जब तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, बाबा रामदेव रोज काला धन की हुंकार भरते थे. काला धन का हिसाब अपने भक्तों और देशवासियों को बताते थे कि अगर वो काला धन आ गया तो देश की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी. काला धन के मुद्दे को नरेंद्र मोदी ने भी लपका और बाबा रामदेव की मुहिम को समर्थन किया. माना जाने लगा कि रामदेव और नरेंद्र मोदी की जोड़ी अगर जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो गई तो यह तो तय है कि देश में काला धन वापस आ जाएगा. लेकिन जोड़ी के जीतने और सरकार बनाने के बावजूद काला धन देश वापस नहीं आया.
मोदी के आदमियों ने तो अपने वोटरों को औकात बताने के लिए यहां तक कह दिया कि काला धन वाला नारा केवल नारा था यानि जुमला था, जनता को भरमाने, वोट खींचने के लिए. खैर, बेचारी जनता, वो तो अब पांच साल के लिए झेलने को मजबूर है. पर बाबा रामदेव ने गजब की चुप्पी साध रखी है. कुछ बोलते ही नहीं. काला धन को लेकर उनका अभियान भी शांत हो गया है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर ढेर सारे लोग बाबा रामदेव से सवाल करने लगे कि आखिर वे काला धन के मसले पर केंद्र सरकार को घेरते क्यों नहीं, काला धन के लिए अब वो अभियान चलाते क्यों नहीं. वे काला धन पर अब कुछ बोलते क्यों नहीं? इसी बीच, कुछ लोगों ने बाबा रामदेव और उनके प्रधान शिष्य बालकृष्ण की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर यह कहते हुए शेयर कर दी कि देखिए, बाबा और उनके चेले काला धन खोजने में लगे हैं. इस मजेदार तस्वीर को काला धन खोज से जोड़ देने के बाद लोगों की हंसी रोके नहीं रुक रही है. जो भी इसे देख रहा है, अपने वाल पर शेयर कर रहा है.
तस्वीर में बाबा रामदेव और बालकृष्ण एक टीले नुमा पहाड़ी या पहाड़ी नुमा टीले, जो कह लीजिए, पर कुछ तलाश रहे हैं. जाहिर है, वह कोई जड़ी बूटी तलाश रहे होंगे, लेकिन काला धन तलाशने का जो जुमला सोशल मीडिया वालों ने इस तस्वीर के कैप्शन के रूप में फिट किया है, वह खूब हिट जा रहा है. लोग बाबा रामदेव से उम्मीद तो करते ही हैं कि संत होने के नाते वो अपनी चुप्पी का राज सच सच बताएंगे.