दूरर्दशन किसान में मीडियाकर्मियों का जबरदस्त शोषण हो रहा है. दूरर्दशन वाले भर्ती के लिए जो वैकेंसी निकालते हैं, उसमें वो डिग्री-डिप्लोमा के अलावा दो साल का अनुभव भी मांगते हैं. लेकिन सेलरी जब देने की नौबत आती है तो बस दस हजार रुपये महीने देते हैं. कर्मियों से कुत्तों और गधों की तरह जमकर काम लिया जाता है. यहां जो परमानेंट वाले सरकारी इंप्लाई हैं, उनको मुफ्त की रोटी तोड़ने की आदत है.
दूरर्दशन के चपरासी की सेलरी भी 17500 से ज्यादा है. ये के ड्राइवरों की 15000 रुपये सेलरी है. गार्ड की 12000 रुपये के आस-पास सेलरी है. लेकिन यहां कार्यरत मीडियाकर्मी जो इतना कुछ पढ़ लिखकर आते हैं, उन्हें सिर्फ 10000 रुपये दिए जाते हैं. मंत्री महोदया स्मृति इरानी के पास इतना समय तो होता है कि वो दूरदर्शन न्यूज में सरप्राइज विजिट कर आती हैं लेकिन डीडी किसान चैनल तक आने का उनके पास समय नहीं है.
एडीजी आलोक अग्रवाल को लगता है कि चैनल में भर्ती किए गए रिसोर्स परसन आफिस पर बोझ हैं. बीस के बाद वो पेमेंट रजिस्टर साइन करते हैं. उनको दया नहीं आती कर्मियों पर. यहां के कर्मी अपना अपना घर छोड़कर 10 हजार रुपये के लिए नहीं आए हैं. उसमें भी उन्हें रुला रूलाकर पैसे मिलते हैं. मकान मालिक को 5 तारीख को किराया चाहिए होता है. लेकिन इससे उनको क्या मतलब.
अब नजर डालते हैं यहां पिछले महीने हुई भर्ती पर. यहां तैनात कर्मियों ने डीडी किसान को अपने जीवन के 4 साल दे दिए, इस आशा के साथ कि शायद उन्हें कांट्रैक्चुवल कर लिया जाए. पर यहां का महकमे ने भोपाल के कैंडीडेट को एप्वाइंट कर दिया. ऐसा लगता जैसे सारे देश के डीडी केंद्र में टैलेंट ही नहीं है. दूर्दशन जब वैकेंसी निकालता है तो फार्म के नाम पर 500 रुपये वसूल लेता है. कई बार ऐसा भी होता है कि वैकेंसी कैंसल कर देता है और अभ्यर्थियों के पैसे डूब जाते हैं.. उम्मीद है कि डीडी किसान के रिसोर्स परसन के शोषण की कहानी सूचना मंत्रालय तक जरूर पहुंचेगी और इनके साथ न्याय किया जाएगा.
Comments on “डीडी किसान में दस हजार रुपये की सेलरी पर तैनात रिसोर्स पर्सन का जबरदस्त शोषण”
Doordarshan kisan ..doordarshan news …sb se bekaar bakwas jagah hai kaam krne k liye..broadcasting ministry ko doob marna chaahye..smriti irani aapko sahrm q nhi aati ..q hamara khoon choos rhi.q hamare ghar walo ki aur hamari baddua le rhi hain.