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वृंदावन में एक स्वामी करा रहे नास्तिकों का दो दिवसीय जमावड़ा (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : भगत सिंह ने लिखा- मैं नास्तिक क्यों हूं. Balendu Swami बताते हैं- नास्तिक होना क्यों जरूरी है. पिछले दिनों प्रेस क्लब आफ इंडिया में वृंदावन के एक स्वामी ने आकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए हिंदू-मुस्लिम-ईसाई सभी धर्मों के ठेकेदारों को ललकारा और इन्हें जनता का खून चूसने वाला बताया. पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए बालेंदु स्वामी ने विस्तार से समझाया कि अब क्यों बहुत जरूरी हो गया है नास्तिक होना. इस मौके पर कई लोगों ने उनसे सवाल किए. स्वामी ने सबके जवाब दिए. टुकड़े टुकड़े में ये चार वीडियो मैंने मोबाइल से बनाया.

<p>Yashwant Singh : भगत सिंह ने लिखा- मैं नास्तिक क्यों हूं. Balendu Swami बताते हैं- नास्तिक होना क्यों जरूरी है. पिछले दिनों प्रेस क्लब आफ इंडिया में वृंदावन के एक स्वामी ने आकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए हिंदू-मुस्लिम-ईसाई सभी धर्मों के ठेकेदारों को ललकारा और इन्हें जनता का खून चूसने वाला बताया. पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए बालेंदु स्वामी ने विस्तार से समझाया कि अब क्यों बहुत जरूरी हो गया है नास्तिक होना. इस मौके पर कई लोगों ने उनसे सवाल किए. स्वामी ने सबके जवाब दिए. टुकड़े टुकड़े में ये चार वीडियो मैंने मोबाइल से बनाया.</p>

Yashwant Singh : भगत सिंह ने लिखा- मैं नास्तिक क्यों हूं. Balendu Swami बताते हैं- नास्तिक होना क्यों जरूरी है. पिछले दिनों प्रेस क्लब आफ इंडिया में वृंदावन के एक स्वामी ने आकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए हिंदू-मुस्लिम-ईसाई सभी धर्मों के ठेकेदारों को ललकारा और इन्हें जनता का खून चूसने वाला बताया. पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए बालेंदु स्वामी ने विस्तार से समझाया कि अब क्यों बहुत जरूरी हो गया है नास्तिक होना. इस मौके पर कई लोगों ने उनसे सवाल किए. स्वामी ने सबके जवाब दिए. टुकड़े टुकड़े में ये चार वीडियो मैंने मोबाइल से बनाया.

जो लोग प्रेस कांफ्रेंस में नहीं पहुंच पाए, वे इन वीडियोज के जरिए स्वामी बालेंदु के विचार जान सकते हैं. आप नास्तिकता या आस्तिकता के दो छोरों पर भले खड़े हों या न खड़े हों, लेकिन बालेंदु स्वामी के इस कहे से तो इत्तफाक जरूर रखेंगे कि धर्म के धंधे ने गरीबों का बहुत खून पिया है और अथाह पैसा मंदिरों मस्जिदों ट्रस्टों के नाम पर इकट्ठा कर सड़ाया जा रहा है… ये चार वीडियो देखें, तब अपने विचार या कमेंट लिखें.. और हां, ये बताना तो भूल ही गया कि इस प्रेस कांफ्रेंस का मकसद क्या था. मध्य अक्टूबर (14-15 तारीख) में स्वामी बालेंदु वृंदावन में नास्तिकों का दो दिनी जमावड़ा करने जा रहे हैं जहां सब बहस, कविता, तर्क-वितर्क, डांस, मस्ती करेंगे. अगर आप भी इंट्रेस्टेड हों तो अभी से आनलाइन रजिस्ट्रेशन करा लें. लिंक ये है : https://www.facebook.com/events/1562547047381457

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(1) नास्तिक क्यों होना जरूरी है swami balendu
https://youtu.be/_Gv4mm_NxsM
(2) नास्तिक क्यों होना जरूरी है swami balendu
https://youtu.be/T4C6_1sz0_c
(3) नास्तिक क्यों होना जरूरी है swami balendu
https://youtu.be/87Rcsd290pk
(4) नास्तिक क्यों होना जरूरी है swami balendu
https://youtu.be/CJiBAsxw8pg

Syed Mohd Irfan : स्वामी बालेंदु Balendu Swami कभी एक धार्मिक आस्थावान व्यक्ति थे। समय ने कुछ ऐसा बदलाव किया कि वे वृन्दावन स्थित अपने आश्रम में नास्तिकता की वकालत करते हैं। गरीब और असमर्थ बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले स्वामी बालेंदु ने पिछले साल एक नास्तिक सम्मलेन अपने आश्रम में किया था। उसी क्रम क्रम को आगे बढ़ाते हुए वे अगले महीने 14-15 तारीखों को दूसरा नास्तिक सम्मलेन करने जा रहे हैं।  आज शाम नई दिल्ली के प्रेस क्लब में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां उन्होंने नास्तिकता और उससे जुड़े अपने इरादों के बारे में बताया।

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भड़ास के एडिटर यशवंत और राज्यसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार इरफान की एफबी वॉल से.

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