जी ग्रुप की कंपनियों में फिर से छंटनी की जा रही है. पता चला है कि जी मीडिया के नेशनल और रीजनल न्यूज चैनलों से दर्जनों लोगों से इस्तीफा लिया गया है. ज़ी न्यूज़ के आधा दर्जन से ज्यादा रिपोर्टरों को छंटनी का शिकार बना दिया गया है. कुल बीस परसेंट लोगों को निकाला जा रहा है. जी मीडिया के एचआर ने फोन कर एक एक से इस्तीफा लिया.
रिपोर्टरों के अलावा आउटपुट और इनपुट डेस्क पर भी गाज़ गिरी है. दर्जनों मीडियाकर्मियों की सेलरी भी काटी गई है. छंटनी और सेलरी कटौती से जी ग्रुप के सभी न्यूज चैनलों में अनिश्चितता का माहौल है. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बीच इस तरह की छंटनी से सभी भौचक्के हैं.
जी मीडिया में छंटनी के बाद जी एंटरटेनमेंट के कर्मियों की सैलरी पर कैंची चलने लगी है. छंटनी और सेलरी कटौती को जस्टीफाई करने के लिए जी एंटरटेनमेंट लिमिटेड के सीईओ पुनित गोयनका ने एक नौटंकी प्लान कर दी. खुद के वेतन से 20 पर्सेंट की कटौती करा दिया है. इसके जरिए उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि छोटा हो या बड़ा, सबकी सेलरी काटी जा रही है. लेकिन ये तो सच है कि कंपनी के मालिक पुनीत गोयनका की सेलरी कम होने से उनके लाइफस्टाइल पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन एक मीडियाकर्मी की सेलरी कटौती से उसका ईएमआई जरूर बंद हो जाएगी. गई है। पिछले साल 31 मार्च तक गोयनका का सालाना सैलरी 35.07 करोड़ रुपये थी. सोचिए, पांच सात करोड़ उनकी सेलरी कम भी हो गई तो उन्हें क्या फरक पड़ने वाला है.
जी ग्रुप की कंपनियों में कास्ट कटिंग अभियान के तहत कुछ दिन पहले टेक्नोलॉजी और इन्वोशन सेंटर में छंटनी हुई. जी अपने अंग्रेजी टीवी चैनलों सहित कुछ अन्य बिजनेस में घाटे को कम करने और प्रॉफिट टार्गेट को पूरा करने के लिए छंटनी और वेतन में कटौती के जरिए लागत कम करने की कोशिश कर रहा है. जी ने शुक्रवार को पैनल की सिफारिशों के आधार पर बेंगलुरु में अपने टेक्नोलॉजी और इन्वोशन सेंटर में कर्मचारियों की संख्या लगभग आधी कर दी.