Sanjaya Kumar Singh : एनडीटीवी पर कार्रवाई हो, इसकी आड़ में ब्लैकमेल गलत है… एनडीटीवी के खिलाफ कोई वित्तीय मामला है। यह हमेशा से कहा जाता रहा है। एनडीटीवी का स्पष्टीकरण भी आता रहा है। सरकार के खिलाफ मीडिया संस्थानों पर आरोप कोई नई बात नहीं है और सरकार समर्थक माने जाने वाले मीडिया संस्थान पर विपक्षी दल आरोप लगाएं इसमें भी कुछ नया नहीं है। पर भड़ास 4 मीडिया की आठवीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव ने बिना नाम लिए एनडीटीवी का जिक्र किया था और श्रोताओं को यह यकीन दिलाया था कि दाल में कुछ तो काला है। परोक्ष रूप से उनका कहना यही था कि संस्थान में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का बेनामी निवेश है जिसकी जांच करने से उन्हें रोका गया।
उस दिन साथी पत्रकारों से बातचीत में पता लगा कि लोगों को संजय कुमार श्रीवास्तव के आरोपों पर यकीन नहीं था। ऐसे साथियों का कहना था कि अगर राजस्व सेवा अधिकारी की बातों में दम होता तो मोदी सरकार ने अभी तक कार्रवाई की होती। हालांकि, मेरा मानना है कि मीडिया से कोई भी सरकार सीधे मोर्चा नहीं लेती है। खासकर तब जब झुकने के लिए कहने पर पहले ही ज्यादातर मीडिया संस्थान रेंग रहे हों। इसलिए एनडीटीवी की नई संपादकीय नीति और पूर्व गृह व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का इंटरव्यू नहीं दिखाने का एनडीटीवी का निर्णय चिन्ता पैदा करने वाला है। अगर कुछ गड़बड़ है तो कार्रवाई की जाए – कोई एतराज नहीं है। पर गड़बड़ी की आड़ में दबाव डालना, संपादकीय नीति प्रभावित करना गलत है। आम लोग विज्ञापन के लिए “बिक जाने” जैसे चलताऊ आरोप लगा रहे हैं पर मामला उससे गंभीर है।
एनडीटीवी का यह मामला इसलिए भी गंभीर है कि अभी तक यह सरकार के खिलाफ अकेले डटा हुआ था और दूसरे संजय श्रीवास्तव का जो आरोप है वह यही कि वित्त मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने उन्हें एनडीटीवी के मामलों की पड़ताल करने के लिए परेशान और प्रताड़ित किया। अब अगर एनडीटीवी उसी पी चिदंबरम का इंटरव्यू (रिकार्ड होने पर भी) नहीं दिखा रहा है तो बात समझ में आ रही है। संजय श्रीवास्तव का आरोप तो लगभग यही है कि एनडीटीवी में पी चिदंबरम का बेनामी निवेश है और उन्हें इस मामले की तह में जाने से रोका गया। अब वही एनडीटीवी और चिदंबरम एक तरह से आमने-सामने हैं। सरकार कार्रवाई करे पर घपले-घोटाले में राजनीति ना करे और इसकी आड़ में ब्लैकमेल तो बिल्कुल अनुचित है। सरकार को और एनडीटीवी को भी चाहिए कि इस मामले में स्थिति साफ करें।
आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव ने भड़ास के कार्यक्रम में क्या कहा, जानने के लिए इसे पढ़ें : https://www.bhadas4media.com/sabha-sangat/10688-bhadas-karyakram
पी. चिदंबरम का इंटरव्यू न दिखाने संबंधी मूल खबर का लिंक ये है… http://thewire.in/71640/ndtv-censor-news-compromises-national-security/
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.
Comments on “क्या एनडीटीवी ने मोदी सरकार के दबाव में चिदंबरम का इंटरव्यू नहीं दिखाया?”
एनडीटीवी वाले सामाजिक सरोकार का नाटक बंद करो अब। पिछले दरवाजे तुम्हारा मोदी से समझौता हो गया है। तुम लोगो ने पी चिदंबरम का पूरा इंटरव्यू क्यो नही दिखाया। राहुल गांधी का बयान क्यो नही दिखाया। बस अमित शाह का गुणगान करते रहो। टैक्स वाले मामले के कारण क्या पत्रकारिता से समझौता कर लिया। रवीश कुमार आप इस चैनल से अलग हो जाओ अब। आप के कारण हम इस चैनल को देखते थे। बाकी जो है…….