पहले अरुण कुमार, फिर प्रशांत और अब हेमेन्द्र की कैंसर से असमायिक मौत से पत्रकार स्तब्ध
(हेमेंद्र और प्रशांत)
हफ्ते भर में बिहार में पत्रकारों की लगातार तीन मौतों से पत्रकार समुदाय स्तब्ध है। छह दिनों पहले वरीय पत्रकार अरुण कुमार की कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई। सोमवार को मौर्य टीवी के पत्रकार प्रशांत कुमार चल बसे और सोमवार की ही देर रात वरीय पत्रकार हेमेन्द्र नारायण लंग संबंधी कैंसर की बीमारी के कारण चल बसे।
राष्ट्रीय प्रेस पत्रकार के दिन पटना में मौर्य टीवी में कार्यरत प्रशांत कुमार की मौत कैंसर जैसे असाध्य बीमारी से जूझते हुए हो गई। मौर्य टीवी की स्थापना से ही उससे जुड़े प्रशांत इस टीवी के तकनीकी विभाग को संभालते थे और वह आईटी के एक्सपर्ट सहित रिपोर्टरों को भी किस न्यूज पर कैसे काम करना है इसकी नसीहत और सलाह भी देते थे। 33 वर्षीय प्रशांत काफी मिलनसार स्वभाव के थे पर वो गुटका और सिगरेट के आदी थे जो आखिरकार उनकी मौत का कारण बन गया। उनका लंबे समय से इलाज भी चल रहा था और वह कुछ दिन पहले ही इलाज कराकर उत्तरी एसके पुरी स्थित अपने आवास पर लौटे थे जहां आज दोपहर बाद उनका निधन हो गया।
सोमवार देर रात लंग कैंसर से मरे हेमेन्द्र नारायण ने 80 के दशक में काफी नाम कमाया था। वे पटना में स्टेटमैन और इंडियन एक्सप्रेस में कार्य कर चुके थे। असम के नेली कांड, जहां 1500 से भी अधिक लोगों की हत्याएं हुई थी, की जीवंत रिपोर्टिंग ने उन्हें पत्रकारिता के शिखर पर पहुंचाया। लालू प्रसाद के शासनकाल में चम्पारण में रिपोर्टिंग के लिए गए हेमेन्द्र नारायण की तब वहां की पुलिस ने बर्बरता से पिटायी की थी पर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। उस दौर में हेमेन्द्र नारायण, गुंजन सिन्हा और अरुण रंजन जैसे पत्रकारों की तिकड़ी काफी प्रसिद्ध थी।
हेमेन्द्र नारायण जी के रग-रग में पत्रकारिता बसा था। उनकी पत्नी प्रेरणा नारायण भी काफी दिनों तक पटना से प्रकाशित नवभारत टाइम्स में कार्यरत रही थीं। पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र में रहने वाले हेमेन्द्र नारायण इन दिनों रांची के अशोक नगर में रह रहे थे जहां कल देर रात उनका असमायिक निधन हो गया। दिवंगत बड़े भाई और हम सबों के आदर्श और प्रेरणा रहे स्व. हेमेन्द्र नारायण को भावभीनी श्रद्धांजलि!
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता की रिपोर्ट.
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