: संगीत के मरकज पर कटरा बनाने की हो रही है तैयारी : वाराणसी। शहनाई के जादूगर भारत रत्न मरहूम बिस्मिल्लां खां साहब के घर को जमीदोंज करने का पूरा खाका तैयार हो चुका है। बेनियाबाग हड़डा स्थित भीखा शाह के तंग गली में स्थित जिस मकान में रहकर खां साहब ने जिस शहनाई को दुनिया के पैमाने पर पहचान दिलायी, आज उसी मकान को उनके अपने ही जमींदोज करने पर लगे हैं।
खां साहब के बड़े बेटे महताब हुसैन और काजिम हुसैन जिनका न तो खां साहब के विरासत से कोई लगाव था और न ही उसको सहेजने में रुचि, स्थानीय बिल्डर के साथ सांठगांठ करके जमीदोंज करवाने का पूरा खाका तैयार कर चुके हैं। वहां कटरा बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। हद तो इस बात की है कि इस मामले को लेकर खां साहब के साथ 1970 से लेकर अंतिम कार्यक्रम तक में तबले पर संगत करने वाले उनके सबसे छोटे बेटे नाजिम हुसैन को लगातार धमकिया दी जा रही हैं। नाजिम का कहना है कि ये मकान या घर नहीं, संगीत का मरकज है, इसे अगर मिटा दिया गया तो हिन्दुस्तान अपने एक महत्वपूर्ण मरकज से हाथ धो बैठेगा। आने वाली पीढ़िया कभी नहीं जान पायेंगी कि इसी तंग गली में बैठकर किसी दरवेश की तरह जिदंगी जीने वाला संगीत का वो साधक कैसे अपने सुरों को साधता रहा।
नाजिम का कहना है कि उनके बड़े भाईयों और उनके बेटे और उसके बिल्डर साथी इस योजना को काफी समय से बनाते आ रहे है। घर की बात बाहर न जाये और खां साहब की इज्जत बनी रहे ये समझ कर वो चुप थे। लेकिन उनके भाईयों और उनके बेटो ने सारी हदों को पार कर दिया। नाजिम सिर्फ इतना चाहते है, कि संगीत के इस मरकज को धरोहर घोशित कर इसे सहेजा जाए। नाजिम का कहना है, कि उनके साथ कभी भी कोई हादसा हो सकता है। क्यों कि उन्हें लगातार जुबान बंद रखने के लिए धमकाया जा रहा है। गौर करने की बात तो ये है कि किसी दिन जब सुबहे बनारस का सूरज गंगा की लहरों को चूूमते हुए आगे तो षहर के नक्षें से संगीत का ये मरकज जमींदोज नजर आए।
बनारस से भाष्कर गुहा नियोगी की रिपोर्ट. संपर्क: 09415354828