स्वामी रामदेव पर बड़ा खुलासा- फर्जी कंपनियों के सहारे बने रियल स्टेट मुगल

स्वामी रामदेव को लेकर आज एक रिपोर्ट चर्चा में है। रिपोर्ट में सिलसिलेवार ढंग से बाबा रामदेव द्वारा संपत्ति बनाने के तरीके को बताया गया है। साथ ही यह भी कि दिल्ली की सीमा से लगे अरावली रेंज के जंगली गांव मंगर में, रामदेव को रियल एस्टेट मुगल के रूप में क्यों जाना जाता है? …

बाबा रामदेव की पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट ने डांटा

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, भ्रम पैदा करने वाले विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाएं अन्यथा इसके लिए उनपर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. क्या है पूरा मामला? कोरोना काल में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने …

लखनऊ वाले गांधी और हरिद्वार वाले बाबा के आगे मीडिया क्यों लाचार है…

Naved Shikoh लखनऊ में सीएमएस वाले गांधी और देशभर में बाबा रामदेव के आगे मीडिया के हाथ क्यों बंधे हैं! सुना है देशभर के कार्पोरेट घरानों के लिए काम करने वाली पीआर कंपनियां गांधी और रामदेव के मीडिया मैनेजमेंट पर रिसर्च कर रही हैं। कई इंस्टीट्यूट मास कम्युनिकेशन के पीआर क्लासेस के लिए रामदेव और …

सवाल पूछने भर से संतत्व काफूर हो रहा है तो योगत्व की प्रभावकारिता समझना आसान है…

पुण्य प्रसून और रामदेव विवाद : जब संत व्यापारी हो जाए तो सवाल उठेंगे ही… योग गुरू बाबा रामदेव जी पर मेरी गहरी आस्था है इसलिए नहीं कि वे हिन्दू संत हैं, गोया कि देश-दुनिया में भारतीय योग और स्वदेशी का ब्राण्ड बन चुके हैं. बाजार पतंजलि के उत्पादों से इस कदर भर गया है कि हिंदुस्तान लीवर जैसी कंपनियों के छक्के छूट गए हैं। बाबा की आलोचना को भी मैं दरकिनार करता आया हूं तो इसीलिए क्योंकि दुनिया की नजरों से तो भगवान भी नहीं बच सके थे, बाबा रामदेव तो महज एक इंसान हैं।

प्रियंका की किताब का खुलासा, बाबा रामदेव इन तीन हत्याओं के कारण बन पाए टाइकून!

Surya Pratap Singh :  एक बाबा के ‘फ़र्श से अर्श’ तक की कहानी के पीछे तीन हत्याओं / मौत के हादसे क्या कहते हैं? अमेरिका में पढ़ी-लिखी प्रसिद्ध लेखिका प्रियंका पाठक-नारायण ने आज देश के प्रसिद्ध योगगुरु व अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति, बाबा रामदेव की साइकिल से चवनप्रास बेचने से आज के एक व्यावसायिक योगगुरु बनने तक की कथा अपनी किताब में Crisp facts / प्रमाणों सहित लिखी है। इस पुस्तक में बाबा की आलोचना ही नहीं लिखी अपितु सभी उपलब्धियों के पहलुओं को भी Investigative Biography के रूप में लिखा है।

बाबा रामदेव ने ‘वैदिक’ चैनल लांच किया

बाबा रामदेव ने ने ‘वैदिक’ चैनल लांच किया है. इसे टाटा स्काई पर 1078 नंबर पर देखा जा सकता है. बाबा रामदेव का कहना है कि इस आध्यात्मिक चैनल का मकसद वेद, दर्शन, उपनिषद, रामायण, महाभारत और गीता को घर-घर तक पहुंचाना है.

नेपाल में बाबा रामदेव के छह प्रोडक्ट लैब टेस्ट में फेल, हटाने के निर्देश

बाबा से व्यापारी बने रामदेव की दिव्य फार्मेसी के 6 उत्पादों को नेपाल सरकार ने बाजार से हटा लेने के निर्देश जारी किये हैं. इस बाबत बाकायदा अख़बारों में नोटिस निकालकर इन्हें बेचने पर रोक लगाई गई है. वज़ह है इन प्रोडक्ट्स का जीवाणु टेस्ट में असफल होना. इससे पहले भारत में भारतीय सेना के लैब टेस्ट में रामदेव के प्रोडक्ट फेल होने से सेना ने अपनी कैंटीन से प्रोडक्ट्स हटा लिए थे और बिक्री पर रोक लगा दी थी.

बाबा रामदेव द्वारा सेना को घटिया आंवला जूस सप्लाई करने की खबर को न्यूज चैनलों ने दबा दिया

पतंजलि और बाबा रामदेव के अरबों-खरबों के विज्ञापन तले दबे मीडिया हाउसेज ने एक बड़ी खबर को दबा दिया. भारतीय सेना ने बाबा रामदेव द्वारा सप्लाई किए जा रहे आंवला को घटिया पाया है और इसकी बिक्री पर फौरन रोक लगा दी है. यह खबर दो दिन पुरानी है लेकिन इस मुद्दे पर किसी न्यूज …

न्यूज चैनल और अखबार वाले रामदेव की धोखेबाज कंपनी पतंजलि पर जुर्माने की खबर पी गए

Samar Anarya : हरिद्वार की अदालत ने सेठ रामदेव की पतन-जलि आयुर्भेद पर भ्रामक विज्ञापनों के लिए 11 लाख का जुर्माना। 2012 में पतन-जलि के सरसों तेल, नमक, अनानास जैम, बेसन और शहद के घटिया स्तर का पाए जाने पर ज़िला खाद्य सुरक्षा विभाग ने दर्ज किया था मामला!

रामदेव समर्थकों ने बनारस के राजघाट स्थित गांधी विद्या संस्थान परिसर पर कब्जे की कोशिश की

इसी गाड़ी पर सवार होकर अवैध कब्जा करने आए रामदेव समर्थक. वीडियो बना रहा यह कथित बाबा भी कब्जा करने आए लोगों के साथ था.

2 सप्ताह पहले अवैध कब्जाधारियों को हटाने का दिया था कमिश्नर ने आदेश…   बाबा रामदेव के पातंजली योग पीठ के प्रभारी और उनकी टीम ने सर्व सेवा संघ के परिसर में घुसपैठ करने की कोशिश की. कल सुबह रामदेव के लोग परिसर में स्थित गेस्ट हाउस में साफ़ सफाई के नाम पर घुस आये. बिना अनुमति अंदर घुसने का विरोध कर उन्हें बाहर निकाला गया. उसके उपरांत शाम को 5 बजे पतंजली योग पीठ के प्रांतीय प्रभारी अपने लोगों को गाड़ी में भर कर दुबारा आये और परिसर में पुनः प्रवेश करने की जबरन कोशिश की.

सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही बाबा रामदेव और बालकृष्ण की ये तस्वीर, जानें क्यों…

 

जब तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, बाबा रामदेव रोज काला धन की हुंकार भरते थे. काला धन का हिसाब अपने भक्तों और देशवासियों को बताते थे कि अगर वो काला धन आ गया तो देश की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी. काला धन के मुद्दे को नरेंद्र मोदी ने भी लपका और बाबा रामदेव की मुहिम को समर्थन किया. माना जाने लगा कि रामदेव और नरेंद्र मोदी की जोड़ी अगर जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो गई तो यह तो तय है कि देश में काला धन वापस आ जाएगा. लेकिन जोड़ी के जीतने और सरकार बनाने के बावजूद काला धन देश वापस नहीं आया.

बाबा रामदेव को अगर हरियाणा सरकार ने कैबिनेट रैंक दे दिया है तो इस पर हंगामा क्यों है बरपा?

Mukesh Yadav : बाबा रामदेव को अगर हरियाणा सरकार ने कैबिनेट रैंक दे दिया है तो इस पर हंगामा क्यों है बरपा? रामदेव ने शायद ही कभी कोई साम्प्रदायिक बयान दिया हो? जबकि टुच्चे टुच्चे राजनेता हर रोज जहर उगल रहे हैं! रामदेव की तुलना दूसरे बाबाओ से नहीं की जा सकती ! रामदेव एक उद्यमी बाबा है। उन्होंने सिर्फ दान से इतना बड़ा विकल्प खड़ा नहीं किया बल्कि उद्यम किया है। योग को तो वर्ल्ड फेम किया ही।

क्या एबीपी न्यूज अपनी चलाई सनसनियों पर एक बार भी नजर डालने को तैयार है?

Sheetal P Singh : लम्बे समय तक पेड मीडिया और चिबिल्ले चैनल इस कथित बाबा की गप्पों को UPA2 की हैसियत बिगाड़ने के लिये राष्ट्रीय ख़बर बनाते रहे। अब कोई अपनी ही चलाई सनसनियों पर एक बार भी नज़र डालने को तैयार नहीं है… और यह ढोंगी बाबा तो खैर टैक्सपेयर की कमाई से Zplus कैटगरी का हो ही गया!

हर दिन लाखों का विज्ञापन चैनलों पर देने वाले खरबपति बाबा की सुरक्षा पर जनता का धन खर्च होगा

Anil Singh : नेताओं को ही नहीं, कलियुगी साधुओं और बाबाओ को भी सुरक्षा की तगड़ी ज़रूरत है तो बाबा रामदेव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Z सुरक्षा देने का फैसला कर लिया है। राजनाथ सिंह ने मन ही मन सोचा – खर्च तो जनधन ही होगा, अपना या अपने पूत का क्या जाता है! कांग्रेस ने बड़ी चोरी की तो भाजपा ने छोटी चोरी की, इसमें क्या बुराई…. इस किस्म के तर्क दे रहे हैं कुछ लोग। मित्र, संत को कभी राजाश्रय या सुरक्षा की ज़रूरत नहीं होती। इसका एक अर्थ तो यही है कि यह बाबा संत नहीं, कुसंत है। दूसरे खरबों की संपत्ति वाला बाबा हर दिन लाखों का विज्ञापन न्यूज़ चैनलों पर दे सकता है तो अपनी सुरक्षा का इंतज़ाम खुद क्यों नहीं कर सकता? आखिर क्यों उस पर हमारा यानी करदाताओं का धन लुटाया जा रहा है?