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बिहार विस चुनाव से पहले भास्कर का प्रकाशन गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से करने की तैयारी

: बिहार में छा जाने की भास्कर की योजना : देखते-देखते सम्पूर्ण बिहार में छा जाना है। भास्कर इसी रणनीति के तहत काम कर रहा है। भास्कर ने बिहार-झारखंड में ‘हिन्दुस्तान‘ को चमकाने वाले वाइस प्रेसिडेट वाईसी अग्रवाल को अपने साथ क्या जोड़ा, पटना के सभी अखबारों में हड़कंप मचा हुआ है। ‘हिन्दुस्तान‘ की दुर्गति तो अपने आप हो रही है। कंटेंट खत्म और भराउ मैटर ज्यादा। यही है हिन्दुस्तान की दशा। बिहार में अगले साल नवंबर में विधान सभा का चुना होना है। भास्कर प्रबंधन की मंशा है कि इसके पूर्व ही गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से इसका प्रकाशन प्रारंभ कर दिया जाये।

<p>: <strong>बिहार में छा जाने की भास्कर की योजना</strong> : देखते-देखते सम्पूर्ण बिहार में छा जाना है। भास्कर इसी रणनीति के तहत काम कर रहा है। भास्कर ने बिहार-झारखंड में ‘हिन्दुस्तान‘ को चमकाने वाले वाइस प्रेसिडेट वाईसी अग्रवाल को अपने साथ क्या जोड़ा, पटना के सभी अखबारों में हड़कंप मचा हुआ है। ‘हिन्दुस्तान‘ की दुर्गति तो अपने आप हो रही है। कंटेंट खत्म और भराउ मैटर ज्यादा। यही है हिन्दुस्तान की दशा। बिहार में अगले साल नवंबर में विधान सभा का चुना होना है। भास्कर प्रबंधन की मंशा है कि इसके पूर्व ही गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से इसका प्रकाशन प्रारंभ कर दिया जाये।</p>

: बिहार में छा जाने की भास्कर की योजना : देखते-देखते सम्पूर्ण बिहार में छा जाना है। भास्कर इसी रणनीति के तहत काम कर रहा है। भास्कर ने बिहार-झारखंड में ‘हिन्दुस्तान‘ को चमकाने वाले वाइस प्रेसिडेट वाईसी अग्रवाल को अपने साथ क्या जोड़ा, पटना के सभी अखबारों में हड़कंप मचा हुआ है। ‘हिन्दुस्तान‘ की दुर्गति तो अपने आप हो रही है। कंटेंट खत्म और भराउ मैटर ज्यादा। यही है हिन्दुस्तान की दशा। बिहार में अगले साल नवंबर में विधान सभा का चुना होना है। भास्कर प्रबंधन की मंशा है कि इसके पूर्व ही गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से इसका प्रकाशन प्रारंभ कर दिया जाये।

इसकी पूरी तैयारी का जिम्मा वाईसी अगवाल को ही सौंपे जाने की सूचना है। वाईसी ने पत्रकारिता के मंजे, अनुभवी और पुराने खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ने की योजना बनायी है। इस पर काम भी शुरू हो गया है। जागरण से अरूण अषेश को तोड़ कर वाईसी ने भास्कर का हिस्सा बनाया है। पुराने हिन्दुस्तानी रहे अरूण फिलहाल दिल्ली में बैठेंगे। इससे पूर्व पटना जागरण से ही रांची के स्थानीय संपादक रहे शशि को तोड़ा गया है। शशि फिलहाल पटना कार्यालय में बैठ रहे है। जागरण से ही एक-दो और वरीय लोगों के टूटने के आसार है। ज्यादा वेतन मिलने के कारण कई अखबारों के वरीय साथी भी भास्कर की ओर ताक-झांक कर रहे है। दूसरी ओर वाईसी ने अपने विश्वस्त एजेंटों से भी सम्पर्क साधना प्रारंभ कर दिया है जिसे उन्होंने खाकपति से करोड़पति बनाया है। मीडिया मार्केटिंग के एक्सपर्ट भी खोजे जा रहे है।

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पटना से एक पत्रकार की रिपोर्ट

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