मदन मोहन सोनी-
उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है लेकिन हाल ही में पत्रकारिता के इस डिजिटल दौर में बढ़ता हुआ खिलवाड़ खुलेआम सड़कों पर देखा जा रहा है। सड़कों पर फर्जी न्यूज़ के स्टिकर लगाकर फ़र्राटे से दौड़ रहे वाहन, यह सब देखकर लगता है कि यह कोई फिल्म सीन नहीं, बल्कि सच्चे व असली पत्रकारिता को बदनाम किया जा रहा है।
पत्रकारिता, जो देश का चौथा स्तंभ मानी जाती है, आज खुद को खतरे में महसूस कर रही है। यह नहीं कहा जा सकता कि सभी पत्रकार इसमें शामिल हैं, लेकिन फिर भी कुछ आपराधिक क़िस्म के लोग इस अवैध रूप से अंजाम दिये जा रहे कार्य में लिप्त हैं व वह ऐसा सिर्फ़ ट्रैफिक पुलिस पर दबाव बनाए रखने के लिये कर रहे हैं। इसमें ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली के मामले की शिकायतें भी लगातार देखी जा रही हैं, जो न केवल पत्रकारिता को बल्कि आम लोगों को भी परेशान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार, जो क़ानून व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन सरकार की यह कोशिशें लगातार नाकाम साबित हो रही हैं क्योंकि कुछ आपराधिक क़िस्म के लोग यूट्यूब पर बिना सरकारी रजिस्ट्रेशन के वीडियो डालकर एक चैनल बना रहे हैं और उनके चैनल के लोगो स्टिकर और प्रेस के लेबल के साथ फ़र्जी वाहनों पर चिपकाकर को सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। इस प्रकार की गतिविधियों में उन्हें गाड़ी के दस्तावेज बनाने की आवश्यकता नहीं होती और वे हेलमेट भी नहीं पहनते हैं। अगर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पकड़े जाते हैं, तो प्रेस के आड़ दिखाकर वे बच निकलते हैं।
इस प्रकार की गतिविधियों से सिर्फ यह ही नहीं की पुलिस और आम जनता को परेशान कर रही है, बल्कि मीडिया के प्रति समाज के विश्वास को भी ख़त्म कर रही है कि क्या हकीकत है और क्या दिखावा। इससे लोगों का लगातार मीडिया और पत्रकारिता से विश्वास कमजोर हो रहा है
फ़िलहाल इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाना होगा। सड़कों पर चल रहे सभी वाहनों को सही ढंग से जाँचना और उनके मूल दस्तावेजों की पड़ताल कर सही कदम उठाना होगा। सरकार द्वारा भी ऐसे फ़र्ज़ वाहनों व मीडिया के स्टिकर लगे वाहनों पर सख़्ती से पेश आकर ट्रैफिक पुलिस को अधिक से अधिक अधिक सहयोग देना होगा ताकि वे इस चुनौती से निपट सकें और सड़कों पर सुरक्षित यातायात सुनिश्चित कर सकें।
आगरा की सड़कों पर भी मीडिया के फर्जी स्टिकर्स लगे फ़र्राटे भरते वाहनों के फोटो लगातार वायरल हो रहे हैं। हाल ही में आगरा आए एडीजी ट्रैफिक द्वारा समीक्षा बैठक की गई थी। ताजनगरी में ट्रैफिक से संबंधित समस्याओं के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों ने सड़कों पर उतर कर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने हेतु धरातल की सच्चाई जानने की कोशिश की थी।
जब इस बारे में आगरा के ट्रैफिक पुलिस के एसीपी सैयद अरीब अहमद से बात की तो उन्होंने बताया कि समय- समय पर अभियान चला कर सरकार के आदेशों का लगातार पालन किया जा रहा है।सड़कों पर प्रेस व मीडिया फर्जी तरीक़े से लिखकर दौड़ रहे वाहनो के दस्तावेजों की जाँच की जाएगी व दोषी पाये जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।