सहारा समूह के सामने एक नहीं बल्कि कई दिक्कतें हैं. एक तरफ निवेशक अपना पैसा परिक्वता के बावजूद न मिलने पर परेशान हैं तो उधर बाजार नियामक संस्था सेबी ने सहारा समूह के खिलाफ सख्त एक्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट को लिख दिया है. इस बीच एक नया मामला रियल एस्टेट का सामने आ गया. सहारा समूह पैसे लेने के बावजूद घर नहीं दे रहा है. ऐसे आरोपों के बाद सहारा इंडिया के रियल एस्टेट ऑफिस को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई.
लखनऊ जिला प्रशासन और रेरा की टीम ने अलीगंज के कपूरथला स्थित सहारा इंडिया के रियल स्टेट के ऑफिस को सील करने की कार्रवाई शुरू की. सहारा के कई हाउसिंग प्रोजेक्टस पर पैसा जमा करने के बावजूद न मकान देने और न ही पैसा लौटाने का आरोप लगा है. सहारा के कई हाउसिंग प्रोजेक्टस पर घपलेबाजी का आरोप लगा है.
इस तरह सहारा ग्रुप की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी दो कंपनियों से 62,600 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. सेबी ने कहा कि यदि कंपनी निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा नहीं करती है तो दोषी लोगों को हिरासत में लिया जाए.
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सहारा समूह 2012 और 2015 के कोर्ट के आदेशों का पालन करने में विफल रहा है, जिसमें कहा गया था कि वह निवेशकों से जमा रकम को 15 फीसदी ब्याज सहित वापस करे.
सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय पर अपने निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये वापस करने को लेकर दबाव है. इसको लेकर सेबी से पिछले कई साल से टकराहट चल रही है. निवेशकों ने समूह की बॉन्ड योजनाओं में ये पैसा जमा किया है, जिसे सेबी अवैध बता चुका है. सहारा और सेबी की टकराहट तो पहले से चल रही है और इस बीच अब लखनऊ जिला प्रशासन ने भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर दी है.
ज्ञात हो कि दो साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को अपनी मां छवि राय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये छह मई, 2016 को पेरोल पर रिहा किया गया था. इसके बाद से ही वह जेल से बाहर हैं. इसको लेकर सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके गुहार लगाई थी कि या तो रॉय की कंपनी 62 हजार करोड़ रुपये लौटाए या फिर वह फिर से कस्टडी में जाएं.
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के मैनेजर के खिलाफ एफआईआर
उधर कानपुर के भोगनीपुर इलाके से खबर है कि एसपी के आदेश के बाद पुखरायां स्थित सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी शाखा के शाखा प्रबंधक के खिलाफ जमा रकम हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया है. सुखसौरा गांव निवासी शकील अहमद ने बताया कि उसने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी शाखा पुखरायां में 4 मई 2012 से 31 दिसंबर 2017 तक 1.35 लाख रुपये रुपये फिक्स डिपॉजिट के लिए जमा किये थे. सोसाइटी ने तीन साल बाद ब्याज के रुपयों समेत धनराशि वापस करने की बात कही थी. वह सोसाइटी में जमा किया मूलधन व ब्याज पाने के लिए तीन वर्षों से सोसाइटी के शाखा प्रबंधक से अनुरोध कर रहा है, लेकिन उसका रुपया वापस नहीं कर रहे हैं. भुगतान का दबाव डालने पर शाखा प्रबंधक व कर्मचारियों ने बदसलूकी कर उसे भगा दिया. आरोप है कि रुपये के अभाव में पिता का कैंसर का इलाज नहीं करा पाया और मौत हो गई. एसएसआई दिनेश कुमार यादव ने बताया कि एसपी के आदेश पर शकील अहमद की ओर से अमानत में खयानत की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया.
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