वृन्दावन में नास्तिक सम्मेलन निरस्त, बालेन्दु स्वामी ने माफी मांगी

आखिर वृन्दावन में नास्तिकता को आस्था ने घुटने टेकने को मजबूर कर ही दिया। नास्तिक सम्मेलन निरस्त कर दिया गया है। नास्तिक सम्मेलन आयोजन को रोकने लिये सभी संत एवं प्रबुद्धजन एकत्रित हुये तो प्रशासन ने भी किसी अनहोनी की आशंका के चलते इसकी अनुमति नहीं दी। संतों समाज का प्रतिनिधिमण्डल बालेन्दु स्वामी से मिला और विरोध प्रकट किया। बालेन्दु स्वामी ने ना केवल माफी मांगी है बल्कि भविष्य में ऐसा कोई आयोजन नहीं करने की बात कही जिससे लोगों की भावना और आस्था को ठेस पहुंचे।

जैन धर्म ने कक्षा 8 में पढ़ने वाली हैदराबाद के ज्वैलर्स की 13 वर्षीय बेटी आराधना की हत्या कर दी!

Balendu Swami : अहिंसा का धर्म कहे जाने वाले जैन धर्म ने कक्षा 8 में पढ़ने वाली हैदराबाद के ज्वैलर्स की 13 वर्षीय बेटी आराधना की हत्या कर दी! आराधना को 68 दिन तक उपवास करने पर “बाल तपस्विनी” की उपाधि दी गई, उसकी अंतिम यात्रा को शोभा यात्रा कहा गया और 600 लोग उसके अंतिम संस्कार के जलसे में शामिल हुए! इस मासूम बच्ची से घरवालों ने स्कूल छुड़वा कर तपस्या करवाई! भक्तों ने उसके साथ सेल्फियाँ लीं, मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने उसके साथ फोटो खिंचवाई और हर तरह से उसका महिमामंडन कर उसे गिफ्ट दिए!

वृंदावन में एक स्वामी करा रहे नास्तिकों का दो दिवसीय जमावड़ा (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : भगत सिंह ने लिखा- मैं नास्तिक क्यों हूं. Balendu Swami बताते हैं- नास्तिक होना क्यों जरूरी है. पिछले दिनों प्रेस क्लब आफ इंडिया में वृंदावन के एक स्वामी ने आकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए हिंदू-मुस्लिम-ईसाई सभी धर्मों के ठेकेदारों को ललकारा और इन्हें जनता का खून चूसने वाला बताया. पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए बालेंदु स्वामी ने विस्तार से समझाया कि अब क्यों बहुत जरूरी हो गया है नास्तिक होना. इस मौके पर कई लोगों ने उनसे सवाल किए. स्वामी ने सबके जवाब दिए. टुकड़े टुकड़े में ये चार वीडियो मैंने मोबाइल से बनाया.

‘द गार्जियन’ अखबार ने मोदी के बड़बोलेपन की खिल्ली उड़ाई

Balendu Swami : दुनिया के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक “द गार्जियन” ने खिल्ली उड़ाने वाले अंदाज में लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री ने दावे किये है कि हजारों साल पहले भी भारत में कृत्रिम गर्भाधान और कॉस्मेटिक सर्जरी इत्यादि उपलब्ध थी! सबूत के रूप में उन्होंने महाभारत के मिथक कर्ण की उत्पत्ति और गणेश को हाथी का सिर लगाए जाने की घटना का उदाहरण दिया! उन्होंने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि चिकित्सा विज्ञान में हम कितनी तरक्की कर चुके थे! नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत ही वहीँ से हुई जब एक मनुष्य के धड़ पर हाथी का सिर लगाया गया!