अजय कुमार वर्मा–
वैसे आदेश तो ये है कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पूर्व शिकायती पत्र की सत्यता की जांच कराई जाएगी, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. पर इसे मानता कौन है. खासकर जब सरकार के खास अफसर किसी को फंसाने और जेल भेजने पर तुल जाएं तो वे संविधान और आईपीसी सबकी वॉट लगा देते हैं और मनवांछित करने कराने के बाद ही शांत बैठते हैं.
लखनउ से खबर है कि राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार एवं आईना संगठन के पूर्व अध्यक्ष शशि नाथ दुबे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
वरिष्ठ पत्रकार शशि नाथ दुबे ने उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति को लेकर कुछ पोलखोल टाइप खबरें आडियो वायरल किया तो ये बात अफसरों को खटकने लगी. दुबे द्वारा वायरल आडियो में एक पात्र एक आलम भी हैं.
दरअसल दो आलम हैं और जुड़वा भाई हैं. एक फिल्मी दुनिया से जुड़े हैं. दूसरे न्यूज चैनल से जुड़े हैं. इनके नाम हैं मकसूद आलम और महबूब आलम. तो इन दोनों भाइयों ने पत्रकार शशि नाथ दुबे को सबक सिखाने के लिए पुलिस का सहारा लिया और एक फर्जी मुकदमा लिखवा दिया.
इस मुकदमे के लिखे जाने से 20 दिन पूर्व ही शशिनाथ दुबे ने शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इन दोनों भाइयों की करतूतों का कच्चा चिट्ठा भेजा था। पत्र में इनसे संबंधित सभी मामलों का खुलासा भी किया गया था जिसकी जांच होने पर कड़ी कार्रवाई होना सुनिश्चित है। लेकिन पूरे मामले को एक अलग ही दिशा देने की नीयत से एक ऐसा मुकदमा लिखाया गया जिसकी धरातल पर कोई सच्चाई नहीं है।
मुकदमे की घटना जिस जगह दिखाई गई है वहां पर शशिनाथ दुबे न तो गए और ना ही कोई गवाह है. इस प्रकरण से ऐसा सिद्ध होता है कि सोशल मीडिया पर सिर्फ बदनाम करने के लिए मुकदमा लिखाया गया है। साथ ही साथ शशि नाथ दुबे द्वारा की गई शिकायत को वापस लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता जगत में राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त समिति केअध्यक्ष पद के प्रत्याशी के रूप में भी शशि नाथ दुबे अपनी किस्मत को आजमा चुके हैं और पत्रकारों के बीच अति लोकप्रिय होने के साथ-साथ हिंदुस्तान के सभी बड़े समाचार पत्रों में इनके लेख पढ़े जा सकते हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश के सटीक चुनावी विश्लेषण के संबंध में उनका नजरिया टीवी चैनलों के डिबेट कार्यक्रम में भी सुना और देखा जा सकता है।
ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन आईना के संस्थापक सदस्य और अध्यक्ष के रूप में शशि नाथ दुबे ने समाचार पत्रों से जुड़े अनेक युवा साथियों को समाचार पत्रों की कवरेज संबंधी बारीकियों का ना सिर्फ प्रशिक्षण दिया है बल्कि उनके सिखाए हुए कई नवयुवक आज हिंदुस्तान के बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों पर कार्यरत हैं। जिस तरीके से आलम जुड़वा भाइयों ने एक साजिश के तहत शशि नाथ दुबे को यूट्यूबर पत्रकार के रूप में बदनाम करने का सोशल मीडिया पर ताना-बाना बुना है, आईना उसकी निंदा करता है और पुलिस आयुक्त महोदय से इस पूरे प्रकरण पर गंभीरता से किसी उच्च अधिकारी से जांच कराए जाने की मांग करता है।
अजय कुमार वर्मा
राष्ट्रीय महासचिव
ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन (आईना)
…जारी…
Aamir Kirmani
May 17, 2022 at 12:49 pm
दुबे जी की फेसबुक पोस्ट की भाषा तो ऐसी नहीं है जिससे इन्हें पत्रकार माना जाए। लगता है कि इनको हिंदी भाषा का ज्ञान रत्ती बराबर भी नहीं है। कहां पर कॉमा और कहां विराम लगाना चाहिए, ये भी नहीं पता।
बाकी एक पत्रकार होने के नाते मुझे दुबे जी से पूरी सहानुभूति है। बिना सच्चाई जाने और तहकीकात किये पत्रकार पर एफ आई आर दर्ज नहीं की जानी चाहिए। उम्मीद है कि नए डीजीपी के राज में दोनों पक्षों को न्याय मिलेगा।