मनीष श्रीवास्तव-
‘सन्देशवाहक’ में प्रकाशित मेरी आज की खबर … लखनऊ एयरपोर्ट से हो रही करोड़ों के सोने की तस्करी के तार कस्टम के शीर्ष अफसरों से जुड़ते नजर आ रहे हैं।
डीआरआई भले सिर्फ अदने से कस्टम हवलदार को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाए, लेकिन लखनऊ एयरपोर्ट पर कस्टम अफसरों की ड्यूटी में खेल का खुलासा महीनों पहले ही हो गया था। एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम अधीक्षक लवकेश वर्मा ने कस्टम कमिश्नर वेद प्रकाश शुक्ला को पत्र लिखकर बताया था कि डिप्टी कमिश्नर कस्टम निहारिका लाखा संदिग्ध प्रतीत होती हैं।
एयरपोर्ट पर एक्सरे बेल्ट के लिए ड्यूटी लगाने वाले कस्टम अधीक्षक को फोन करके मनमाफिक ड्यूटी रोस्टर की धज्जियां उड़ाकर लगवाती हैं। लेकिन कस्टम कमिश्नर वेद प्रकाश शुक्ला ने बजाय कारवाई करने के, उल्टे शिकायतकर्ता कस्टम अफसर लवकेश वर्मा का तबादला कानपुर करवा दिया।
कस्टम अफसर ने भी सन्देशवाहक से पत्र भेजे जाने की पुष्टि की। ताकतवर आईआरएस लॉबी चाहती ही नहीं थी कि उसके किसी भी खेल की पर्तें नीचे के अफसर खोलें। क्या अपने चहेतों की ड्यूटी लगवाकर एयरपोर्ट पर कस्टम इंचार्ज डिप्टी कमिश्नर निहारिका लाखा तस्करों को करोड़ों का सुनियोजित लाभ पहुंचा रही थीं?
इस संवेदनशील प्रकरण की जांच होनी भी नहीं है क्योंकि सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का। फिलहाल सोना तस्करी कांड पर बड़े अफसरों को बचाने की साजिश की पर्तें खोलता मेरा दूसरा खुलासा आपके समक्ष हाजिर है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी है..