क्या कीमोथेरेपी जान ले लेती है?

Avyact Agrawal : क्या कीमोथेरेपी जान ले लेती है? कैंसर होने पर कीमोथेरेपी नहीं करवाना चाहिए? मैं आई सी यू में झटके आने पर एक इन्सेफेलाइटिस के बच्चे को ऑक्सीजन लगा रहा था। तभी मां चिल्लाने लगी “सर ऑक्सीजन मत लगाना. मेरे पड़ोसी के बच्चे को ऑक्सीजन लगी थी और वो मर गया था। यहां …

कैंसर ने जौनपुर के वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण पाठक को भी हराया

अधिवक्ता के साथ दो दशक तक रहे राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रमुख… राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों, अधिवक्ताओं, पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि… जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण पाठक एडवोकेट का सोमवार को निधन हो गया जिसकी जानकारी होने पर पत्रकारिता जगत सहित पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ गयी। देखते ही देखते नगर के मधारे …

विटामिन B17 की कमी से होने वाला कैंसर बीमारी कम, बिजनेस ज्यादा है

कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि चिकित्सा जगत में पैसा कमाने का साधन मात्र है। पिछले कुछ सालों में कैंसर को एक तेजी से बढ़ती बीमारी के रूप में प्रचारित किया गया। इसके इलाज के लिए कीमियोथिरेपी, सर्जरी या और उपायों को अपनाया जाता है, जो महंगे होने के साथ-साथ मरीज के लिए उतने ही खतरनाक …

इस कैंसर अस्पताल में एक रुपये में होता है इलाज, देखें वीडियो

गुजरात के वलसाड का RMD आयुर्वेदिक कैंसर अस्पताल जहां देसी गायों के दूध, घी, दही, मूत्र, गोबर से बने पंचगब्य, योग, संगीत के जरिए होता है चमत्कारिक इलाज.. इस अस्पताल में चार सौ गाएं हैं..यहां लोग बड़े बड़े अस्पतालों से थक हार कर, लाखों खर्च कर निराश भाव से पहुंचते हैं और पुनर्जीवित होकर लौटते हैं..और हां, यहां इलाज भी मात्र 1 रुपये में पूरे सेवाभाव से होता है..

जौनपुर के फोटोजर्नलिस्ट अनिल विश्वकर्मा को हुआ कैंसर, मदद की अपील

अनिल विश्वकर्मा
साथियों, तरुणमित्र अखबार के जौनपुर के फ़ोटो ग्राफ़र अनिल विश्वकर्मा कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के ईलाज के लिये आज मुम्बई के लिये रवाना हो गये. उनकी अभी कच्ची गृहस्थी है. पत्नी व तीन बेटियों का भरा पूरा परिवार है. ईलाज के साथ साथ परिवार के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी अनिल जी के ही कन्धों पर है. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. हमेशा मुस्कुराने वाले अनिल जी कर्मठ, ईमानदार एवं व्यवहार कुशल रहे हैंं.

बिहार में हफ्ते भर में तीन वरिष्ठ पत्रकारों की कैंसर से मौत

पहले अरुण कुमार, फिर प्रशांत और अब हेमेन्द्र की कैंसर से असमायिक मौत से पत्रकार स्तब्ध

(हेमेंद्र और प्रशांत)


हफ्ते भर में बिहार में पत्रकारों की लगातार तीन मौतों से पत्रकार समुदाय स्तब्ध है। छह दिनों पहले वरीय पत्रकार अरुण कुमार की कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई। सोमवार को मौर्य टीवी के पत्रकार प्रशांत कुमार चल बसे और सोमवार की ही देर रात वरीय पत्रकार हेमेन्द्र नारायण लंग संबंधी कैंसर की बीमारी के कारण चल बसे।

वीरेन डंगवाल की तबीयत खराब, बरेली में भर्ती, गर्दन की क्षतिग्रस्त नस का आपरेशन हुआ

कैंसर से पीड़ित जाने-माने कवि और पत्रकार वीरेन डंगवाल की बीती रात बरेली में तबीयत काफी खराब हो गई. गले की एक नस जो काफी डैमेज हो गई है, रेडियोथिरेपी-कीमियोथिरेपी के कारण, से अचानक रक्स्राव होने लगा. खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था. तब उन्हें बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका रात में ही आपरेशन हुआ जिसमें काफी हद तक क्षतिग्रस्त नस को ठीक कर खून रोका जा सका.

कैंसर से ज्यादा खतरनाक है कैंसर का treatment

मित्रो कैंसर हमारे देश मे बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है । हर साल बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे हैं और हर साल नए केस आ रहे हैं । सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके हैं। एक छोटी सी विनती है, याद रखना, कैंसर के पेसेंट को कैंसर से मृत्यु नहीं होती है, जो treatment उसे दिया जाता है उससे मृत्यु सबसे अधिक होती है । माने कैंसर से ज्यादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है, सभी जानते है, Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया ।

श्रद्धांजलि : कैंसर से पंजा लड़ाते हुए अमरेंद्र कुमार ने पत्रकार की तरह जीना नहीं छोड़ा

अमरेंद्र कुमार


वरिष्ठ पत्रकार अमरेंद्र कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं। 10 मई, 1945 को जन्मे इस शख्स ने 13 दिसंबर, 2014 को आखिरी सांस ली। जब भारत आजादी के करीब पहुंच रहा था तो उसी दौरान अमरेंद्र कुमार का जन्म बिहार के सासाराम में हुआ। जब वे अपने पैरों पर खड़े हो कर चलना शुरू ही किए थे तो भारत स्वतंत्र देश बन चुका था। और स्वाभाविक तौर पर, उनमें स्वतंत्र खयाल कूट कूट कर भरा हुआ था। स्वतंत्र खयालों के होने की वज़ह से उन्होंने जिंदगी को अपनी तरह से जीया और परिस्थितियों के साथ समझौता नहीं करने की उनकी जिद्द ने कई बार उनका माली नुकसान भी कराया। मगर, जो विचारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रखते हैं, वे नफे नुकसान का कभी खयाल कहां रखते और ये सारी बातें उनके व्यवहारों और कार्यप्रणालियों में साफ देखने को मिलता था।

पत्रकार राजेश कपिल की पत्रकार पत्नी सोनियन कपिल नहीं जीत पाईं कैंसर से जंग

जालंधर : प्रिंट एंड इलैक्ट्रोनिक मीडिया एसोसिएशन के सदस्य पत्रकार राजेश कपिल की पत्नी सोनियन कपिल (38) सुपुत्री नरिन्दर कुमार धारी (रिटायर्ड रेल लोकोमोटिव पायलट) का शनिवार को गंभीर बीमारी से निधन हो गया। वे पेट के कैंसर की बीमारी से ग्रस्त थीं और बीते करीब 6 माह से नई दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में उपचाराधीन थीं।

एबीपी न्यूज का घटियापना… एक अच्छे कैंपेन की घटिया हेडिंग….

Abhishek Mehrotra : कब तक हम पत्रकार इस तरह की बिकाऊ हेडिंग लगा लगा कर एक अच्छे कैंपेन को चीप बनाने की कोशिश करते रहेंगे। एक तर्क ये भी है कि चीप हेडिंग की वजह से ये खबर पढ़ी जाएगी, पर आज मुझे याद आ रही है नरेंद्र पाल सिंह NP Sir की वो बात कि ‘मर्डर’ जैसी फिल्में भी लोकप्रिय होती है और ‘तारे जमीं पर’ भी। पर ‘तारें जमीं पर’ कभी-कभी बनती है और ‘मर्डर’ जैसी कई फिल्में बन जाती हैं। इसलिए कम से कम सकारात्मक खबरों को हमें ‘मर्डर’ स्टाइल में नहीं बल्कि ‘तारे जमीं पर’ के स्टाइल में पेश करना चाहिए। साथीगण चाहे तो इस खबर के लिए अच्छी हेडलाइन उपलब्ध करा सकते हैं…

रीवा के वरिष्ठ पत्रकार अनिल वाजपेयी का निधन

रीवा के वरिष्ठ पत्रकार अनिल वाजपेयी का पूना में निधन हो गया है। वे 57 वर्ष के थे। श्री वाजपेयी विगत कुछ वर्षों से कैंसर रोग से पीड़ित थे। उन्होने स्वदेश और जागरण सहित विभिन्न समाचार पत्रों में कार्य किया और रीवा नगर एवं जिले की पत्रकारिता में उन्हे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। वे दो बेटे- दो बेटियों सहित भरा- पूरा परिवार अपने पीछे छोड़ गये हे।