मनीष दुबे-
उत्तर भारत के राज्य यूपी का एक शहर अलीगढ़ जो जिला मुख्यालय भी है. कानपुर के उत्तर-पश्चिम में 203 किलोमीटर और नई दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। ताला उद्योग और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिये प्रख्यात यह शहर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है और भारत के 55वें सबसे बड़े शहरों में गिना जाता है. लेकिन अब इसके नाम को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हुई है.
प्रस्ताव पास हो गया
अलीगढ़ नगर निगम बोर्ड के अधिवेशन में तमाम हो हल्ला और हंगामें के बीच अलीगढ़ को हरिगढ़ बुलाये जाने का प्रस्ताव पास हो गया. इनपुट है कि तालों के गढ़ में अली को हरि का एंगल देने वाले भाजपा पार्षद संजय पंडित के सुझाव पर नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया गया था. बताया जा रहा है कि पिछले पांच साल के इतिहास बोर्ड का सबसे लम्बा अधिवेशन (सुबह 11-रात 10:30 तक) चला. अब शासन की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया गया है. उधर अलीगढ़ के मेयर प्रशांत सिंघल ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द इसे मंजूरी देगा अब बस एक चिड़िया भर उड़ानी है, प्रस्ताव पर और अली हरि हो जायेंगे.
अलीगढ़ की हिस्ट्री?
तालानगरी के रूप में प्रख्यात अलीगढ़ का इतिहास खोजने पर पता चलता है कि, ‘अठारहवीं सदी से पहले इसे ‘कोल’ कहा जाता था. आयरलैंड के वकील एडविन एटकिनसन के अनुसार इस जगह की स्थापना और नामकरण राजपूतों ने साल 372 में किया था.
साल 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली से आया. यहां कब्जे के बाद अकबर और जहाँगीर शिकार करने आते थे. इब्राहीम लोधी के समय उमर का पुत्र, मुहम्मद ने कोल में लोधी किले का निर्माण किया था, इसका नाम कोल से मुहम्मदगढ़ कर दिया था. इसके बाद साबित खान उस क्षेत्र का शासक बना और लोधी किले का फिर से निर्माण कर उसका नाम अपने नाम पर साबितगढ़ किला और शहर का नाम साबितगढ़ रख लिया.
इसके बाद जाट राजा सुरजमल ने जयपुर के शासक जय सिंह के साथ मिल कर इसपर कब्जा कर लिया और इसका नाम रामगढ़ कर दिया. फिर उसके बाद नजफ़ खान ने इस पर कब्जा कर इसका नाम अलीगढ़ और किले का नाम अलीगढ़ किला कर दिया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है.
1803 में मैसूर की शक्ति समाप्त होने के बाद पूरे भारत में केवल मराठाओं के पास ही अंग्रेजों से लड़ने लेवल की शक्ति बची थी. 1 सितम्बर 1803 में अलीगढ़ किले पर अंग्रेजों और मराठाओं के बीच लड़ाई हुई थी. बाद में अंग्रेजों ने अलीगढ़ पर भी कब्जा कर लिया. यह कब्जा वर्ष 1947 तक रहा। 1947 के बाद अंग्रेजों से भारत को आजादी मिल गई.
रेल रुट
यहाँ का मुख्य स्टेशन अलीगढ़ ही है। दिल्ली और कोलकाता में आने जाने का मार्ग भी इसी से होकर जाता है. अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से होते हुए आप पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहरों और महत्वपूर्ण जगहों में भी जा सकते हैं. जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, भोपाल, इन्दौर, जम्मू, ग्वालियर, झाँसी, पुरी, कानपुर, आगरा और वाराणसी इत्यादि.
बस रुट
अलीगढ़ से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें चलती है. यह बसें उत्तर प्रदेश के सभी शहरों के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के शहरों में जाती हैं. इस बस सेवा के उपयोग से यात्री एक शहर से दूसरे शहर आसानी से जा सकते हैं. अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर दिल्ली का IGI एयरपोर्ट है, जो 140 किलोमीटर दूर है.
गौरतलब है की सत्ता में आने के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने कई प्राचीन शहरों के नामों में बदलाव किया, बावजूद इसके नाम बदले शहरों के सूरते हाल ज्यों क त्यों रहे. इसे लेकर तमाम सवाल भी उठते रहते हैं, लेकिन सरकार अपने ही ढंग में काम कर रही है. इसी कड़ी में कल को अलीगढ़ का ताला हरिगढ़ के नाम से मशहूर बताया जाने लगे तो खरीदने में संकोच मत करियेगा.