Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

वो जो ‘अच्छे दिन’ न आने थे, न आए

शीतल पी. सिंह


 

Sheetal P Singh : अच्छे दिन… पिछले कई महीनों से होर्डिंग्स TV चैनल्स अख़बार रेडियो और सोशल साइट्स इन्हीं का डंका पीट रही थीं। ख़ुद साहब ने कहा “अच्छे दिन आ गये”। मेरी तरह साहब के कई आलोचकों को इस पर यक़ीन न था। हमारा तर्क था “नीतियों और आचरण के मामले में कांग्रेस और बीजेपी में कोई फ़र्क़ नहीं है”। अब यह दुबारा उनके लिये साबित होने जा रहा है जो २००४ में भाजपा के चुनाव के बाद मतदाता बने और इस चुनाव में अगर वे हिन्दू धर्मावलम्बियों में से थे तो ज़्यादातर “मोदी” जी के पक्ष में मत देने गये।

<p><img class=" size-full wp-image-15041" src="http://www.bhadas4media.com/wp-content/uploads/2014/06/images_kushal_sheetalpsingh.jpg" alt="" width="829" height="445" /></p> <p style="text-align: center;"><strong>शीतल पी. सिंह</strong></p> <hr /> <p style="text-align: center;"> </p> <p>Sheetal P Singh : अच्छे दिन... पिछले कई महीनों से होर्डिंग्स TV चैनल्स अख़बार रेडियो और सोशल साइट्स इन्हीं का डंका पीट रही थीं। ख़ुद साहब ने कहा "अच्छे दिन आ गये"। मेरी तरह साहब के कई आलोचकों को इस पर यक़ीन न था। हमारा तर्क था "नीतियों और आचरण के मामले में कांग्रेस और बीजेपी में कोई फ़र्क़ नहीं है"। अब यह दुबारा उनके लिये साबित होने जा रहा है जो २००४ में भाजपा के चुनाव के बाद मतदाता बने और इस चुनाव में अगर वे हिन्दू धर्मावलम्बियों में से थे तो ज़्यादातर "मोदी" जी के पक्ष में मत देने गये।</p>

शीतल पी. सिंह


 

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sheetal P Singh : अच्छे दिन… पिछले कई महीनों से होर्डिंग्स TV चैनल्स अख़बार रेडियो और सोशल साइट्स इन्हीं का डंका पीट रही थीं। ख़ुद साहब ने कहा “अच्छे दिन आ गये”। मेरी तरह साहब के कई आलोचकों को इस पर यक़ीन न था। हमारा तर्क था “नीतियों और आचरण के मामले में कांग्रेस और बीजेपी में कोई फ़र्क़ नहीं है”। अब यह दुबारा उनके लिये साबित होने जा रहा है जो २००४ में भाजपा के चुनाव के बाद मतदाता बने और इस चुनाव में अगर वे हिन्दू धर्मावलम्बियों में से थे तो ज़्यादातर “मोदी” जी के पक्ष में मत देने गये।

ऐतिहासिक बहुमत मिला पर मंत्रिमंडल के गठन ने ही निराशा का बीज बो दिया। चुनाव हारने वाले जेटली और ईरानी ने सबसे बड़े व कई कई विभागों पर सेंध मारी। गड़बड़ी साहब ने choice की मिनिस्ट्री ली और राजनाथ ने भी। मंत्री के credentials का कोई ध्यान न रखा गया। राजस्थान के एक को बलात्कार के मामले में कोर्ट से सम्मन है तो रेल मंत्री पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं। विपक्ष की लगभग अनुपस्थिति और नेतृत्व पर कोई सवाल न होने की ताक़त से लैस मोदी के लिये मेरे जैसे आलोचक को भी अपेक्षा थी कि मंत्रिमंडल में अरुण शौरी, सुब्रमणयम स्वामी और कई विश्वविख्यात विषय विशेषज्ञ होंगे पर ऐसा न हुआ!

Advertisement. Scroll to continue reading.

आशा के अनुरूप के जी ६ के मामले में सरकार रहस्यमयता की कांग्रेस की नीति को क़ायम रखे हुए है। मुंम्बई की मेट्रो में अंबानी (छोटे) द्वारा मनमानी करके किराया बढ़ा लेने पर बीजेपी की ज़बान तालू से चिपकी हुई है। दिल्ली की विद्युत वितरण में लगी बिजली कंपनियों की कैग द्वारा audit में सहयोग न करने के हाई कोर्ट की टिप्पड़ी पर सरकार की कोई टिप्पड़ी नहीं है। दिल्ली की बिजली समस्या पर पीयूष गोयल बोले तो बहुत पर बिजली कंपनियों को छोड़कर?
महंगाई पर मनमोहन को कितनी गालियाँ पड़ीं, अब वही बहाने फिर… “होरडिंग हो रही है, राज्यों को कहा गया है कार्यवाही करें”!

सीमा पर सीज फ़ायर उल्लंघन के चलते जवानों के मारे जाने पर क्या क्या न कहा गया। एक के बदलें दस सर ला रहे थे अब गोल? पडो़सियों को नसीहत और साड़ी संदर्भ से विदेश नीति चलाई जा रही है! हम जानते हैं पाकिस्तान का वह सब इलाज प्रैक्टिकल नहीं है जो वोट लेने के लिये सोशल मीडिया और जनसभाओं में आपने परोसा था, और अब दोस्ती की तहरीर बाँच रहे हैं? काले धन पर हवाइयाँ उड़नी शुरू हो गईं। अब आप भी नाम छिपायेंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

तो जनाब इन नये मतदाताओं को जो ध्रुवीकरण और हज़ारों करोड़ के प्रचार से mesmerize हो कर शिकार हो गये अब आप “कड़वी दवाई ” खाने के लिये तैयार कर रहे हैं, कीजिये! दवाई बनाने वालों का क़र्ज़ उतारना जो है, उन ग़रीबों को iron ore coal boxite आदि की खानें हथियानी हैं, forbs की लिस्ट में १-१० में आना है और क्या क्या नहीं करना, बहुत धन्धे हैं? दो भाई कुनैन की गोली दे ही डालो, भाई लोगों को हुआ भी तो मष्तिष्क ज्वर है?

वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. सिकंदर हयात

    June 19, 2014 at 10:02 am

    जहा तक पाकिस्तान के 1 के बदले 10 सर लाने की बकवास की बात हे ये तो कॉंग्रेस्स के अंग्रेजी पिशाचों की ही महामूर्खता थी की वो दबाव में आ गए और 5 साल तक पाकिस्तान के साथ शांति पर्किर्या रोकी रखी

  2. Ishwar

    July 7, 2014 at 8:13 pm

    Bhadas4media she bhadas4modi ho gye…kya baat h…than v TRP(hits) ka locha

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement