जी हां. ये दावा है एक विज्ञापन का. विज्ञापन में बताया गया है कि उन्हें तीन महीने में क्या क्या सिखाया जाएगा ताकि पत्रकार बन सकें. साथ ही पांच सौ रुपये अलग से देने पर उन्हें क्या अलग ज्ञान दिया जाएगा. सोचिए. दसवीं पास अगर तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद पत्रकार बन गया तो वह क्या देश समाज को दिशा देगा और सच्चाई को क्या कितना समझ पाएगा. जिनको खुद अपने ज्ञान को अपडेट करने की जरूरत है, वही जब पत्रकार बनकर सही गलत का फैसला करेंगे तो जाहिर तौर पर उनका दकियानूसी माइंडसेट आम जन और समाज का बहुत नुकसान करेगा. दसवीं पास पत्रकार बनने का यह विज्ञापन आजकल सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है और लोग पत्रकारिता के गर्त में गिरने को लेकर चिंता जता रहे हैं.
असल में पत्रकारिता शिक्षा के नाम पर इन दिनों हर कोई अपनी जेब भर रहा है. लुट रहे हैं आम घरों के नौजवान जो मीडिया के ग्लैमर के चक्कर में गली गली खुले संस्थानों के प्रलोभनों दावों वायदों में फंस कर लाखों रुपये गंवा बैठते हैं और बाद में दर दर भटकने को मजबूर हो जाते हैं. कोई छोटा न्यूज चैनल हो या बड़ा, कोई छोटा अखबार हो या बड़ा, सब के सब मीडिया स्कूल चला रहे हैं और बच्चों को फंसाकर उनका पैसा, समय और जीवन बर्बाद कर रहे हैं. इसी तर्ज पर अब कमाई के चक्कर में कुछ ऐसे धंधेबाज आ गए हैं जो दसवीं पास को पत्रकार बनाने लगे हैं.
अभी तो गनीमत है कि ये दसवीं पास को पत्रकार बनाने का दावा कर रहे हैं. कल को कुछ लोग दसवीं फेल, आठवीं फेल को पत्रकार बनाने का दावा लेकर आ सकते हैं और लोग धड़ल्ले से पैसे देकर पत्रकार बनने के लिए लालायित भी हो जाएंगे. गांवों से लेकर शहरों तक के युवाओं को ये लगता है कि अगर वे पत्रकार बन गए और उन्हें पत्रकार होने का कार्ड मिल गया तो बड़े आराम से पुलिस ले लेकर अफसर नेता मंत्री सबसे मिल लेंगे और गाड़ी पर प्रेस लिखाकर खुद को पत्रकार कहते हुए भीड़ में अलग दिखेंगे व कई तरह के लाभ हासिल कर लेंगे. ऐसे छोटे मोटे प्रलोभनों के कारण मीडिया स्कूल की ढेर सारी दुकानें खुल रही हैं जिसमें प्रेस कार्ड बेचा जा रहा है.
Ramesh Kumar
September 2, 2015 at 5:37 pm
आपको क्यों ऐसा लगता है कि आज की तारीख में न्यूज चैनलों में दसवीं से ज्यादा पढ़े लिखे लोग काम कर रहे हैं। लगता है आप काफी दिनों से इन चंपुओं के संपर्क में नहीं हैं।
Raj Sharma
September 3, 2015 at 7:14 pm
दसवीं फेल भी पत्रकार बन सकता है। उसमें बस पत्रकारिता की समझ होनी चाहिए। तथाकथित बड़े पत्रकार आज भी पता नहीं किस मुगालते में है, जबकि सोशल मीडिया पर करोड़ों पत्रकार पैदा हो चुके हैं!!!!
Ramesh
September 5, 2015 at 9:37 am
दसवीं फेल ही क्यों राज जी बिना पढ़े लिखे भी पत्रकार बना जा सकता है । समझ का क्या है, क्या बिना पढ़े लिखे लोग नासमझ होते हैं…लगे रहिए। मेरा भारत महान।
jyotika Patteson
March 26, 2016 at 7:51 am
ये हमारे देश की विडंबना है कि जिस प्रोफेशन में सबसे गंभीर और सुलझे हुए लोगों की जरूरत है वहाँ पर अज्ञानियों और नासमझो का बोलबाला हो गया.. जिन्होने पत्रकारिता को दलाली का उपकरण बना लिया.. आज ये ही पत्रकार लोगो को सलाह देते है कि पत्रकारिता के लिए पढने की आवश्यकता ही नही… बस काम सीख जाओ..शायद इन्हे ये भी नही मालूम… कि पत्रकारिता का मूल ज्ञान है.. साहित्य औऱ समाज है… संवेदनाएं है… शर्म आती है ये सब देखकर…
Shivpal Yadav
January 3, 2018 at 3:50 am
Save girl
Amit
August 4, 2019 at 11:36 pm
राज जी आप किस संस्थानों के पत्रकार हैं और उस संस्थान का क्या हाल होगा ईश्वर ही जाने लेकिन पत्रकारिता में ज्ञान की सबसे ज्यादा जरूरत है जो पढ़ाई और अनुभव से आता है l शर्म आनी चाहिए आपको जो आप इस बेशर्मी और बेहूदा बात का समर्थन कर रहे हैं कल कह देना डॉक्टर्स भी mbbs के बिना ही बन जाये पहले तो ऐसे ही बनते थे l चौथे स्तम्भ के लोगों को जो जनता के प्रहरी होते हैं वो अशिक्षित हो कैसी व्यर्थ बातें कर रहे हैं जनाब??