प्रदेश भर में चल रहे राजकीय आर्युवेदिक और यूनानी चिकित्सालय न सिर्फ बदहाल हैं बल्कि लूट के अड्डे बने हुए हैं। इन अस्पतालों में दसकों से तैनात चिकित्सक और कर्मचारी दलाली की मलाई काट रहे हैं। इन अस्पतालों को दवा आपूर्ति से लेकर अन्य सुविधाओं के नाम पर मिलने वाले करोड़ो का बजट किसके पेट में जा रहा है, ये इन अस्पतालों में जाकर वहां के हालात और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को देखकर समझा जा सकता है। जौनपुर के शाहगंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय इन दिनों बाबू, डाक्टर और कर्मचारियों की मिलीभगत से खुली लूट का केन्द्र बना हुआ है। दवाओं की आपूर्ति से लेकर अन्य मामलों में यहां बड़ी खामियां है। यहां मरीजों का कल्याण सिर्फ कागजों पर हो रहा है।
बसपा से भाजपा में गये और फिलहाल आयुष मंत्री बने धर्म सिंह सैनी के साथ कई किस्म के आरोपों से घिरा बाबू इशरत हुसैन (चश्मे में, तीर से निशान बना हुआ है)।