वेब-लाॅग, ब्लाॅग जर्नल, निजी डायरी, निजी पोर्टल, नेटवर्किंग साइटों से दूर रहने को कहा
आईटी सेल पर कडी़ निगरानी, संपादकों के मेल देखे जा रहे
नई दिल्ली/मेरठ : अमर उजाला समूह ने अपने कर्मचारियों, प्रोमोटरों, आईटी सेक्शन समेत तमाम विभागों के लिए एडवाइजरी जारी कर सोशल मीडिया आचार संहिता लागू कर दिया है.
आचार संहिता में अमर उजाला कर्मचारियों को वेब-लाॅग, ब्लाॅग जर्नल, निजी डायरी, निजी पोर्टल, नेटवर्किंग साइटों से दूर रहने को कहा गया है.
अमर उजाला के समूह संपादक इंदुशेखर पंचोली और समूह सलाहकार उदय कुमार की देखरेख में लीगल सेल ने अमर उजाला सोशल मीडिया आचार संहिता को तैयार किया है. इस आचार संहिता पर हस्ताक्षर के साथ ही अमर उजाला समूह से जुडे़ सभी कर्मचारी दूसरी कंपनियों में पार्ट टाइम जाॅब या सोशल नेटवर्किंग साइटों या निजी ब्लाॅग पर लेखन या अन्य कार्य नहीं कर पाएंगे.
यह एडवाइजरी जारी होने से अमर उजाला कर्मचारियों रोष है. कर्मचारियों का कहना है इस तरह की आचार संहिता लागू करने से पहले अमर उजाला प्रबंधन को कर्मचारियों का वेतन दोगुनी करनी चाहिए. कर्मचारियों का एक समूह वेतन बढा़ने के लिए समूह एचआर हेड संदीप बत्रा से भी मिला है. संदीप बत्रा ने कर्मचारियों को अगले महीने या अगले साल जनवरी से वेतन बढा़ने का आश्वासन दिया है.
कर्मचारियोँ ने एचआर बत्रा को बताया कि बगैर वेतन बढा़ए इस तरह का आचार संहिता लागू करना सही नहीं है. कर्माचारियों का तर्क है कि दिल्ली-एनसीआर में महंगाई इतनी है कि हमें घर चलाने के लिए अमर उजाला के साथ दूसरे पार्ट-टाइम जाॅब या सोशल नेटवर्किंग साइटों या अन्य अर्निंग डिजिटल पोर्टल पर निर्मर रहना पड़ता है. जहां तक व्यवसायिक गोपनीयता लीक होने का सवाल है, तो अमर उजाला को अपनी आईटी सेल को और मजबूत करनी चाहिए क्योंकि संपादकों-डायरेक्टर के कंप्यूटर-मोबाइल तक हैक हैं और उनके मेल पढे़ जा रहे हैं.
एचआर बत्रा को सलाह देते हुए कर्मचारियों ने यह भी कहा, अमर उजाला समूह को दूसरे आईटी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. समूह की गोपनीयता को सुरक्षित करने के लिए अमर उजाला को खुद की साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी बनानी चाहिए. सफेद हाथी पालने की बजाए छोटे-छोटे कर्मचारियों के वेतन बढोत्तरी और कंपनी को अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए.
सोशल मीडिया आचार संहिता लागू करना सरकार का काम है. ऐसे में अमर उजाला को सबसे पहले मजीठिया वेज बोर्ड को सही से लागू करना चाहिए. कर्मचारियों की ज्वाइनिंग डेट समेत सैलरी स्लिप में वास्तविक खामियों को दूर करनी चाहिए.
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