Kanwal Bharti : अभी बरेली से मेरे एक मित्र ने बताया कि उनकी पत्नी को कैन्सर है और दिल्ली में राजीव नाम के एक अस्पताल में वे इलाज करा रहे हैं। अब तक 11 लाख रूपये खर्च हो चुके हैं और इलाज अभी जारी है। मुझे याद आया कि ओमप्रकाश वाल्मीकि के इलाज में कोई 22 लाख रूपये खर्चे में आये थे। फिर भी वे बच नहीं सके थे।
मेरे मित्र ने बताया कि 70-70 हजार रूपये के इंजेक्शन लगते हैं, क्योंकि यहां सरकार को लकवा मार गया है। उन्होंने यह भी बताया कि करीबी लोगों ने भी मुंह मोड़ लिया है, ताकि हम उनसे पैसा न मांग लें। अब तक वे 6 लाख रूपये के कर्जदार हो चुके हैं।
मैंने सोचा, अगर यह कैन्सर मुझे हो गया, तो मेरे पास तो सिर्फ घर और पेंशन ही है। मैं तो तबाह हो जाऊंगा। इसलिए भाइयों! इस देश में सारा इलाज और सारी सुविधाएँ सिर्फ अमीरों और मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए ही मुफ़्त हैं, अन्य जनता के लिए मुफ़्त नहीं हैं। वे पैसे खर्च करके ही इलाज करा सकते हैं।
अगर उनके पास पर्याप्त धन नहीं है, तो उन्हें मरने से कोई नहीं बचा सकता। …इसलिए खूब भ्रष्टाचार करो और रुपया कमाओ। क्योंकि यही रुपया तुम्हारे काम में आएगा। कोई सगा सम्बन्धी, यहां तक कि सरकार भी आपके काम नहीं आएगी।
जाने माने दलित चिंतक कंवल भारती के फेसबुक वॉल से.