रतलाम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजपुर विधायक बाला बच्चन को विधानसभा में उठाए सवाल के जवाब में मिली जानकारी ने प्रदेश के पत्रकारों के कान खड़े कर दिये हैं। विधायक बाला बच्चन द्वारा जनसंपर्क विभाग के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल (जो कि ऊर्जा मंत्री भी है) से जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन नीति विषय से जुड़े चार सवाल पूछे गए। इन सवालों के जवाब में जो जानकारी विधानसभा में जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई, उसके मुताबिक विभाग द्वारा 235 वेबसाईट/वेबपोर्टलों को साढ़े चार साल में लगभग सवा बारह करोड़ रूपए के विज्ञापन बांट दिए गए। 70 न्यूज चैनलों को लगभग 72 करोड़ रूपए और क्षेत्रीय प्रचार के नाम पर लगभग 58 करोड़ रूपए दे दिए गए।
इस प्रकार वेबपोर्टल, न्यूज चैनल और क्षेत्रीय प्रचार संस्थाओं पर सरकार और मुख्यमंत्री के प्रचार-प्रसार के लिए आम आदमी की गाढ़ी मेहनत का 1300 करोड़ से ज्यादा का खर्चा कर दिया गया। अब बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश को विज्ञापन उनकी औकात से ज्यादा के दे दिए गए हैं। ऐसे कई लोगों को विज्ञापन दे दिए गए जो भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस से संबंध रखते हैं जो सिर्फ सरकारी विज्ञापन लेने के लिए पत्रकार बन गए हैं।
235 वेबसाईट में से मात्र 25 वेबसाईट ऐसी हैं जो नियमित पत्रकारिता कर रही हैं। 210 वेबसाईट के संचालक नामी गिरामी पत्रकारों के रिश्तेदार या जनसंपर्क विभाग के सेवा निवृत्त अधिकारी हैं, जिन्हें भारी भरकम राशी के विज्ञापन दिए गये हैं। कुछ डमी पत्रकारों के तौर पर भाजपा के प्रभावशाली नेताओं से जुड़े लोग भी हैं। बाला बच्चन का कहना है कि यह सारा पैसा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि बचाए रखने के नाम पर हथियाया गया है। इस मामले में अपने लोगों को उपकृत करने, भारी कमीशन खोरी से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाला बच्चन कहते हैं कि सूची में शामिल कुछ लोग वाजिब हैं जिनको विज्ञापन दिए जाने का हम स्वागत करतें हैं, लेकिन सूची में शामिल कई नाम सन्देहास्पद हैं। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के प्रश्न क्रमांक 283 के जवाब में सरकार द्वारा पेश सूची में रतलाम से संबंधित लोगों द्वारा संचालित वेबसाईट /वेबपोर्टलों की जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। रतलाम में रहने वाले लोगों द्वारा संचालित वेबपोर्टल के जरिए सरकारी विज्ञापन से पैसा कमाने के मामले में ईखबरटुडे डॉट कॉम सबसे आगे रही। इसने 8,45,000 रूपए के विज्ञापन लिए। सरकारी गपशप डॉट कॉम आई दूसरे नंबर पर 4,95,000 रूपए के सरकारी विज्ञापन लाने सफल रही। ईमालवा डॉट कॉम तीसरे नंबर पर रही जिसे 3,30,000 रूपए के सरकारी विज्ञापन मिले। पर्यावरण विर्मश डॉट कॉम चौथे नंबर पर रही जो 75,000 रूपए के सरकारी विज्ञापन लाने सफल रही। खबर बाबा डॉट कॉम पांचवे नंबर पर, जिसे 65,000 रूपए के सरकारी विज्ञापन मिले। न्यू मेकर इंडिया छठे नंबर पर, 30,000 रूपए के सरकारी विज्ञापन के साथ।
इंदौर की बेबदुनिया डॉट कॉम जो बड़ी वेबसाईट है, को मात्र 4 लाख 80 हजार रूपए दिए गये। रेडिफ डॉट कॉम इंडिया लिमिटेड को 15 लाख 64 हजार 650 रूपए के विज्ञापन दिए गये। रतलाम की ईखबर टुडे डॉट कॉम ने बिच्छू डॉट कॉम को पछाड़ दिया। राजपुर विधायक बाला बच्चन के सवाल नम्बर 283 जिसका विषय ‘जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन नीति’ है, के उत्तर में 8 दिसम्बर 2015 को विधानसभा में उत्तर प्रस्तुत किया गया।
रतलाम से युवा पत्रकार किशन साहू की रिपोर्ट. संपर्क: फोन- 9753548363 मेल- shabdexclusiveratlam@gmail.com
संबंधित खबरें>
शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के पत्रकारों के रिश्तेदारों पर 150 करोड़ रुपये उड़ाया, देखें लिस्ट
xxx
Comments on “मध्य प्रदेश में व्यापमं के बाद विज्ञापन घोटाला!”
list uthakr ginti fir se kariye or khabarnation bhi kare 235 nahi 259 website hai us list me jo ki puri nhi hai kai ke naam gayab hai copy past se bachiye