मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही राम मंदिर निर्माण का संवैधानिक रास्ता निकलेगा… अब सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट से ही राम मंदिर बनना है तो फिर भाजपा, संघ या उससे जुड़े विहिप सहित तमाम संगठन किस मर्ज की दवा हैं और सालों से वे किस आधार पर ये दावे करते रहे कि कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे..? विपक्ष में रहते भाजपा ने कभी भी संवैधानिक तरीके से राम मंदिर निर्माण की बात नहीं की, उलटा यह नारा लगाया जाता रहा कि दुनिया की कोई अदालत यह तय नहीं कर सकती कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ और मंदिर निर्माण कोर्ट का नहीं, बल्कि आस्था का विषय है…