Shivam Soni-
जरा आप इस लापरवाह सिस्टम की गुस्ताख़ी तो देखिए बिना किसी जांच करवाएं मुझे कोरोना पॉजिटिव का तमगा दे दिया गया. जैसे ही मैंने सुबह अपनी आंख खोली मेरे होश फ़ाख्ता हो गए.. मोबाइल पर एक के बाद एक दो मैसेज देखने को मिले. मैसज को मैंने पोस्ट में अटैच किआ है.
मैसेज में मुझे जानकारी दी जा रही थी कि मुझे कोरोना हो गया है. मैसेज पर आप गौर करेंगे तो आपको ये भी देखने को मिलेगा की जांच करवाने की तारीख है 2 अप्रैल और मुझे संक्रमित होने की सिस्टम की ओर से जानकारी दी जा रही है तकरीबन 1 महीने 20 दिन बाद यानी आज 21 तारीख को, जबकि मैंने ना 2 अप्रैल को जांच करवाई ना ही हाल ही में..
इतना ही नहीं सिस्टम की वेबसाइट पर भी मेरी पूरी जानकारी दी गयी है. यहां तक कि विजिटर्स काउंट भी दिया गया है. यानि मेरे बिना गए मेरे बिना जांच करवाए ही सरकार ने जांच करवाने वालों की संख्या एक बढ़ा दी.
इस फेहरिस्त में अकेला मैं नहीं कई लोगों के पास इस तरह का झूठा मैसेज आ गया होगा. निश्चित तौर पर सिस्टम की ये लापरवाही लोगों की मनोस्थिति पर असर डालती है और इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.
कोरोना से तो बाद में, पहले इस लापरवाह, लचर सिस्टम से लोग दम तोड़ रहे हैं.
इस तंत्र की रग में लापरवाही इस कदर कूट कूट के भर दी गई है कि मानो किसी आम की ज़िन्दगी का तो कोई मोल ही नहीं है.
सोचा कि जो मेरे साथ आज हुआ वो जानकारी आप तक शेयर कर दूं ताकि सनद रहे.
शिवम सोनी भोपाल के युवा पत्रकार हैं. इन दिनों स्वराज एक्सप्रेस SMBC न्यूज़ चैनल में बतौर एंकर कार्यरत हैं. उनका यह लिखा उनके एफबी वॉल से लिया गया है.