निर्मल कांत शुक्ल–
उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में एक दरोगा के लालच ने पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया। गैंग रेप के मुकदमे में एक आरोपी से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए अमरिया थाने का दरोगा एंटी करप्शन टीम में धर दबोचा। एंटी करप्शन टीम की रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक ने रिश्वतखोर दरोगा को सस्पेंड कर दिया है। दरोगा पर सुनगढ़ी थाने लाकर एंटी करप्शन टीम ने मुकदमा दर्ज कराया है। पकड़ा गया दरोगा उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ का रहने वाला है।
उत्तराखंड के जनपद अल्मोड़ा के कस्बा द्वाराहाट निवासी व्यापारी अजय पांडे ने बरेली जाकर भ्रष्टाचार निवारण संगठन के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि गैंग रेप के मुकदमे के विवेचक अमरिया थाने के दरोगा महेंद्र सिंह यादव विवेचना से नाम निकालने के एवज में रिश्वत देने का दबाव बना रहे हैं। वह विवेचक को रिश्वत नहीं देना चाहता है और कार्रवाई करना चाहता है। इस शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने शिकायती प्रार्थना पत्र का परीक्षण किया। इसके बाद आरोपी दारोगा को पकड़ने की रणनीति तय की।
तयशुदा कार्यक्रम के तहत सोमवार को एंटी करप्शन की टीम पीलीभीत आ गई। टीम ने शिकायतकर्ता अजय पांडे से संपर्क साधा और इसके बाद जिलाधिकारी से मिलकर दो स्वतंत्र गवाह मांगे। बतौर गवाह कलेक्ट्रेट के बाबू कैलाश राठौर व वीरेंद्र कुमार को एंटी करप्शन टीम के साथ भेजा गया। टीम ने जिला मुख्यालय से रवाना होते ही गवाहों के मोबाइल आदि स्विच ऑफ करा दिए और उन पर निगरानी बैठा दी। एंटी करप्शन की टीम शिकायतकर्ता व स्वतंत्र गवाहों को साथ लेकर जिला मुख्यालय से सीधे अमरिया पहुंच गई।
अमरिया में पता चला कि दरोगा महेंद्र सिंह यादव जिला मुख्यालय पर वार्षिक शस्त्र शूटिंग में हिस्सा लेने गया है। टीम उसकी वापसी का इंतजार करने लगी। शिकायतकर्ता के संपर्क करने पर पता चला कि दरोगा शाम तक अमरिया पहुंच रहा है। अमरिया पहुंचते ही दरोगा जब तहसील कार्यालय के पास स्थित यादव मिष्ठान भंडार पर चाय पीने के लिए रुका तो शिकायतकर्ता ने वहां पहुंचकर उसे रिश्वत देनी चाही तो दरोगा ने आवास पर चलकर बात करने की बात कही।
शिकायतकर्ता अजय पांडे दरोगा की आवास पर गया। दरोगा का किराए का आवास अमरिया थाने के बिल्कुल बराबर स्थित गली में था। एंटी करप्शन की टीम आवास के आसपास सादा कपड़ों में उसे पकड़ने के लिए लग गई। आसपास गवाह भी मौजूद रहे। जैसे ही अजय पांडे ने दरोगा को 500-500 के 40 नोट उसके हाथ में थमाए, तभी एंटी करप्शन की टीम ने उसको धरदबोचा। स्वतंत्र गवाहों के सामने दरोगा के हाथ से रिश्वत के नोट लेने के बाद उसके हाथ धुलवाए गए, तो उसके हाथ गुलाबी रंग से रंग गए।
एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वतखोर दरोगा को खींचकर अपनी प्राइवेट गाड़ी में डाल लिया और सीधे जिला मुख्यालय पर आ गए। सुनगढ़ी थाने लाकर दरोगा महेंद्र सिंह यादव को लिखापढ़त करने के बाद उसका जिला राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में मेडिकल परीक्षण कराया गया। एंटी करप्शन की टीम सुनगढ़ी थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद रिश्वतखोर दरोगा को अपने साथ रात में ही बरेली लेकर रवाना हो गई, जिसे मंगलवार को बरेली में विशेष न्यायाधीश (एंटी करप्शन) के कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एक माह पहले लिखा गया था मुकदमा
पीलीभीत के अमरिया थाने में कोर्ट के आदेश पर एक माह पहले घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट निवासी अजय पांडे राधेश्याम और मनोज प्रजापति को नामजद किया गया था। दरोगा महेंद्र सिंह यादव इस मुकदमे के विवेचक थे। दरोगा ने आरोपियों का नाम विवेचना के दौरान निकलने और फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए दो लाख रुपये रिश्वत की मांग करते हुए दबाव बनाया। आरोपियों ने इतने पैसे देने से इनकार कर दिया तब मामला 20 हजार पर तय हुआ।