उत्तर प्रदेश के वक्फ मंत्री आज़म खान ने इन दिनों शिया वर्ग के खिलाफ जिहाद छेड़ दिया है। जब से आज़म खान ने यूपी की सत्ता में भागीदार हुए हैं, उन्होंने शिया वर्ग का जीना दुशवार कर दिया है। कल उन्होंने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए रामपुर में हुसैनी सराय नाम के एक शिया धर्म स्थल को ध्वस्त करा दिया। इस धर्म स्थल को गिराए जाने का मक़सद तो यह था कि रामपुर के शिया नवाबों के परिवार से अपनी राजनीतिक खुन्नस निकाली जाए लेकिन साथ ही साथ समस्त शियों को भी बताना था कि तुम्हारी कोई हैसियत नहीं है।
आप को याद होगा जब गत रमज़ान में लखनऊ के शिया वर्ग ने आज़म खान के विरुद्ध आवाज़ उठायी थी तब जिला प्रशासन ने शियों की जुलूस पर ऐसा लाठी चार्ज करवाया था कि दर्जनों घायल हुए थे और एक शिया युवक की मौत हुई थी। हम आप को बताना चाहेंगे कि आज़म खान की कोशिश यह है कि वह शिया और सुन्नी वक़्फ़ बोर्डों को एक कर दें। शिया वर्ग इसका घोर विरोध कर रहा है। उनका मानना है की शिया सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को एक कर दिए जाने से शिया वर्ग के वक़्फ़ में सुन्नी वर्ग के अधिकारी नियुक्त होने लगेंगे और वह शिया धर्म को नुकसान पहुंचाएंगे।
शिया सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को एक करने के कोशिश में ही आज़म खान के निर्देशों पर शिया वक़्फ़ बोर्ड ने पिछले एक महीने में 60 शिया लोगों को वक़्फ़ बोर्ड से हटा दिया है और वक़्फ़ का मुतव्वली अपने चहेते लोगों को बना दिया है। असल में हमारे धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद इन दिनों बीमार चल रहे हैं और कई बार लॉरी कार्डियलोजी में भर्ती हो चुके हैं। उसी का फायदा उठा कर आज़म खान शियों को तबाह करने की कोशिश में लगे हैं। हम उत्तर प्रदेश के शिया पत्रकार अपने पत्रकार भाइयों से निवेदन करते हैं कि वह आज़म खान के ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने में अपना सहयोग दें.
शबीहुल हसन नक़वी
दरयाई टोला
चौक, लखनऊ
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