्यू किया. राजदीप बातचीत की शुरुआत मुकेश को देश के सबसे प्रभावशाली / ताकतवर शख्स के रूप में बताते हुए करते हैं और इस पर प्रतिक्रिया मांगते हैं तो इसका जवाब मुकेश अंबानी बहुत घटिया और अहंकारी तरीके से देता है. मुकेश अंबानी का जवाब और उसका अहंकार देख सुन कर एक समझदार आदमी सिर्फ स्तब्ध ही हो सकता है.
एक बड़े मंत्री ने दी थी चैनल पर गुजरात दंगों की कवरेज बंद करा देने की धमकी : राजदीप सरदेसाई
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने पत्रकारिता से जुड़े अनुभवों को एक किताब ‘मोर न्यूज इज गुड न्यूज’ में बयान किया है। इस किताब में उन्होंने एक चौंकाने वाला दावा किया है। सरदेसाई के मुताबिक, उन्हें एक हाई प्रोफाइल मिनिस्टर ने गुजरात दंगों की कवरेज न करने की धमकी दी थी। ऐसा न करने पर चैनल बंद करवा देने की बात कही थी।
करारा जवाब मिलने के तुरंत बाद राजदीप सरदेसाई माफी मांग बैठे!
Shrimant Jainendra : सानिया मिर्जा के ऑटोबायोग्राफी लांचिंग के मौके पर राजदीप सरदेसाई ने उससे पूछा कि आप कब सेटल हो रही हैं? उनका इशारा बच्चे और परिवार की तरफ था। सानिया ने कहा, ‘क्या आपको नहीं लगता कि मैं सेटल हूं? आप निराश लग रहे हैं क्योंकि मैंने इस वक्त मातृत्व की जगह दुनिया की नंबर वन बनना चुना। लेकिन मैं आपके सवाल का जवाब जरूर दूंगीं। ये उन सवालों में से एक है, जिसका हम महिलाओं को अक्सर सामना करना पड़ता है। दुर्भाग्य से यह कोई मायने नहीं रखता कि हमने कितने विंबलडन जीते या नंबर वन बने, हम सेटल नहीं होते। हालांकि, मातृत्व और परिवार शुरू करना भी मेरी जिंदगी में होगा। और ऐसा जब होगा तो मैं जरूर बताऊंगी कि मेरी इसे लेकर क्या योजना है?’
यूपी विधानसभा का कटघरा : राजदीप आये और विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में ही माफी मांग कर चले गये
अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान सभा में गत दिनों तमाम राजनैतिक दलों ने अपने आपसी मतभेद भुलाकर मीडिया का जमकर विरोध किया। विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने तो वर्तमान मीडिया को ‘पक्षपाती’ तक कह डाला। दरअसल, सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों से संबंधित एक इलेक्ट्रानिक चैनल आजतक पर प्रसारित किये गये ‘स्टिंग आपरेशन’ की जांच रिपोर्ट में मीडिया घराने टीवी टुडे को दोषी पाया गया। इस संबंध में विधानसभा द्वारा गठित जांच समिति ने सदन में जो रिपोर्ट रखी उसमें बड़े इलेक्ट्रानिक मीडिया आजतक को ‘कटघरे’ में खड़ा कर दिया। रिपोर्ट में जहां तो मंत्री आजम खां को क्लीन चिट दी गई वहीं मीडिया पर पक्षपात पूर्ण कार्य करने का आरोप लगा।
कुछ मीडिया हाउसों पर कारपोरेट्स का दबाव है : राजदीप सरदेसाई
अजमेर : यहां आयोजित साहित्य सम्मेलन के गुफ्तगू सत्र के दौरान वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई कहा कि मैं नहीं मानता कि पूरी मीडिया बिकी हुई है. ये देश बेइमानों का देश नहीं है. इस देश की अधिकांश जनता ईमानदार है. ईमानदारी के कारण ही देश तरक्की कर रहा है. मीडिया जनता पर निर्भर है, किसी कॉर्पोरेट पर निर्भर नहीं है. हां कुछ मीडिया हाउस में कॉर्पोरेट के कारण समस्या है लेकिन उनका भी समाधान होगा. उन्होंने माना कि कुछ मीडिया हाउस पर कॉर्पोरेट्स का दबाव है.
राजदीप सरदेसाई ने अपना पैसा निकाल लिया पर मीडिया छोड़ नहीं रहे
Sanjaya Kumar Singh : मीडिया के कारनामे और मीडिया में एफडीआई… भारत को एफडीआई (विदेशी संस्थागत निवेश) तो चाहिए पर समाचार मीडिया में सिर्फ 26 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। दूसरी ओर, कोई भी (भारतीय नागरिक) मीडिया मंडी में दुकान खोल ले रहा है। यहां तक तो ठीक है – पर तुरंत ही टोकरी उठाकर हांफता-कांपता कभी जेल, कभी अस्पताल पहुंच जा रहा है। पर कोई देखने वाला नहीं है। ना अस्पताल में, ना जेल में। वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन तो पुराने संस्थान नहीं देते, नए और नौसिखुओं से क्या उम्मीद? कार्रवाई किसी पर नहीं होती।
केजरीवाल और राजदीप सरदेसाई की ‘आफ दी रिकार्ड’ बातचीत लीक, आप भी देखें वीडियो
केजरीवाल और पुण्य प्रसून बाजपेयी की आफ दी रिकार्ड बातचीत लीक होने का मामला सभी को पता है. अब केजरीवाल और राजदीप सरदेसाई की निजी बातचीत लीक हो गई है. राजदीप सरदेसाई जब केजरीवाल का इंटरव्यू करने के लिए बैठे तो नजीब जंग के मसले पर निजी बात करने लगे. इस दौरान इंटरव्यू की तैयारी के लिए बाकी स्टाफ सक्रिय था. निजी बातचीत के दौरान माइक और कैमरा आन था. नजीब जंग के पाला बदलने को लेकर दोनों लोग दुखी दिखे.
(वीडियो देखने के लिए उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक करें)
राजदीप सरदेसाई के खिलाफ मानहानि मामले की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और सात अन्य सहयोगियों की उस याचिका को पहले से ही लंबित मामले के साथ संलग्न कर दी, जिनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।
राजदीप सरदेसाई अपनी किताब इस तरह बेचते हैं…
Virendra Yadav : दिल्ली जाने पर खान मार्किट के बुकसेलर्स ‘बाहरीसंस’ में भरसक जाने की कोशिश करता हूँ. कारण एक पंथ दो काज हो जाता है ,नीचे किताब ऊपर फैब इंडिया का कुर्ता. परसों शाम वहां जाकर किताबें देख ही रहा था कि सामने राजदीप सरदेसाई दीख गए .एक व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए उनसे बातचीत शुरू ही की थी कि उन्होंने कहा कि ‘मेरी किताब आपने पढी की नहीं ?’ और किताब उठाकर उसे थमाते हुए कहा कि ‘पढ़िए जरूर’.
दिल्ली में इन दिनों तीन-चार चैनल सुपारी जर्नलिज्म चला रहे हैं : राजदीप सरदेसाई
: चैनलों में रात में नौटंकी चलती है : पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना है कि दिल्ली में इन दिनों तीन-चार चैनल सुपारी जर्नलिज्म चला रहे हैं। वहां मालिकों के इशारे पर, जो कि सरकार की तरफ देख रहे हैं, आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने खुलकर कहा कि रात को चैनलों पर जो नौटंकी हो रही है, उसमें आम आदमी पार्टी पर तो चर्चा होती है, लेकिन उनके प्रतिनिधि को नहीं बुलाया जाता। दिल्ली में आखिर हो क्या रहा है?
बड़ा संपादक-पत्रकार बनने की शेखर गुप्ता और राजदीप सरदेसाई वाली स्टाइल ये है…
Abhishek Srivastava : आइए, एक उदाहरण देखें कि हमारा सभ्य समाज आज कैसे गढ़ा जा रहा है। मेरी पसंदीदा पत्रिका The Caravan Magazine में पत्रकार शेखर गुप्ता पर एक कवर स्टोरी आई है- “CAPITAL REPORTER”. गुप्ता की निजी से लेकर सार्वजनिक जिंदगी, उनकी कामयाबियों और सरमायेदारियों की तमाम कहानियां खुद उनके मुंह और दूसरों के मार्फत इसमें प्रकाशित हैं। इसके बाद scroll.in पर शिवम विज ने दो हिस्से में उनका लंबा साक्षात्कार भी लिया। बिल्कुल बेलौस, दो टूक, कनफ्यूज़न-रहित बातचीत। खुलासों के बावजूद शख्सियत का जश्न जैसा कुछ!!!
Secular राजदीप सरदेसाई को Communal मनोहर पर्रिकर पर प्यार आ गया!
Dilip C Mandal : सेकुलर और कम्युनल में क्या रखा है? राजदीप सरदेसाई कट्टर Secular गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) हैं और मनोहर पर्रिकर कट्टर Communal गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB). और फिर प्राइड यानी गर्व का क्या है? हो जाता है. राजदीप को पर्रिकर और प्रभु पर गर्व हो जाता है. सारस्वत को सारस्वत पर गर्व हो जाता है. सेकुलर को कम्युनल पर दुलार आ जाता है. वैसे, अलग से लिखने की क्या जरूरत है कि दोनों टैलेंटेड हैं. वह तो स्वयंसिद्ध है. राजदीप भी कोई कम टैलेंटेड नहीं हैं.
अपनी जाति बताने के लिये शुक्रिया राजदीप सरदेसाई
Vineet Kumar : राजदीप की इस ट्वीट से पहले मुझे इनकी जाति पता नहीं थी..इनकी ही तरह उन दर्जनों प्रोग्रेसिव मीडियाकर्मी, लेखक और अकादमिक जगत के सूरमाओं की जाति को लेकर कोई आईडिया नहीं है..इनमे से कुछ वक्त-वेवक्त मुझसे जाति पूछकर अपनी जाति का परिचय दे जाते हैं..और तब हम उनकी जाति भी जान लेते हैं.
किसी ने मुझे उकसाया और मैं आपा खो बैठा, उसके बाद जो हुआ उसके लिए खेद जताता हूं : राजदीप सरदेसाई
: My statement on Madison Square Garden – Rajdeep Sardesai :
Over the last week, several versions have appeared on an unfortunate incident at Madison Square Garden when Prime Minister was addressing the Indian American community. Through this period, I have chosen to remain mainly silent because I didn’t want to add to the noise that has prevented any rational explanation.
राजदीप जैसे राष्ट्रीय पत्रकार को जनता ने एक झापड़ में अन्तर्राष्ट्रीय बना दिया
बारात में अक्सर कोई शराबी या बिना पिए ही कोई किसी से लड़ जाए और पिट जाए तो कोई नहीं कहता कि दूल्हे ने पिटवा दिया या उसके बाप ने पिटवा दिया। या दुल्हन ने और उसके बाप ने पिटवा दिया। तो फिर अमेरिका में राजदीप की करतूतों के लिए वह पिट गये तो मोदी इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं? यह आसानी से समझ में आ जाने वाली एक सामान्य सी बात है। और इसके लिए अमेरिका की सरकार जिम्मेदार नहीं है, यह भी कैसे समझ लिया जाए।
मार खाएं, घाटा हो जाए, फंस जाएं, सरकार बकाया निकाल दे तो पत्रकार हो जाएंगे
(File Photo Sanjay Kumar Singh)
Sanjaya Kumar Singh : कई मित्रों ने कहा कि राजदीप सरदेसाई की पिटाई पर मैंने नहीं लिखा। साथी Sumant ने कहा है, “…. हमारी खामोशी भी पत्रकारिता के गिरते स्तर की गुनहगार है संजय भाई …..।” सुमंत से असहमत होने का कोई कारण नहीं है। कैश फॉर वोट स्कैम और उसकी लापता सीडी का मामला आपको याद होगा। एक मामला मैं और याद दिलाता हूं। हर्षद मेहता ने एक कॉलम लिखना शुरू किया था और उसका हिन्दी अनुवाद मुझे हिन्दी के अखबारों में छपवाना था। उस समय कई संपादकों ने कहा था कि हर्षद मेहता का कॉलम नहीं छापेंगे। हर्षद मेहता होते तो आज अखबार या चैनल भी चला रहे होते और वो संपादक उनकी नौकरी बजा रहे होते। पर वो अलग मुद्दा है। उस समय इतनी नैतिकता तो थी इनमें।
सरदेसाई के साथ घटनाक्रम से मोदी हुए विचलित, अडानी ने राजदीप तक पीएम का संदेश पहुंचाया
रेडिफ डाट काम ने एक बड़ी खबर फ्लैश की है. इसके मुताबिक राजदीप सरदेसाई के साथ जो कुछ हुआ उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी विचलित हुए. मोदी के मित्र उद्योगपति अडानी ने राजदीप को बुलाकर पीएम का निजी संदेश उन तक पहुंचाया. अडानी ने राजदीप सरदेसाई को बताया कि उनके साथ जो कुछ हुआ है, उससे प्रधानमंत्री काफी अपसेट हैं. पूरी खबर इस प्रकार है…
संघियों की बेहूदगी और नग्नता का विरोध करने पर राजदीप ने कीमत चुकाई!
Vasudev Sharma : हमें तो उस वक्त ही लग गया था कि राजदीपजी की पिटाई होने वाली है, जब वे उन दो बच्चियों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे, जो मोदी के लिए लगाए जाने वाले हिंदुत्व के नारों का विरोध कर रही थीं। जब राजदीप ने एक बच्ची से मोदी-मोदी के शोर में विरोध का कारण पूछा, तब उस बच्ची ने कहा था कि हम इनकी इसी बेहूदगी का विरोध कर रहे हैं। मेडिसन स्केवर गार्डन से राजदीप ने उन तीन स्वरों को सुनाया जो आरएसएस के स्वयंसेवकों की बेहूदगी और नग्नता का विरोध कर रहे थे, ऐसे में उन्हें इसकी जो कीमत चुकानी थी, वह चुकाई।
राजदीप हाथापाई प्रकरण को पत्रकारिता या फ्री स्पीच पर संकट मानते हैं तो आप इसकी आड़ में गिरोहबाजी कर रहे हैं
Abhishek Parashar: राजदीप सरदेसाई ने गाली दी और जब पलट कर गाली मिली तो उन्होंने धक्का मुक्की की शुरुआत की. प्रेस क्लब में भी सरदेसाई के साथ पत्रकारों ने धक्का मुक्की की थी तब राजदीप या सागरिका, मुझे ठीक से याद नहीं आ रहा, पर इन दोनों में किसी एक ने कहा था कि पत्रकारों में ‘हैव्स’ और ‘हैव्स नॉट’ की एक जमात है और ‘हैव्स नॉट’ ही उन्हें टारगेट करते हैं. सरदेसाई दंपति ने इस मामले को बेहद शातिराना तरीके से एक गलत मोड़ दे दिया था. अमेरिका में जिसने भी राजदीप को पलट कर गाली दी वह ‘हैव्स नॉट’ की श्रेणी में तो कतई नहीं आता है. तो मैडम सागरिका या राजदीप सरदेसाई या फिर उनके समर्थकों को यह बात समझ में आ जानी चाहिए कि थप्पड़ मारने वाला या आलोचना करने वाले हमेशा ‘हैव्स नॉट’ नहीं होता है.
राजदीप सरदेसाई के धतकरम के बहाने अपने दाग और जी न्यूज के पाप धोने में जुटे सुधीर चौधरी
सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को… जी न्यूज पर पत्रकारिता की रक्षा के बहाने हाथापाई प्रकरण को मुद्दा बनाकर राजदीप सरदेसाई को घंटे भर तक पाठ पढ़ाते सुधीर चौधरी को देख यही मुंह से निकल गया.. सोचा, फेसबुक पर लिखूंगा. लेकिन जब फेसबुक पर आया तो देखा धरती वीरों से खाली नहीं है. युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने सुधीर चौधरी की असलियत बताते हुए दे दनादन पोस्टें लिख मारी हैं. विनीत की सारी पोस्ट्स इकट्ठी कर भड़ास पर प्रकाशित कर दिया. ये लिंक http://goo.gl/7i2JRy देखें. ट्विटर पर पहुंचा तो देखा राजदीप ने सुधीर चौधरी पर सिर्फ दो लाइनें लिख कर तगड़ा पलटवार किया हुआ है. राजदीप ने रिश्वत मांगने पर जेल की हवा खाने वाला संपादक और सुपारी पत्रकार जैसे तमगों से सुधीर चौधरी को नवाजा था..
जी न्यूज के दागदार संपादक और दलाली में जेल जा चुके सुधीर चौधरी पत्रकारिता की नसीहत दे रहे हैं राजदीप सरदेसाई को!
Vineet Kumar : जी न्यूज के दागदार संपादक और दलाली मामले में जेल जा चुके सुधीर चौधरी आज राज राजदीप सरदेसाई को पत्रकारिता कैसे की जाए, नसीहत दे रहे हैं. चैनल शाम से एकतरफा स्टोरी चला रहे हैं. #shameaAbroad को ट्रेंड बनाने की कोशिश में लोगों से प्रतिक्रिया मांग रहा है…. आलोक मेहता जैसे बुरी …
अंबानी के दलाल और पत्रकारों की नौकरी खाने वाले राजदीप की ताज़ा गुंडई के दीदार करें
Dayanand Pandey : राजदीप सरदेसाई को शहीद बता कर उन को सर चढ़ा लेने वाले मित्र एक बार इस लिंक को ज़रूर देखें। उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात समझ में आ जाएगी। राजदीप ने कितने दिनों तक अंबानी की दलाली की है आईबीएन7 में और कितनों के पेट पर लात मारा है, क्या यह भी लोग भूल गए हैं? खैर उनकी ताज़ा गुंडई के दीदार करें! goo.gl/7lPcEp
गलती राजदीप सरदेसाई की है, खुद पहले गाली दी और खुद पहले हमला किया (देखें नया वीडियो)
Yashwant Singh : इतना बड़ा फ्रॉड निकलेगा राजदीप सरदेसाई, मुझे अंदाजा नहीं था. नया वीडियो साबित कर रहा है कि पहले गाली राजदीप सरदेसाई ने दी और पहले हमला भी राजदीप सरदेसाई ने किया. लेकिन कांग्रेसी और अंबानी परस्त इस पत्रकार ने घटनाक्रम के वीडियो को अपने हिसाब से संपादित कर केवल वो हिस्सा रिलीज कराया जिसमें उन (राजदीप) पर एनआरआई हमला करते हुए दिख रहा है. इसे देखकर मुझे भी लगा कि किसी पत्रकार पर कोई कैसे भला हमला कर सकता है, वो भी अमेरिका जैसी जगह में. पर अब जब दूसरा पक्ष सामने आ रहा है, पूरा वीडियो सामने आ रहा है तो पता चल रहा है कि राजदीप ने खुद सब तमाशा क्रिएट किया, गाली-हमले की शुरुआत करके.
राजदीप हाथापाई प्रकरण पर पत्रकारों के बीच भी ध्रुवीकरण : कोई पक्ष में तो कोई विपक्ष में
Ashish Maharishi : देश में जब से Narendra Modi की भगवा सरकार बनी है, तब से हिंदुत्व के ठेकेदारों की गुंडागर्दी बढ़ गई है। देश ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी ये ताकतें सिर उठा रही हैं। Rajdeep Sardesai को पहले गाली देना और फिर हमला करना यह बताता है कि भगवा आतंक एक बार फिर देश में सिर उठाने के लिए बेताब है। याद कीजिए 1992 और 2002, जब इन ताकतों ने पूरी दुनिया में हमारे देश को बदनाम कर दिया था। संघ से शिक्षा दीक्षा पाकर ये ताकत हर जगह फैल चुकी हैं। झुग्गी झोपड़ी से लेकर न्यूज रूम तक ये फैले हुए हैं। इनका विरोध जितना कीजिए, कम है। राम और हिंदू धर्म के ये ठेकेदार न सिर्फ इंसानियत के दुश्मन हैं, बल्कि हिंदुत्व के भी दुश्मन हैं। गांधी के ये हत्यारे अब गांधी और विवेकानंद को बेच रहे हैं। दोस्तों, पत्रकार Rajdeep Sardesai पर हमले का खुले या छिपे तरीके से समर्थन करने वालों को मित्र सूची से हटा रहा हूं। मित्र सूची में सांप्रदायिक लोग नहीं चाहिए। यदि आप पत्रकार पर हमले का समर्थन करते हैं तो अपने आप मेरी सूची से हट जाएं। वरना मुझे हटाना पड़ेगा।
हाथापाई प्रकरण को लेकर ट्विटर और फेसबुक पर तीव्र प्रतिक्रिया, राजदीप सरदेसाई भी बोले…
Rajdeep Sardesai : Great crowd at Modison square garden! except a few idiots who still believe abuse is a way of proving their machismo! Glad we caught the idiots on cam. Only way to shame the mob is to show them. Super speech by Modi; not so super behaviour by some bhakts. Guess some things won’t change.
(राजदीप ने उपरोक्त बयान अलग-अलग टुकड़ों में फेसबुक और ट्वीट पर लिखा जिसे कंपाइल करके यहां दिया गया है. राजदीप के साथ हाथापाई किए जाने को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. पढ़े-लिखे लोगों ने इस हरकत की निंदा की है. भाजपा से जुड़े और संघी मानसिकता के लोगों ने राजदीप में ही दोष निकालना शुरू कर दिया है. पढ़िए कुछ ट्टवीटर और फेसबुकी स्टेटस.)
न्यूयार्क में राजदीप सरदेसाई को सरेआम थप्पड़ मारा, मीडिया जगत स्तब्ध
नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान आज वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को एक व्यक्ति ने सरेआम थप्पड़ मार दिया. आरोप है कि थप्पड़ मारने वाला युवक मोदी समर्थक था और वह खुद को प्रखर राष्ट्रवादी बता रहा था. राजदीप ने अपने साथ हुई बदसलूकी पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. राजदीप सरदेसाई इन दिनों टीवी टुडे ग्रुप से जुड़े हुए हैं और मोदी दौरे का कवरेज करने अमेरिका पहुंचे हैं. नीचे तस्वीर में देखें, बाईं तरफ खड़े राजदीप के चेहरे पर दाईं तरफ से एक युवक ने घूंसा चेहरे पर मार रखा है.
राजदीप सरदेसाई टीवी टुडे समूह के साथ जुड़े, पढ़िए अरुण पुरी का वेलकम लेटर
Dear all,
I am pleased to welcome Rajdeep Sardesai to the India Today Group. He will join us in the capacity of Consulting Editor. Rajdeep needs no introduction: he has been an asset to whichever team he has belonged to, including the cricketing ones. Oxford and St. Xavier’s educated, Rajdeep started his television career in 1994 and was a founding member of NDTV and, subsequently, CNN-IBN. Prior to TV, he worked with TOI for 6 years and was the city editor of its Mumbai edition. Rajdeep has served as the Editor-in-Chief of IBN18 Network, including CNN-IBN, IBN-7 and IBN-Lokmat for the last 9 years.