कल (03 /01 / 2015-शनिवार) मुझे और मेरे पति पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को हमारे मोबाइल पर फोन नंबर 093890-25750 से स्वयं को एक टीवी चैनेल का पत्रकार बताने वाले एक व्यक्ति के कई बार फोन आये. उन्होंने मुझसे और मेरे पति से बहुत निकटता दिखाते हुए मुझे कई प्रकार से समझाया कि मैंने गायत्री प्रजापति की संपत्ति और कथित अवैध प्लोटिंग के बारे में लोकायुक्त को जो बातें कही हैं वे पूरी तरह गलत और निराधार हैं. उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि खनन निदेशक भास्कर उपाध्याय बहुत ही अच्छे आदमी हैं और मुझे उनसे मिलना चाहिए.
इन व्यक्ति ने मुझे अवैध खनन के मामले तक ही स्वयं को सीमित रहने की सलाह दी और कहा कि अवैध प्लोटिंग और संपत्ति के मामले में पड़ने से मुझे दिक्कत होगी. उन्होंने मुझे समझाया कि मुझे यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि मेरे पति खुद भी नौकरी में हैं. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि श्री प्रजापति अमेठी में देवता माने जाते हैं और यदि वे चाहें तो एक टीवी डिबेट में उन्हें भी बैठा कर सारी भ्रान्ति दूर की जा सकती है. मैंने मेरी जानकारी में अपरिचित इस व्यक्ति की पूरी बात से थानाध्यक्ष गोमतीनगर और एसएसपी लखनऊ को अवगत कराते हुए एफआईआर दर्ज कर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निवेदन किया है.
सेवा में,
थानाध्यक्ष,
थाना गोमतीनगर,
लखनऊ
विषय- एक व्यक्ति द्वारा स्वयं को टीवी पत्रकार बता कर श्री गायत्री प्रजापति मामले से अलग होने की धमकी देने विषयक
महोदय,
निवेदन है कि मैं डॉ नूतन ठाकुर एक अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हूँ और मैंने हाल में श्री गायत्री प्रजापति, मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ लोकायुक्त, उत्तर प्रदेश के समक्ष एक परिवाद दायर किया है. कल दिनांक 03 /01 /2014 को मेरे पति आईपीएस अफसर श्री अमिताभ ठाकुर के मोबाइल नंबर 094155-34526 पर समय 12.30 बजे एक नंबर 093890-25750 का कॉल आया जिन्होंने पहले उनसे और फिर मुझसे बात की. उन्होंने अपने आप को किसी टीवी चैनेल का पत्रकार बताया और जितनी बात मेरे पति समझ पाए उसके अनुसार वे दिल्ली से लखनऊ आये थे और अपना नाम कोई श्री मिश्रा बताया था. उन्होंने मेरे पति को कहा कि आज उनकी श्री ए के गुप्ता, डीजीपी, यूपी से मुलाक़ात हुई जो मेरे पति की काफी प्रशंसा कर रहे थे. फिर कुछ और बात कर मुझसे बात कराने को कहा. वे मुझे भाभी कह कर संबोधित कर रहे थे और उन्होंने श्री गायत्री प्रजापति मामले में दुनिया भर की बात की. चूँकि वे स्वयं को पत्रकार कह रहे थे, अतः बिना यह समझे कि ये कौन हैं और इनका इस बातचीत से क्या प्रयोजन है, मैंने अपने तथ्य उनको बताने का प्रयास किया. यह बात 07.09 मिनट तक चली. इसी बीच समय 12.37 पर मेरे मोबाइल नंबर 094155-34525 पर दिल्ली में एक चैनेल से फोन नंबर 011-66231094 से फोन आ गया जिस पर मैंने इन साहब से बाद में बात करने की बात कह फोन काटा.
मेरे पति ने मुझे वह फोन नंबर लिख कर दिया था पर गलती से उसका क्रम उल्टा हो गया जिसके कारण समय 12.44 पर मैंने फोन नंबर 098390-25750 पर फोन कर दिया. बाद में समय 15.11 पर उनका कॉल आया जो मैं नहीं उठा पायी. मैंने समय 16.19 पर उन्हें दो बार कॉल किया पर फोन नहीं उठा. 16.25 बजे भी मैंने फोन किया पर उनका फोन नहीं उठा और समय 16.26 पर उनका फोन आया जो मैं नहीं उठा सकी. मैंने समय 18.01 पर उन्हें फोन किया और 02.48 मिनट बात हुई जिसमे उन्होंने पुनः इस मामले में ही बात की. समय 18.47 पर उन व्यक्ति का पुनः फोन आया जिस पर उन्होंने 11.56 मिनट बात की. इस पूरी बात में उन्होंने श्री प्रजापति मामले के बारे में कई तरह की बात पूछी और ख़ास कर श्री भास्कर उपाध्याय, निदेशक, खनन और भूतत्व की बहुत अधिक प्रशंसा करते हुए मुझे कई प्रकार से समझाने की कोशिश की कि उनकी इसमें कोई सहभागिता नहीं है और वे अनेक प्रकार से प्रदेश के अवैध खनन को समाप्त करने में लगे हुए हैं. मैं उनकी पूरी बात का मतलब नहीं समझ पा रही थी क्योंकि यद्यपि वे मुझे लगातार भाभी कह रहे थे और मेरे पति को भैया कह रहे थे पर मैं उनसे परिचित नहीं थी और उन्हें पहचान नहीं पा रही थी. वे इस बातचीत में बार-बार मुझे कहते कि मैं अवैध खनन के मुद्दे को सामने रखूं और श्री उपाध्याय से मिलूं जिसपर वे काफी अच्छा काम करेंगे. वे बीच-बीच में इस मामले को चैनेल पर चलाने की बात भी कहते.
पुनः समय 19.07 और 19.21 पर उनके कॉल आये पर चूँकि मैं दूरदर्शन एक कार्यक्रम में जा रही थी अतः मैंने उन्हें नहीं उठाया. कार्यक्रम से लौट कर मैंने इन्हें समय 20.42 पर फोन किया जब मेरी लगभग 08.04 मिनट बात हुई. इस बातचीत में उन्होंने मुझे कई प्रकार से समझाना चाहा कि श्री भास्कर उपाध्याय बहुत ही अच्छे आदमी है और मैं उनसे अवश्य मिलूं. साथ ही यह भी कहा कि मैं अवैध प्लोटिंग या श्री प्रजापति की संपत्ति वाले मामले से न जुड़ कर स्वयं को अवैध खनन मामले में सीमित रखूं. उन्होंने कहा कि मेरे हवाले से अवैध प्लोटिंग की बात कही जा रही है जिसका मैं विधिवत खंडन कर दूँ. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे पूरी तरह गलत जानकारी है और मुझे बरगलाया जा रहा और इस मामले में उलझने से बचूं. उन्होंने कहा कि मैं जब चाहूँ वे इस सम्बन्ध में टीवी पर एक पैनल बनवा कर डिबेट करवा देंगे. उन्होंने कहा कि यदि मैं चाहूंगी तो वे श्री प्रजापति को भी डिबेट में बुलवा लेंगे. मेरा बहुत बड़ा हितैषी बनाते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति वाले मामले में पड़ने से मुझे दिक्कत हो सकती है. उन्होंने कहा कि यदि मैं अवैध खनन मामले पर स्वयं को सीमित रखूं तो इससे मेरा नाम बढेगा और उन्हें भी बहुत ख़ुशी होगी. इसके विपरीत बिना जानकारी के और गलत कारणों से अवैध संपत्ति, अवैध प्लोटिंग मामले में जुड़ने से कोई लाभ नहीं होगा. उन्होंने सधे अंदाज़ में कुछ ऐसा भी कहा कि भैया नौकरी में हैं, इस मामले के कारण उन्हें भी दिक्कत हो सकती है. उन्होंने चलते-चलाते यह भी कहा कि श्री प्रजापति अमेठी में बहुत लोकप्रिय हैं और लोग उन्हें देवता की तरह पूजते हैं.
मैं स्पष्ट कर दूँ कि इस पूरी बातचीत में उस व्यक्ति का स्वर बहुत ही संयत था और वे बहुत ही आत्मीय ढंग से मुझसे बात करते रहे पर बिना किसी जान-पहचान के इस तरह की आत्मीय बातचीत का अर्थ मुझे तब समझ में आया जब उन्होंने मुझे अवैध खनन के मामले तक सीमित रहने, श्री भास्कर उपाध्याय से अवश्य मिल लेने और श्री प्रजापति के साथ किसी कथित पैनल डिस्कशन में बैठ कर पूरी सच्चाई समझने की बात कही और जब उन्होंने मुझे अवैध खनन मामले में काम करने से यश फैलने और पहले मामले में अकारण उलझने और इससे नुकसान होने की बात कही अथवा जब उन्होंने मुझे बड़े अंदाज़ से बताया कि मेरे पति भी नौकरी में हैं, मुझे इसका भी ख्याल रखना चाहिए.
जाहिर है एक ऐसे व्यक्ति को, जो भले कल मेरा या मेरे पति का बहुत शुभेक्षु दिख रहा था, पर जिसे ना तो मैं और ना मेरे पति पहचान पा रहे हैं, के द्वारा इस प्रकार अचानक मेरा एकतरफा हितैषी बनना और अपनी इन लम्बी बातचीतों में स्वयं को पत्रकार बताते हुए श्री उपाध्याय और श्री प्रजापति के पक्ष में इस प्रकार से बात कहते हुए मुझे बिना मांगे सलाह देना और बड़े सधे अंदाज़ में मुझे मेरा और मेरे पति का हित-अहित समझाना सीधे-सीधे मुझे इस मामले से दूर रहने के लिए डराने-धमकाने का ढंग है.
निवेदन करुँगी कि चूँकि मैंने इस मामले में शिकायत प्रस्तुत कर दी है और आगे भी इसमें मुझे जो कोई सूचना मिलेगी, वह लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत करना मेरा कर्तव्य होगा, ऐसे में उपरोक्त व्यक्ति का इस प्रकार हितैषी बन कर मुझे समझाने के नाम पर डराना और मामले से दूर रहने की बात कहना ऐसा मामला है, जिसे मैं और मेरे पति आपके संज्ञान में लाना आवश्यक समझते हैं ताकि आप इस सम्बन्ध में आपराधिक दुराचरण बनने पर एफआईआर दर्ज करने सहित आवश्यक कार्यवाही करें और चूँकि हमारे पास कोई सुरक्षा नहीं नहीं, अतः अपने स्तर से समस्त आवश्यक कार्यवाही करते हुए हमारी सुरक्षा सुनिश्चित कराने की कृपा करें क्योंकि मैं निश्चित रूप से पूरी निष्ठा से श्री प्रजापति से सम्बंधित परिवाद में प्राप्त होनी वाली सूचनाएँ जांचकर्ता प्राधिकारी को उपलब्ध कराउंगी और कल हुई उन बातों से मुझे यह स्पष्ट आभास हो रहा है कि ऐसे में मुझे तथा/अथवा मेरे पति श्री अमिताभ ठाकुर को किसी स्तर पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तरीके से कोई हानि पहुँचाने का प्रयास हो सकता है.
पत्र संख्या-NT/Complaint/40
दिनांक- 04/01/2015
भवदीया,
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34525
[email protected]
प्रतिलिपि- एसएसपी, लखनऊ को कृपया सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु
इंसान
January 4, 2015 at 10:03 pm
आज भारत को डा: नूतन ठाकुर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है और इस कारण उन्हें व उनके पति, श्री अमिताभ ठाकुर को न केवल प्रदेश पुलिस बल्कि केंद्र सरकार की ओर से भी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए|