जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड मामले में दैनिक भास्कर और दिव्य मराठी समाचार पत्र का प्रकाशन करने वाली कंपनी डी बी कॉर्प को तगड़ा झटका लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने सेवालकर डेवलपर्स लिमिटेड वर्सेज रूपी कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे के 2016 के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के दिए सायटेशन का संदर्भ लेते हुए दिव्य मराठी के औरंगाबाद के पेजमेकर दिनेश परदेशी, डिप्टी न्यूज़ एडिटर सुधीर जगदाले के मामले में डीबी कार्प को स्पष्ट निर्देश दिया कि आप पचास प्रतिशत राशि कोर्ट में जमा करें।
दिनेश परदेशी की ओर से लीगल एडवायजर सिध्देश्वर ठोंबरेजी और राहुल खाडपजी ने पक्ष रखते हुए कोर्ट से दरखास्त की कंपनी से पहले 50 फीसदी राशि जमा कराई जाए। इसके बाद अदालत ने डी बी कॉर्प को स्टे देने से मना किया। यह आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के विद्वान न्यायाधीश रविन्द्र घुगे ने दिया है।
डी बी कॉर्प के पिटीशन पर औरंगाबाद हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। आपको बता दें कि लेबर कोर्ट से पेजमेकर दिनेश परदेशी के पक्ष 21 लाख का अवार्ड पास हुआ है और साथ ही डिप्टी न्यूज एडिटर सुधीर जगदाले के पक्ष में 28 लाख का अवार्ड 4 जनवरी 2019 को पारित किया गया था। इसके बाद डीबी कॉर्प ने अदालत में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी। डीबी कॉर्प द्वारा दाखिल रिव्यू पिटिशन भी औरंगाबाद लेबर कोर्ट ने 10 जून 2019 को खारिज कर दी थी।
दिनेश परदेशी और सुधीर जगदाले के पक्ष में लेबर कोर्ट के सुनाए फैसले पर 23 सितम्बर 2019 को डीबी कॉर्प ने औरंगाबाद हाइकोर्ट में स्टे की डिमांड की थी। डी बी कॉर्प की पिटीशन पर औरंगाबाद हाइकोर्ट ने स्टे देने से इन्कार करते हुए स्पष्ट कहा कि 50 फीसदी राशि पहले जमा करो। आपको बता दें कि हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए डीबी कॉर्प 10 बड़े वकीलों की फौज के साथ पहुंचा था। अदालत ने यह आदेश WRIT PETITION NO. 11646 OF 2019 औऱ WRIT PETITION NO. 11665 OF 2019 पर संयुक्त रूप से दिया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
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