इन दिनों ई टीवी न्यूज़ नेटवर्क में जबरदस्त हलचल मची हुई है… कई राज्यों में TRP में गिरावट के साथ साथ ही नेटवर्क के गिरते revenue के कारण जहाँ एडिटर्स पर दबाव है वहीँ एडिटोरियल स्टाफ पर भी छंटनी का खतरा मंडराया हुआ है… हैदराबाद और दिल्ली के ईटीवी स्टाफ के बीच यह चर्चा है कि revenue में गिरावट के कारण नेटवर्क 18 प्रबंधन खर्चों में कमी करने की सोच रहा है और इसके लिए हैदराबाद के साथ साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में स्थित अपने एडिटोरियल स्टाफ में भी कमी करने पर विचार कर रहा हैं .. हालांकि बड़े लेवल के अधिकारियों के खर्चों पर कटौती होगी, ऐसा नहीं लग रहा क्योंकि हाल ही में नेटवर्क18 और ई टीवी के वरिष्ठ अधिकारीयों पर गोवा में लीडरशिप प्रोग्राम के नाम पर बड़ी राशि खर्च की गई है…
ऐसा माना जा रहा है कि नेटवर्क से एडिटोरियल स्टाफ के लगभग 350 लोगों को दिसम्बर माह के अंत तक हटाया जा सकता है.. इस चर्चा के कारण ई टीवी के रीजनल चैनल्स मुख्यालयों और हैदराबाद के RFC स्थित मुख्यालय में हड़कंप की स्थिति है और कर्मचारी अपनी भविष्य को लेकर आशंकित है… खर्चों में कमी को लेकर कुछ दिनों पहले राजस्थान में ई टीवी प्रबंधन द्वारा विधानसभा स्तर पर काम कर रहे इन्फोर्मेर्स को भी हटा दिया था.. जिसका सीधा असर इस सप्ताह की TRPमें दिखाई दिया और Zee राजस्थान एक बड़े अंतर से प्रदेश का नंबर एक चैनल हो गया..
दूसरे राज्यों में भी ई टीवी लगातार पिछड़ रहा है .. पंजाब-हरियाणा-हिमाचल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ , बिहार-झारखण्ड में ई टीवी चैनल फिलहाल तो जी के रीजनल चैनलों से पिछड़ रहा है.. वहीं कश्मीर में लोकप्रिय ई टीवी उर्दू चैनल भी जी सलाम से पिछड़ता नजर आ रहा है … यह भी चर्चा है कि नेटवर्क18 की स्वामित्व वाली रिलायंस मीडिया के नेटवर्क18 को लीड कर रहे राहुल जोशी पर इस पतन के लिए उंगली उठ रही है… ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि संभव है रिलायंस मीडिया शीर्ष नेतृत्व में बदलाव करने की कवायद शुरू कर सकता है.