Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट से ही बनना है तो भाजपा किस मर्ज की दवा?

मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही राम मंदिर निर्माण का संवैधानिक रास्ता निकलेगा… अब सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट से ही राम मंदिर बनना है तो फिर भाजपा, संघ या उससे जुड़े विहिप सहित तमाम संगठन किस मर्ज की दवा हैं और सालों से वे किस आधार पर ये दावे करते रहे कि कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे..? विपक्ष में रहते भाजपा ने कभी भी संवैधानिक तरीके से राम मंदिर निर्माण की बात नहीं की, उलटा यह नारा लगाया जाता रहा कि दुनिया की कोई अदालत यह तय नहीं कर सकती कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ और मंदिर निर्माण कोर्ट का नहीं, बल्कि आस्था का विषय है…

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही राम मंदिर निर्माण का संवैधानिक रास्ता निकलेगा... अब सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट से ही राम मंदिर बनना है तो फिर भाजपा, संघ या उससे जुड़े विहिप सहित तमाम संगठन किस मर्ज की दवा हैं और सालों से वे किस आधार पर ये दावे करते रहे कि कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे..? विपक्ष में रहते भाजपा ने कभी भी संवैधानिक तरीके से राम मंदिर निर्माण की बात नहीं की, उलटा यह नारा लगाया जाता रहा कि दुनिया की कोई अदालत यह तय नहीं कर सकती कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ और मंदिर निर्माण कोर्ट का नहीं, बल्कि आस्था का विषय है...</p>

मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही राम मंदिर निर्माण का संवैधानिक रास्ता निकलेगा… अब सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट से ही राम मंदिर बनना है तो फिर भाजपा, संघ या उससे जुड़े विहिप सहित तमाम संगठन किस मर्ज की दवा हैं और सालों से वे किस आधार पर ये दावे करते रहे कि कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे..? विपक्ष में रहते भाजपा ने कभी भी संवैधानिक तरीके से राम मंदिर निर्माण की बात नहीं की, उलटा यह नारा लगाया जाता रहा कि दुनिया की कोई अदालत यह तय नहीं कर सकती कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ और मंदिर निर्माण कोर्ट का नहीं, बल्कि आस्था का विषय है…

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह तो सबको पता है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सभी के लिए बाध्यकारी है और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को मान्य करना ही पड़ेगा… तो फिर भाजपा कैसे राम मंदिर निर्माण का साफा अपने माथे बंधवाएगी..? अभी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भी राम मंदिर निर्माण की बात कही गई और इस चुनाव सहित कुल 14 मर्तबा अपने घोषणा-पत्रों में मंदिर निर्माण के दावे भाजपा कर चुकी है… अब भाजपा और उसके भक्तों की दलील यह भी रहती है कि धारा 370 सहित मंदिर का निर्माण तब होगा जब राज्यसभा सहित उत्तरप्रदेश में भाजपा को पर्याप्त सीटें मिल जाए। यानि न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी… जबकि विपक्ष में रहते ये तमाम बहाने याद नहीं थे…

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज भाजपा और संघ को स्पष्ट घोषणा करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कुछ भी रहे मंदिर का निर्माण तो हर हाल में होकर रहेगा और इसकी तारीख और मंदिर निर्माण पूरा होने की घोषणा भी लगे हाथ कर देना चाहिए… जब शाहबानो प्रकरण में और अभी जल्लीकट्टू के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरित सरकारों ने अध्यादेशों के जरिए नियम-कानून ही बदल डाले, तो फिर राम मंदिर के निर्माण में क्यों नहीं इस तरह का अध्यादेश लाया जाता..? कुल मिलाकर भाजपा राम मंदिर के साथ-साथ अपने तमाम कोर इश्यू जिनमें धारा 370, सामान नागरिक संहिता पर एक्सपोज हो चुकी है… रामलला तो सालों से तम्बू में बैठे हैं और मंदिर बनाने वाले सत्ता के महलों में मस्ती छान रहे हैं…

राजेश ज्वेल
वरिष्ठ पत्रकार
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement