दिनभर अदालत में कस्टडी में रहना पड़ा राजदीप, आशुतोष और अन्य को… गाजियाबाद के पूर्व सीएमओ एवं वर्तमान में नोएडा में सीएमएस के पद पर तैनात डॉक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन करने एवं उसे समाचार चैनल पर चलाकर अजय अग्रवाल की छवि धूमिल करने एवं मानहानि का चल रहा है मुकदमा…
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राजदीप सरदेसाई को अपमानित कर मुकेश अंबानी ने पूरे चौथे खंभे की औकात बता दी (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : देश के सबसे धनी आदमी मुकेश अंबानी का देश के सबसे वरिष्ठ पत्रकारों में से एक राजदीप सरदेसाई ने इंटरव्यू किया. राजदीप बातचीत की शुरुआत मुकेश को देश के सबसे प्रभावशाली / ताकतवर शख्स के रूप में बताते हुए करते हैं और इस पर प्रतिक्रिया मांगते हैं तो इसका जवाब मुकेश अंबानी बहुत घटिया और अहंकारी तरीके से देता है. मुकेश अंबानी का जवाब और उसका अहंकार देख सुन कर एक समझदार आदमी सिर्फ स्तब्ध ही हो सकता है.
‘आजतक’ निष्पक्ष है तो भाजपा की जबरदस्त जीत पर इस चैनल के न्यूज रूम में क्यों बंटी मिठाई? (देखें वीडियो)
Mayank Saxena : इस वीडियो में एक समाचार चैनल है, एक पत्रकार है; जिसको निष्पक्ष होना चाहिए…वह जाहिल एक राजनैतिक दल के जीतने पर कभी बेहद पवित्र और निष्पक्ष रही न्यूज रूम जैसी जगह पर मिठाई बांट रहा है…एक पत्रकार जिसका निष्पक्ष होने का दावा है; जिसको संघी गुंडों ने क्या-क्या न कहा, बेशर्मी से कैमरा पर मिठाई खा कर, अमित शाह को अपनी निष्ठा की दुहाई दे रहा है…10 और पत्रकार ताली बजा रहे हैं…और बजाय अपने न्यूज़रूम में मिठाई बांट रहे इस पत्रकार को नौकरी पर रखने के लिए शर्मिंदा होने के; चैनल इस वीडियो को गर्व से अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर रहा है।
करारा जवाब मिलने के तुरंत बाद राजदीप सरदेसाई माफी मांग बैठे!
Shrimant Jainendra : सानिया मिर्जा के ऑटोबायोग्राफी लांचिंग के मौके पर राजदीप सरदेसाई ने उससे पूछा कि आप कब सेटल हो रही हैं? उनका इशारा बच्चे और परिवार की तरफ था। सानिया ने कहा, ‘क्या आपको नहीं लगता कि मैं सेटल हूं? आप निराश लग रहे हैं क्योंकि मैंने इस वक्त मातृत्व की जगह दुनिया की नंबर वन बनना चुना। लेकिन मैं आपके सवाल का जवाब जरूर दूंगीं। ये उन सवालों में से एक है, जिसका हम महिलाओं को अक्सर सामना करना पड़ता है। दुर्भाग्य से यह कोई मायने नहीं रखता कि हमने कितने विंबलडन जीते या नंबर वन बने, हम सेटल नहीं होते। हालांकि, मातृत्व और परिवार शुरू करना भी मेरी जिंदगी में होगा। और ऐसा जब होगा तो मैं जरूर बताऊंगी कि मेरी इसे लेकर क्या योजना है?’
यूपी विधानसभा का कटघरा : राजदीप आये और विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में ही माफी मांग कर चले गये
अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान सभा में गत दिनों तमाम राजनैतिक दलों ने अपने आपसी मतभेद भुलाकर मीडिया का जमकर विरोध किया। विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने तो वर्तमान मीडिया को ‘पक्षपाती’ तक कह डाला। दरअसल, सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों से संबंधित एक इलेक्ट्रानिक चैनल आजतक पर प्रसारित किये गये ‘स्टिंग आपरेशन’ की जांच रिपोर्ट में मीडिया घराने टीवी टुडे को दोषी पाया गया। इस संबंध में विधानसभा द्वारा गठित जांच समिति ने सदन में जो रिपोर्ट रखी उसमें बड़े इलेक्ट्रानिक मीडिया आजतक को ‘कटघरे’ में खड़ा कर दिया। रिपोर्ट में जहां तो मंत्री आजम खां को क्लीन चिट दी गई वहीं मीडिया पर पक्षपात पूर्ण कार्य करने का आरोप लगा।
राजदीप सरदेसाई ने अपना पैसा निकाल लिया पर मीडिया छोड़ नहीं रहे
Sanjaya Kumar Singh : मीडिया के कारनामे और मीडिया में एफडीआई… भारत को एफडीआई (विदेशी संस्थागत निवेश) तो चाहिए पर समाचार मीडिया में सिर्फ 26 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। दूसरी ओर, कोई भी (भारतीय नागरिक) मीडिया मंडी में दुकान खोल ले रहा है। यहां तक तो ठीक है – पर तुरंत ही टोकरी उठाकर हांफता-कांपता कभी जेल, कभी अस्पताल पहुंच जा रहा है। पर कोई देखने वाला नहीं है। ना अस्पताल में, ना जेल में। वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन तो पुराने संस्थान नहीं देते, नए और नौसिखुओं से क्या उम्मीद? कार्रवाई किसी पर नहीं होती।
केजरीवाल और राजदीप सरदेसाई की ‘आफ दी रिकार्ड’ बातचीत लीक, आप भी देखें वीडियो
केजरीवाल और पुण्य प्रसून बाजपेयी की आफ दी रिकार्ड बातचीत लीक होने का मामला सभी को पता है. अब केजरीवाल और राजदीप सरदेसाई की निजी बातचीत लीक हो गई है. राजदीप सरदेसाई जब केजरीवाल का इंटरव्यू करने के लिए बैठे तो नजीब जंग के मसले पर निजी बात करने लगे. इस दौरान इंटरव्यू की तैयारी के लिए बाकी स्टाफ सक्रिय था. निजी बातचीत के दौरान माइक और कैमरा आन था. नजीब जंग के पाला बदलने को लेकर दोनों लोग दुखी दिखे.
(वीडियो देखने के लिए उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक करें)
राजदीप सरदेसाई अपनी किताब इस तरह बेचते हैं…
Virendra Yadav : दिल्ली जाने पर खान मार्किट के बुकसेलर्स ‘बाहरीसंस’ में भरसक जाने की कोशिश करता हूँ. कारण एक पंथ दो काज हो जाता है ,नीचे किताब ऊपर फैब इंडिया का कुर्ता. परसों शाम वहां जाकर किताबें देख ही रहा था कि सामने राजदीप सरदेसाई दीख गए .एक व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए उनसे बातचीत शुरू ही की थी कि उन्होंने कहा कि ‘मेरी किताब आपने पढी की नहीं ?’ और किताब उठाकर उसे थमाते हुए कहा कि ‘पढ़िए जरूर’.
बड़ा संपादक-पत्रकार बनने की शेखर गुप्ता और राजदीप सरदेसाई वाली स्टाइल ये है…
Abhishek Srivastava : आइए, एक उदाहरण देखें कि हमारा सभ्य समाज आज कैसे गढ़ा जा रहा है। मेरी पसंदीदा पत्रिका The Caravan Magazine में पत्रकार शेखर गुप्ता पर एक कवर स्टोरी आई है- “CAPITAL REPORTER”. गुप्ता की निजी से लेकर सार्वजनिक जिंदगी, उनकी कामयाबियों और सरमायेदारियों की तमाम कहानियां खुद उनके मुंह और दूसरों के मार्फत इसमें प्रकाशित हैं। इसके बाद scroll.in पर शिवम विज ने दो हिस्से में उनका लंबा साक्षात्कार भी लिया। बिल्कुल बेलौस, दो टूक, कनफ्यूज़न-रहित बातचीत। खुलासों के बावजूद शख्सियत का जश्न जैसा कुछ!!!
Secular राजदीप सरदेसाई को Communal मनोहर पर्रिकर पर प्यार आ गया!
Dilip C Mandal : सेकुलर और कम्युनल में क्या रखा है? राजदीप सरदेसाई कट्टर Secular गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) हैं और मनोहर पर्रिकर कट्टर Communal गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB). और फिर प्राइड यानी गर्व का क्या है? हो जाता है. राजदीप को पर्रिकर और प्रभु पर गर्व हो जाता है. सारस्वत को सारस्वत पर गर्व हो जाता है. सेकुलर को कम्युनल पर दुलार आ जाता है. वैसे, अलग से लिखने की क्या जरूरत है कि दोनों टैलेंटेड हैं. वह तो स्वयंसिद्ध है. राजदीप भी कोई कम टैलेंटेड नहीं हैं.
अपनी जाति बताने के लिये शुक्रिया राजदीप सरदेसाई
Vineet Kumar : राजदीप की इस ट्वीट से पहले मुझे इनकी जाति पता नहीं थी..इनकी ही तरह उन दर्जनों प्रोग्रेसिव मीडियाकर्मी, लेखक और अकादमिक जगत के सूरमाओं की जाति को लेकर कोई आईडिया नहीं है..इनमे से कुछ वक्त-वेवक्त मुझसे जाति पूछकर अपनी जाति का परिचय दे जाते हैं..और तब हम उनकी जाति भी जान लेते हैं.
किसी ने मुझे उकसाया और मैं आपा खो बैठा, उसके बाद जो हुआ उसके लिए खेद जताता हूं : राजदीप सरदेसाई
: My statement on Madison Square Garden – Rajdeep Sardesai :
Over the last week, several versions have appeared on an unfortunate incident at Madison Square Garden when Prime Minister was addressing the Indian American community. Through this period, I have chosen to remain mainly silent because I didn’t want to add to the noise that has prevented any rational explanation.